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मेरठ के सोतीगंज की हकीकत जानकर रह जाएंगे दंग, खुलेआम बेचे जा रहे थे चोरी के वाहनों के पुर्जे

Meerut Sotiganj मेरठ के सोतीगंज में कबाड़ियों ने काटने के लिए मात्र छह वाहन खरीदे जबकि रोज बेचे 50 से 70 वाहनों के पुर्जे। यानी छह के अलावा सभी पुर्जे चोरी के वाहनों से निकाले गए थे। यह सच पड़ताल के बाद सामने आया है। पुलिस की सख्‍ती कायम है।

By Prem Dutt BhattEdited By: Published: Tue, 14 Dec 2021 08:45 AM (IST)Updated: Tue, 14 Dec 2021 10:23 AM (IST)
मेरठ के सोतीगंज की हकीकत जानकर रह जाएंगे दंग, खुलेआम बेचे जा रहे थे चोरी के वाहनों के पुर्जे
पुलिस की सख्‍ती के बाद सोतीगंज बाजार का तल्‍ख सच सामने आ रहा है।

सुशील कुमार, मेरठ। सोतीगंज बाजार में वाहनों के कमले की हकीकत सुनकर आप भी दंग रह जाएंगे। पुलिस की जांच में सामने आया है कि छह माह में कबाडिय़ों ने नीलामी के सिर्फ छह वाहनों का कटान किया है, जबकि हर रोज करीब 50 से 70 वाहनों के पुर्जे यहां से बेच दिए जाते हैं। पड़ताल में सामने आया कि पहले काटी गई चोरी की गाडिय़ों के पुर्जे गोदामों से बेचे जा रहे हैं। कुछ अन्य स्थानों पर भी वाहन कटान कर पुर्जों को सोतीगंज बाजार में लाकर बेचा जा रहा था। साफ है कि सोतीगंज में हर दुकान पर चोरी के वाहनों के पुर्जे बेचे जा रहे थे। ऐसे में पुलिस अब हर दुकान की पड़ताल करेगी। फोरेंसिक लैब में पुर्जों के नंबर की जांच की जाएगी। पुलिस की इस कार्रवाई तक सभी दुकानों को बंद रखा जाएगा।

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गैंगस्टर लगाकर संपत्ति कुर्क

एसएसपी प्रभाकर चौधरी की तैनाती के बाद सोतीगंज के कबाडिय़ों पर गैंगस्टर लगाकर संपत्ति कुर्क करने की कार्रवाई की गई। उसके बाद से चौपहिया वाहनों का सोतीगंज में कटान बंद हो गया था। हालांकि दोपहिया वाहनों का कटान चोरी-छिपे चल रहा था। पुलिस जांच में सामने आया कि चार पहिया वाहनों की चोरी पूरी तरह से रुक गई, जबकि दोपहिया वाहनों की चोरी भी 70 प्रतिशत कम हुई है। ऐसे में एसएसपी प्रभाकर चौधरी की तरफ से पड़ताल कराई गई कि सोतीगंज में नीलाम की गई कितनी गाडिय़ां काटी गई हैं।

यह सवाल भी उठता है

छह माह के समय की पड़ताल में सामने आया कि सिर्फ चार पहिया छह वाहनों का कटान हुआ है। उसके बाद सवाल उठता है कि हर रोज दोपहिया और चार पहिया 50 से 70 वाहनों के पुर्जे कहां से बेचे जा रहे हैं। पड़ताल में सामने आया कि ज्यादातर कबाडिय़ों ने कैंट एरिया या शहर के आउटर हिस्से व घरों के अंदर अपने गोदाम बना रखे हैं, जिनमें पहले से काटी गईं चोरी की गाडिय़ों के पुर्जे छिपाकर रखे हुए थे। उन पुर्जों को निकालकर बेचा जा रहा था। यही कारण है कि एसएसपी ने सोतीगंज की प्रमुख 275 दुकानों का रिकार्ड आयकर विभाग और जीएसटी को भेज दिया है। ताकि पड़ताल हो सके कि बेचा गया सामान कहां से खरीदा जा रहा था।

वाहन चोरी के साथ टैक्स चोरी कर रहे थे कबाड़ी

पुलिस की जांच में आया कि वाहनों को चोरी करने के साथ टैक्स चोरी भी की जा रही थी। सभी कबाड़ी चोरी के वाहनों के उपकरण बेचकर टैक्स चोरी भी कर रहे हैं। जीएसटी और आयकर की टीम भी कबाडिय़ों की हर रोज की बिक्री का रिकार्ड मांग रही है। ताकि चोरी के वाहनों की खरीदारी कबाड़ी बंद कर दें। उसके बाद वाहन चोरी की घटनाओं में खुद ही कमी आएगी।

कबाडिय़ों की कोठी की होगी जांच

सोतीगंज के कबाडिय़ों ने अवैध धन की कमाई में अपने आलीशान मकान बना लिए हैं, जिनमें करोड़ों की रकम खर्च की गई है। यानि बिना रिकार्ड की रकम को सबसे ज्यादा कबाडिय़ों ने कोठियां बनाने में लगाया है। इसके अलावा मौज-मस्ती पर भी खूब रकम खर्च की गई है। ऐसे में कप्तान ने एएसपी सूरज राय को सभी कबाडिय़ों के मकानों का रिकार्ड जुटाने के भी आदेश दिए गए हैं। सोतीगंज से लेकर कैंट और पटेल नगर तक कबाडिय़ों ने अलीशान मकान बना रखे हैं। काफी कबाडिय़ों ने पटेल नगर से सटे थापर नगर के भी कुछ मकान खरीदे हैं। उनके पास मकान खरीदारी को लेकर इतनी मोटी रकम कहां से आई, इसकी भी पड़ताल की जा रही है।


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