पिटाई की VIDEO देख हर मां का दिल दहल जाएगा... मेरठ में टोलकर्मियों ने सिपाही को गुंडों की तरह पीटा
मेरठ में टोल प्लाजा पर फौजी से मारपीट की घटना से परिजनों में रोष है। मां ने टोलकर्मियों पर बेटे को गुंडों की तरह पीटने का आरोप लगाया है। पिता ने आरोपियों के घरों पर बुलडोजर चलाने और देशद्रोह का मुकदमा दर्ज करने की मांग की है। मानवाधिकार आयोग ने मामले का संज्ञान लेकर रिपोर्ट तलब की है।

जागरण संवाददाता, मेरठ। फौजी के साथ मारपीट की वीडियो देखकर मां सुनीता का दिल कांप गया। बोलीं, टोलकर्मियों ने बेटे को गुंडों की तरह पीटा हैं। पूरे शरीर पर चोट के निशान आरोपितों की बर्बरता बयां करने के लिए काफी हैं। पुलिस समय से नहीं पहुंचती तो बेटे को जान से ही मार देते। कपिल की गलती क्या थी? उसने तो सिर्फ टोलकर्मियों से रास्ता मांगा था।
उसके बाद आरोपितों ने गुंडों की तरह पीटा। पिता और परिवार के अन्य सदस्य कार के अंदर बंद थे, जो सिर्फ कपिल की कराहट ही सुनते रह गए। तब भी पुलिस सिर्फ आरोपितों पर जानलेवा हमले की कार्रवाई कर रही हैं, ऐसे आरोपितों पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई हो। ताकि भविष्य में कोई सेना के जवान की तरफ आंख उठाकर नहीं दे सकें।
टोलकर्मियों की गुंडागर्दी से पूरा देश परेशान है। टोलकर्मी भाड़े के गुंडे पालकर रखते हैं। फिर राहगीरों से बेशर्मी बदतमीजी करते हैं।
अब देखिए कैसे हमारे भारतीय सेना के जवान के साथ इन हैवानों तालिबानी अंदाज़ में मारपीट की।
मेरठ के रहने वाले कपिल छुट्टी खत्म होने पर ज्वाइनिंग के… pic.twitter.com/BrBCt2nRhW
— Shubham Shukla (@ShubhamShuklaMP) August 18, 2025
पिता कृष्णपाल ने बताया कि कपिल 2018 में सेना में भर्ती हुए थें। उसके बड़े भाई सचिन भी सेना में हैं। कपिल की तैनाती फिलहाल श्रीनगर में चल रही है। कपिल अपनी छुट्टी खत्म करने के बाद वापस जा रहा था। दिल्ली एयरपोर्ट पर परिवार के लोग भी उसे छोड़ने जा रहे थे।
टोलकर्मियों ने कपिल को अधमरा कर दिया। ऐसे आरोपितों के घरों पर बुल्डोजर चलना चाहिए। मुकदमे में देशद्रोह की धारा की इजाफा किया जाए। कपिल ने आरोपितों को बताया कि मैं सेना में हूं, बाकायदा अपना आईडी कार्ड भी दिखाया।
उल्टे टोलकर्मियों ने आइडी कार्ड फेंक दिया। चार आरोपितों ने हाथ पकड़े और खंभे से बांध कर मारपीट शुरू कर दी। टोलकर्मियों से कपिल को छोड़ने के लिए गिड़गिड़ाते रहे। तब भी उन्होंने एक नहीं मानी। सैनिक अस्पताल में भर्ती कपिल ने सिर्फ इतना बताया कि टोलकर्मियों ने एकजुट होकर बर्बरता की सभी हदें लांघ दी थी।
मानवाधिकार आयोग ने दो सप्ताह में अफसरों से मांगी रिपोर्ट
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने इस बाबत एक शिकायत पर इस घटना पर संज्ञान लिया है। शिकायतकर्ता ने सैनिकों की सुरक्षा और सम्मान के बारे में चिंता जताई है। साथ ही टोल पर सुरक्षित यात्रा कराने की मांग की है।
बताया है कि एनएचएआइ की तरफ से टोल पर 20 लाख का जुर्माना लगाया है। उक्त मुआवजा पीडि़त को दिया जाए। राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने इस बाबत डीएम-एसएसपी और एनएचएआइ दिल्ली के अफसरों को नोटिस देकर दो सप्ताह में पूरे प्रकरण की रिपोर्ट मांगी है।
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