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    यूपी के टॉप-10 स्वच्छ शहरों की सूची में जगह नहीं बना सका मेरठ, औंधे मुंह गिरे निगम के दावे; देखिए लिस्ट

    Updated: Sat, 19 Jul 2025 03:27 PM (IST)

    मेरठ स्वच्छता सर्वेक्षण 2024 में फिसड्डी साबित हुआ प्रदेश के टॉप 10 शहरों में जगह नहीं बना पाया। 1524 करोड़ के बजट के बावजूद यह प्रदेश के 17 नगर निगमों में नीचे से चौथे स्थान पर रहा। खराब प्रदर्शन के कारण लोहिया नगर में कचरा निस्तारण प्लांट की कमी और गीला-सूखा कचरा अलग करने में विफलता शामिल हैं। शहर को कचरा मुक्त बनाने के प्रयास भी विफल रहे।

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    प्रदेश के टाप-10 स्वच्छ शहरों की सूची में जगह नहीं बना सका मेरठ

    जागरण संवाददाता, मेरठ। स्वच्छता के मामले में प्रदेश के टाप-10 स्वच्छ शहरों की सूची में मेरठ जगह नहीं बना सका। स्वच्छ सर्वेक्षण 2024 की प्रतिस्पर्धा में कम बजट और कम आबादी वाले नगर निगमों ने भी 1524 करोड़ वार्षिक बजट वाले मेरठ को पछाड़ दिया है।

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    प्रदेश की रैंकिंग सूची में शामिल 17 नगर निगमों में मेरठ स्वच्छता के मामले में नीचे से चौथे स्थान पर है। मेरठ से नीचे सिर्फ तीन नगर निगम अलीगढ़,अयोध्या और शाहजहांपुर हैं। यदि 10 लाख आबादी वाले नगर निगमों की सूची में मेरठ की स्थिति देखें तो आठ निगमों में से मेरठ सिर्फ अलीगढ़ से ऊपर है।

    पिछले वर्ष भी स्वच्छता में मेरठ प्रदेश में फिसड्डी था। इस बार भी वही स्थिति है। प्रदेश के अन्य नगर निगमों में लखनऊ नगर निगम पिछले साल की पांचवी रैंक से पहली रैंक पर पहुंच गया। आगरा अपनी 12 वीं रैंक से लंबी छलांग लगाते हुए दूसरी पर पहुंच गया।

    इसी तरह प्रयागराज, गोरखपुर, कानपुर, मुरादाबाद, मथुरा-वृंदावन, झांसी नगर निगमों ने पिछले वर्ष की रैंकिंग में सुधार कर लिया। लेकिन मेरठ नगर निगम पिछले वर्ष की रैंकिंग भी नहीं बचा सका। दो अंक नीचे खिसककर 19 वीं रैंक पर पहुंच गया।

    पिछले वर्ष प्रदेश में 17 वीं रैंक थी। भले ही मेरठ की राष्ट्रीय स्तर पर देश के 40 शहरों में 23 वीं रैंक आ गई है, लेकिन प्रदेश की स्थिति ने चिंता की लकीरें बढ़ा दी हैं। स्वच्छ सर्वेक्षण में किए गए उनके दावे औंधे मुंह गिर गए हैं।

    सर्वेक्षण के लिए ये काम नहीं कर सके, इसलिए पिछड़े

    -लोहिया नगर में लीगेसी वेस्ट निस्तारण के लिए पर्याप्त क्षमता का प्लांट नहीं लगा सके। करीब 12 लाख टन से अधिक कूड़ा डंप है। सिर्फ एक लीगेसी वेस्ट प्लांट है। प्रतिदिन 600 टन कूड़े की छंटाई होती है।

    -मंगतपुरम में सर्वेक्षण के बाद एक लीगेसी वेस्ट प्लांट लगा। यहां पर करीब 2.73 लाख टन कूड़ा डंप है। प्रतिदिन 800 टन कूड़े की छंटाई होती है।

    -54 प्रतिशत घरों से गीला-सूखा कूड़ा अलग-अलग लेने की व्यवस्था नहीं बना सके। जबकि इसके लिए 73 वार्डों में बीवीजी कंपनी को ठेका है।

