मेरठ के एसओ में किस मामले में मुकदमा नहीं किया था दर्ज? अब हो गए सस्पेंड
मेरठ के भावनपुर में ट्रांसपोर्टर पुष्पेंद्र नागर के साथ हुई घटना के बाद मुकदमा दर्ज न करने पर एसओ योगेंद्र कुमार को सस्पेंड कर दिया गया है। पुष्पेंद्र के भाई ने लूटपाट और जान से मारने की धमकी की शिकायत की थी, जिसके बाद पुलिस की लापरवाही सामने आई। डीआइजी ने अनुशासनात्मक कार्रवाई के निर्देश दिए हैं और मामले की जांच जारी है।

मेरठ के एसओ में किस मामले में मुकदमा नहीं किया था दर्ज? अब हो गए सस्पेंड
जागरण संवाददाता, मेरठ। मंगलवार की देर शाम ट्रांसपोर्टर पुष्पेंद्र नागर के भाई विकल की तरफ से घटना की तहरीर भावनपुर थाने में दे दी गई। उनका आरोप है कि सियाल के बाइक सवार युवकों ने मारपीट कर लूटपाट की। जाते हुए जान से मारने की धमकी दी गई। उसके बाद भी पुलिस ने मुकदमा दर्ज नहीं किया। पुलिस की जांच में सामने आया कि लूट या हादसा दोनों में पुलिस को मुकदमा दर्ज करना चाहिए था। लापरवाही मानते हुए एसओ योगेंद्र कुमार को सस्पेंड कर दिया।
पुष्पेंद्र नागर के जहर खाने के बाद बड़ी संख्या में मुबारिकपुर के लोग गढ़ रोड स्थित अस्पताल में पहुंचे। वहां पर पुलिस का विरोध किया। भावनपुर एसओ को अस्पताल से ही वापस लौटा दिया है। उसके बाद कई थानों की पुलिस को मौके पर भेजकर मामले को शांत किया गया। सीओ सिविल लाइंस अभिषेक तिवारी ने बताया कि परिवार को समझाकर शांत कर दिया गया। पुष्पेंद्र नागर का उपचार चल रहा है। पहले से उसकी हालत में सुधार बताया जा रहा है।
डीआइजी ने दिए अनुशासनात्मक कार्रवाई के निर्देश
डीआइजी कलानिधि नैथानी ने बताया कि भावनपुर पुलिस की लापरवाही मामले में उजागर हो रही है। पीड़ित के आने पर हादसा या लूट का मुकदमा दर्ज होना चाहिए था। पुलिस ने पीड़ित का मुकदमा दर्ज नहीं किया है। ऐसे में भावनपुर पुलिस के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई के निर्देश दिए गए है। पूरे मामले की जांच एसपी देहात कर रहे है।
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