यूपी के इस जिले में आठ हजार करोड़ रुपये का निवेश तैयार, उद्यमी खरीद चुके हैं भूमि
Meerut News : मेरठ में 8,000 करोड़ रुपये का निवेश होने जा रहा है, जिसके लिए उद्यमियों ने भूमि खरीद ली है। इस निवेश से क्षेत्र में औद्योगिक विकास को बढ ...और पढ़ें

मेरठ में जमीन का निरीक्षण करते अधिकारी।
प्रदीप द्विवेदी,जागरण, मेरठ। सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम (MSME) का मेरठ प्रमुख क्षेत्र है, इसमें तेजी से प्रगति होने वाली है। पहले से स्थापित उद्योग अपना विस्तार करेंगी या कोई नया उद्योग भी शुरू करेंगी। इसके साथ ही कई आवासीय और व्यावसायिक परियोजनाएं भी आकार लेंगी। लगभग आठ हजार करोड़ रुपये के निवेश की तैयारी पूरी हो गई है। ये वे निवेशक हैं जिनके पास पहले से ही जमीन थी या फिर खरीदारी कर चुके हैं। इनमें से कई प्रस्ताव ऐसे भी हैं जिन पर कार्य भी शुरू हो चुका है।
प्रदेश सरकार अगले साल इन्वेस्टर्स समिट के अंतर्गत ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी (GBC) आयोजित करेगी। फरवरी तक आयोजन की उम्मीद है। इसे जीबीसी 5.0 नाम दिया गया है। इस सेरेमनी का मतलब है कि उस निवेश के लिए जश्न मनाना जो धरातल पर उतर चुकी हैं या फिर उतरने वाली हैं। मेरठ को 2025 के लिए 10 हजार करोड़ रुपये का लक्ष्य दिया गया था।
जिला उद्याेग केंद्र के अनुसार इसमें से अब तक 80 प्रतिशत लक्ष्य हासिल कर लिया गया है। उपायुक्त उद्योग दीपेंद्र कुमार ने बताया कि आठ हजार करोड़ रुपये का जो निवेश होने जा रहा है उसमें ऐसी कंपनियां हैं जो नई इकाई स्थापित करेंगी। जैसे पसवाड़ा पेपर मिल, मिनी मेट्रो नई इकाइयां स्थापित करने वाली हैं।
महावीर पैकेजिंग ने पिछले साल एमएसएमई के लिए औद्योगिक प्लेज पार्क विकसित किया था। अब इस साल इस औद्योगिक क्षेत्र का फेज-टू विकसित करने का एमओयू किया है।
आवासीय क्षेत्र में इंपीरियल कोर्टयार्ड, पारस एस्टेट, द्वारका हाईट्स समेत कई निवेश समझौते हुए हैं। इनमें से अधिकांश का कार्य गति पकड़ चुका है। बिजली बंबा बाईपास पर एक कालोनी विकसित की जा रही है, वह भी निवेश समझौते में शामिल है। कई होटल, व्यावसायिक कांप्लेक्स भी इसी कड़ी में हैं। उन्होंने कहा कि जो लक्ष्य हासिल किया गया है, उसमें ऐसे निवेशक हैं जिन्हें किसी न किसी रूप में जमीन उपलब्ध हो चुकी है। यानी इनके लिए जमीन खरीद अब बाधा नहीं है। ऐसे में निवेश धरातल पर उतरेगा। इसका लाभ व्यापार, रोजगार, राजस्व के रूप में मिलेगा।
बिजौली में 10 हजार करोड़ के निवेश पर हो रही है वार्ता
गंगा एक्सप्रेसवे के किनारे बिजाैली गांव में औद्योगिक क्षेत्र विकसित किया जाना है। इसके लिए भारी उद्योगों को प्लाट बिक्री होंगे। प्लाट बिक्री के लिए यूपीईडा ने आनलाइन प्रक्रिया शुरू की है। उम्मीद है कि जल्द ही यहां के लिए लगभग 10 हजार करोड़ रुपये का निवेश समझौता प्रदेश सरकार के स्तर पर हो जाएगा।
अमेरिकी कंपनी बाल कारपोरेशन की भारतीय ईकाई बाल बेवरेज प्रा. लि के प्रतिनिधियों ने यहां पर भ्रमण किया है। यह कंपनी तीन हजार करोड़ रुपये का निवेश करना चाहती है। इसी तरह से कुछ समय पूर्व टाटा पावर, जापान की सुई मोटो, सिंगापुर की सेंबकार्प, भारत की एजी ग्रीन पैक,एलेनबेरी के प्रतिनिधियों ने भूमि का निरीक्षण किया था।
टाटा पावर की यदि प्रदेश सरकार से बात बन गई तो यह कंपनी यहां पर सेमीकंडक्टर का बड़ा प्लांट स्थापित करेगी। कंपनी ने तीन हजार करोड़ रुपये का निवेश करने की रुचि दिखाई है। जापान की सुई मोटो कंपनी ने एक हजार करोड़ रुपये का निवेश करना चाहती है। सिंगापुर की कंपनी सेंबकार्प भी शासन से वार्ता कर रही है।
भारत की कंपनियों में एजी ग्रीनपैक एक हजार करोड़ रुपये से अधिक का निवेश करना चाहती है। पिछले कुछ महीनों में यहां 50 से ज्यादा कंपनियों की टीम दौरा कर चुकी हैं। जमीन के लिए आवेदन तो एक हजार से ज्यादा आ चुके हैं।

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