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    Meerut News: पिता ने मोबाइल का अधिक प्रयोग करने पर डांटा तो किशोर ने निगल लिया जहर, हालत गंभीर

    Updated: Tue, 15 Jul 2025 07:57 AM (IST)

    मेरठ के लोहियानगर क्षेत्र में एक पिता द्वारा मोबाइल का कम इस्तेमाल करने के लिए डांटे जाने पर 14 वर्षीय किशोर ने जहरीला पदार्थ निगल लिया। किशोर को गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती कराया गया है। मनोचिकित्सकों का कहना है कि मोबाइल की लत वाले बच्चों को डांटने के बजाय प्यार से समझाना चाहिए क्योंकि डांटने से वे गलत कदम उठा सकते हैं।

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    Meerut News: पिता ने मोबाइल का अधिक प्रयोग करने पर डांटा तो किशोर ने निगल लिया जहर, हालत गंभीर

    जागरण संवाददाता, मेरठ। मोबाइल फोन की लत युवाओं से लेकर बच्चों पर भी हावी हो रही है। इससे दूरी बर्दाश्त नहीं हो रही है। सोमवार को लोहियानगर थाना क्षेत्र के एक गांव में पिता ने किशोर को मोबाइल का कम प्रयोग करने को कहा। 

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    बेटा नहीं माना तो उन्होंने उसे डांट दिया। इस पर किशोर इस कदर नाराज हुआ कि कि उसने जहरीला पदार्थ निगल लिया। किशोर को गंभीर हालत में हापुड़ रोड स्थित मेरठ क्रिस्टल केयर अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां उसकी स्थिति नाजुक बनी हुई है। 

    यह है पूरा मामला

    थानाक्षेत्र के एक गांव निवासी व्यक्ति का 14 वर्षीय बेटा कक्षा आठ का छात्र है। सोमवार दोपहर बालक घर में लेटा हुआ मोबाइल चला रहा था। पिता ने मोबाइल का अधिक प्रयोग करने से मना किया, लेकिन किशोर नहीं माना। वह मोबाइल चलाता रहा। 

    इस पर पिता ने उसे डांट दिया। इससे नाराज होकर किशोर ने जहरीला पदार्थ निगल लिया। हालत बिगडने पर स्वजन उसे अस्पताल ले गए। 

    इंस्पेक्टर लोहिया नगर ने बताया कि सूचना पर बिजली बंबा चौकी प्रभारी को अस्पताल भेजा गया था। स्वजन ने किसी भी कर्रवाई से इन्कार कर दिया।

    स्क्रीन टाइम अधिक होने पर मोबाइल एडिक्शन (फोन की लत) की गिरफ्त में बच्चे आ जाते हैं। इस मामले में भी ऐसा ही रहा होगा। बच्चा यदि मोबाइल एडिक्शन की गिरफ्त में हो तो उसे धीरे-धीरे समझाने का प्रयास करें। स्क्रीन टाइम से होने वाले दुष्प्रभाव के बारे में बताए। जैसे गर्दन में अकड़न आ जाती है। एकाग्रता भंग हो जाती है। नींद डिस्टर्ब हो जाती है, जिससे शरीर का मेटाबॉलिज्म बिगड़ जाता है। 

    यदि मोबाइल एडिक्शन से ग्रस्त बच्चे को अचानक डांटने का काम करेंगे तो वह आवेश में आएगा। आवेश में आने पर उसके अंदर नकारात्मक विचार आएंगे और गलत कदम उठा सकता है। इसलिए जब भी बच्चे मोबाइल पर अधिक समय बिताएं तो उनकी काउंसलिंग करानी चाहिए। मनोचिकित्सक को दिखाना चाहिए। 

    -डाॅ. तरुण पाल, मानसिक रोग विशेषज्ञ