बंदरों के बाद एक और आफत! शादी से लौट रहे हलवाई पर आवारा कुत्तों का हमला, पैर को नोंचा
मेरठ में आवारा कुत्तों का आतंक जारी है, हाल ही में एक हलवाई और दो अन्य लोगों पर कुत्तों ने हमला किया। नगर निगम की उदासीनता के कारण लोगों में डर का माहौल है। एंटी-रेबीज वैक्सीन की उपलब्धता भी एक समस्या बनी हुई है। शहर में बंदरों का आतंक भी है, जिससे लोग परेशान हैं। नगर निगम का कहना है कि वह जल्द ही एनिमल बर्थ कंट्रोल सेंटर के लिए टेंडर खोलेगा।

जागरण संवाददाता, मेरठ। अफसरों की उदासीनता के चलते जिले में प्रतिबंधित खूंखार कुत्तों, पालतू व आवारा कुत्तों का आतंक कम नहीं हो रहा है। सोमवार की देर रात शादी से अपने भगवतपुरा मुहल्ले स्थित घर लौटे रहे हलवाई पर आवारा कुत्तों का झुंड टूट पड़ा। दांत और पंजे से उन पर हमला किया। बाएं पैर को नोंच दिया। घायल अवस्था में हलवाई जिला अस्पताल पहुंंचे और वहां उपचार कराया। श्यामपुरा में चूड़ी व्यापारी व जागृति विहार में स्पार्ट्स फैक्ट्री के कर्मचारी को आवारा कुत्ते ने काट लिया।
भगवतपुरा मुहल्ले निवासी राजेंद्र ने बताया कि वह हलवाई है। सोमवार की देर रात वह एक शादी से पैदल अपने घर लौट रहे थे,तभी मुहल्ले में आवारा कुत्तों के झुंड ने उन पर हमला बोल दिया। कुत्तों ने नीचे गिरा कर उसके पैर को नोंचकर लहूलुहान कर दिया। बाद में आसपास घूम रहे लोगों ने बचाया। बताया कि वह किसी तरह जिला अस्पताल पहुंचे जहां प्राथमिक उपचार कराया। मंगलवार को वह एंटी-रेबीज़ वैक्सीन लगवाने के लिए जिला अस्पताल गए पर अवकाश के कारण वैक्सीन नही लगी।
श्यामनगर निवासी जुबैर चूड़ी का कारोबार करते हैं। सोमवार की रात वह अपनी दुकान को बंद करके अपने घर जा रहे थे। मुहल्ले से पहले ही एक कुत्ते ने उन पर हमला कर दिया। उसके पैर में काट लिया। जुबैर का कहना है कि नगर निगम सूचना देने के बाद भी आवारा कुत्तों को नही पकड़ रहा है। मंगलवार को वह एंटी-रेबीज़ वैक्सीन लगवाने के लिए जिला अस्पताल गए पर अवकाश होने के कारण वैक्सीन नही लगी।
जागृति विहार के आंनद सूरजकुंड पर स्पार्ट्स फैक्ट्री में काम करते हैं। सोमवार की रात वह फैक्ट्री से अपने घर लौट रहे थे। जब वह सूरजकुंड से बाहर निकले तो अचानक से दो कुत्ते आए और उस पर हमला कर दिया। उसके पैर में काट लिया। आनंद को भी जिला अस्पताल में एंटी-रेबीज़ वैक्सीन नहीं लगाया जा सकी। इसके बाद वह मेडिकल कालेज पहुंचकर उन्होंने एंटी-रेबीज़ वैक्सीन लगवाई।
आवारा कुत्ते नोचें या काटे...निगम के अफसर खामोश
- 1 लाख लाख हैं नगर निगम क्षेत्र में आवारा कुत्तों को अनुमानित संख्या
- 50 से अधिक पीड़ित रोजाना रेबीज इंजेक्शन लगवाने अस्पताल पहुंचते हैं
- 100 से अधिक मरीज सीएचसी-पीएचसी भी पहुंच रहे
