मेरठ में उपद्रव करने के 8 दोषियों को साढ़े 16 साल बाद 4-4 साल की सजा, धार्मिक नारे लगा पुलिस पर किया था पथराव
17 जून 2009 को रोहटा फाटक पर कुरान फाड़ने के आरोप में हुई आगजनी और हिंसा के मामले में अपर जिला जज ने 16 साल बाद आठ दोषियों को चार-चार वर्ष के क ...और पढ़ें

जागरण संवाददाता, मेरठ। 17 जून 2009 में रोहटा फाटक पर जमातियों ने कुरान फाड़ने का आरोप लगाते हुए आगजनी कर दी थी। मुस्लिम समाज के लोगों ने रोहटा फाटक से जिला अस्पताल तक जमकर बवाल काटा था। अस्पताल में धार्मिक नारे लगाते हुए पुलिस पर भी पथराव कर दिया था। तत्कालीन ब्रह्मपुरी थाना प्रभारी ने आठ दोषियों को नामजद और अन्य अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था। इस मामले में अपर जिला जज ने साढ़े 16 साल बाद आठ दोषियों को चार-चार वर्ष के कारावास की सजा सुनाई।
सरकारी वकील बबीता वर्मा ने बताया कि कंकरखेड़ा थाना क्षेत्र के गांव सिंघावली से एक दल जमात में गया था। 17 जून 2009 को दल वापस लौट रहा था। रोहटा रेलवे फाटक पर जमात दल के लोग फल आदि सामान लेने के लिए रुके थे। खोखा मालिक ने वहां ट्रैक्टर खड़ा करने पर विरोध जताया। कहासुनी के बाद खोखा मालिक और जमात दल के लोगों में मारपीट हो गई थी।
घटना की जानकारी सिंघावली गांव पहुंची तो वहां से सैकड़ों की संख्या में मुस्लिम समाज के लोग घटनास्थल पर पहुंच गए। उन्होंने रोहटा रोड पर जाम लगाकर नारेबाजी करते हुए आगजनी कर दी थी।
घायलों को जिला अस्पताल में कराया था भर्ती
पुलिस ने घायलों को जिला अस्पताल में भर्ती कराया। वहां भी मुस्लिम समाज के लोगों ने जमकर हंगामा करते पुलिस पर पथराव कर दिया था। उपद्रवी जिला अस्पताल से नारेबाजी और पथराव करते हुए घंटाघर, जली कोठी और ईदगाह चौराहे तक पहुंच गए थे।
माहौल को बिगड़ते देख पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा था। पुलिस ने तत्कालीन ब्रह्मपुरी थाना प्रभारी की तहरीर पर ऊंचा सद्दीक नगर निवासी जैनुल, नदीम, साबिर के अलावा खत्ता रोड निवासी रईस, घंटे वाली गली निवासी रहमत व शाहिद, भूरा और सरताज को नामजद करते हुए अन्य अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था।

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