मेरठ: रविवार की रात बेगमपुल स्थित डिवाइडर पर रहने वाले खानाबदोश परिवार की महिला गंगा की डेढ़ वर्षीय बेटी गंगोत्री कुत्तों ने नोंचकर मार डाला। सोमवार की देर रात भगवतपुरा मुहल्ले स्थित घर लौटे रहे हलवाई पर आवारा कुत्तों के झुंड ने हमला कर उनके बाएं पैर को नोंच दिया। श्यामपुरा में चूड़ी व्यापारी व जागृति विहार में स्पार्ट्स फैक्ट्री के कर्मचारी को आवारा कुत्ते ने काट लिया।
दो दिन में हुई इन घटनाओं से हर कोई सहमा हुआ हैं। नगर निगम क्षेत्र में आवारा कुत्तों के हमले लगातार हो रहे हैं। इसके बाद भी नगर निगम के कान पर जूं तक नहीं रेंग रहा। आवारा कुत्तों के आतंक से छुटकारा दिलाने के लिए आज तक कोई इंतजाम नहीं कर पाया है।
प्यारे लाल शर्मा जिला अस्पताल में प्रतिदिन 50 मरीज कुत्ते के काटने पर एंटी-रेबीज़ वैक्सीन लगवाने आते है। 59 सीएचसी-पीएचसी में भी 100 से अधिक लोग कुत्ते काटने के कारण पहुंच रहे हैं। इस तरह की घटनाएं होने के बाद सवाल उठता है आखिर कुत्तों का यह खौफ कब थमेगा।
आक्रामक कुत्तों को शेल्टर होम में रखने की योजना अभी कागजों पर
आवारा कुत्तों पर नियंत्रण के लिए सुप्रीम कोर्ट ने शैक्षणिक संस्थानों, अस्पतालों, बस स्टैंड, खेल परिसरों और रेलवे स्टेशनों से आवारा कुत्तों को हटाने के लिए नगर निगम को आदेशित किया है। आदेश के बाद भी अभी तक नगर निगम ने 15 करोड़ हर साल देने की योजना नगर विकास विभाग को भेजी है। इस योजना को कब ग्रीन सिग्नल मिलेगा, अभी स्पष्ट नही है।
इतना जरूर है कि पिछले चार साल में नगर निगम 35457 कुत्तों की नसबंदी का दावा कर रहा है। हालांकि फीडिंग प्वाइंट बनाने, बंध्याकरण के बाद माइक्रोचिप लगाने और आक्रामक कुत्तों को शेल्टर होम में रखने की योजना अभी कागजों पर है। नगर निगम का नया एनिमल बर्थ कंट्रोल सेंटर व आक्रामक कुत्तों को रखने की व्यवस्था तो हो गई है। लेकिन इस व्यवस्था को मूर्त रूप देने के लिए अभी एजेंसी का चयन नहीं हुआ है। अब नगर निगम ने नई पालिसी के तहत एजेंसी चयन के लिए चौथी बार निविदा आमंत्रित की गई है।
बंदरों का भी शहर में आतंक
शहर में कुत्तों का ही नहीं, बंदरों का भी आतंक है। मंगलवार को भैंसाली बस स्टैंड पर बंदरों के आतंक से यात्री परेशान दिखे। कोई बंदर बस के अंदर उत्पाद मचा रहा है तो कोई यात्रियों के बैग को खींच रहा है। बंदरों के बारे में नगर निगम कोई कार्रवाई नहीं करता है। नगर निगम वन विभाग पर टाल देता है और वन विभाग बोलता है कि बंदर उनका जीव नहीं है। इसलिए वह बंद नहीं पकड़ सकते हैं। इसलिए बंदरों का आतंक शहर के लोगों पर बरकरार है।
जिन स्थानों से कुत्ते के काटने की सूचना मिली है, वहां टीम भेजकर आवारा कुत्ते पकड़े गए है। एक एनिमल बर्थ कंट्रोल सेंटर चल रहा है। दूसरे एनिमल बर्थ कंट्रोल सेंटर व आक्रामक कुत्तों को रखने की व्यवस्था के लिए 10 दिसंबर को टेंडर खुलेगा। दो डाग स्क्वायड गठित है। -डा. अमर सिंह, नगर स्वास्थ्य अधिकारी

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