    -गांवड़ी में एनटीपीसी का प्लांट हो या फिर प्रोसेसिंग प्लांट। दोनों ही नहीं लगे। प्रतिदिन शहर में 1100 टन कूड़ा उत्सर्जित होता है। निस्तारण बमुश्किल 300 टन होता है।

    -3 प्रतिशत आवासीय क्षेत्रों की सफाई सर्वेक्षण में कम पायी गई है। हालांकि स्थिति और भी खराब है।

    -5 प्रतिशत बाजार क्षेत्रों की सफाई सर्वेक्षण में कम पायी गई है। हालांकि स्थिति इससे बदतर है।

    -2 प्रतिशत सार्वजनिक और सामुदायिक शौचायलों की सफाई कम मिली है। स्थिति तो ये है कि अधिकांश में ताले लटक रहे हैं।

    इसमें कम हो गए अंक

    -गार्बेज फ्री सिटी के लिए 1- स्टार रेटिंग के लिए 500, 3-स्टार रेटिंग के लिए 800 और 5-स्टार रेटिंग के लिए 1100 और 7-स्टार रेटिंग के लिए 1300 अंक सर्वेक्षण में निर्धारित थे। मेरठ नगर निगम का दावा 5-स्टार रेटिंग का था, मिली 1-स्टार रेटिंग। जिससे 1300 में 500 अंक ही मिल सके। 800 अंकों का नुकसान हो गया।

    -गार्बेज फ्री सिटी यानी कचरा मुक्त शहर की श्रेणी में नगर निगम शहर के अंदर के खत्ते समाप्त करने में नाकाम रहा। वर्तमान में 100 से ज्यादा स्थानों पर खत्ते मौजूद हैं। सर्वेक्षण की टीम को कूड़े के पहाड़ से लेकर सड़क किनारे कचरे के ढेर दिखे। जिससे 5-स्टार रेटिंग का दावा औंधे मुंह गिर गया।

    स्वच्छ सर्वेक्षण के मानकों पर मेरठ और गाजियाबाद की स्थिति

    सर्वेक्षण के मानक मेरठ की स्थिति गाजियाबाद की स्थिति
    डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन 100 प्रतिशत 98 प्रतिशत
    सोर्स सेग्रीगेशन 46 प्रतिशत 57 प्रतिशत
    वेस्ट जनरेशन वीएस प्रोसेसिंग 76 प्रतिशत 91 प्रतिशत
    डंपिंग साइट पर कूड़ा निस्तारण 86 प्रतिशत 100 प्रतिशत
    आवासीय क्षेत्रों में सफाई 97 प्रतिशत 100 प्रतिशत
    बाजार क्षेत्रों में सफाई 95 प्रतिशत 100 प्रतिशत
    तालाब व नाला सफाई 100 प्रतिशत 100 प्रतिशत
    सार्वजनिक शौचालय 98 प्रतिशत 97 प्रतिशत

    स्वच्छता रैंकिंग में प्रदेश के नगर निगम

    कैटेगरी नगर निगम प्रदेश में रैंकिंग देश में रैंकिंग गत वर्ष प्रदेश में रैंकिंग गत वर्ष देश में रैंकिंग
    10 लाख से ऊपर आबादी लखनऊ 1 3 5 44
    10 लाख से ऊपर आबादी आगरा 2 10 12 85
    10 लाख से ऊपर आबादी गाजियाबाद 3 11 2 38
    10 लाख से ऊपर आबादी प्रयागराज 4 12 7 71
    3 से 10 लाख आबादी गोरखपुर 5 4 9 75
    10 लाख से ऊपर आबादी कानपुर 6 13 8 74
    10 लाख से ऊपर आबादी वाराणसी 7 17 4 41
    3 से 10 लाख आबादी मुरादाबाद 8 10 19 131
    3 से 10 लाख आबादी मथुरा-वृंदावन 9 11 13 94
    3 से 10 लाख आबादी फिरोजाबाद 10 12 6 52
    3 से 10 लाख आबादी सहारनपुर 11 16 10 76
    3 से 10 लाख आबादी झांसी 12 17 14 96
    3 से 10 लाख आबादी बरेली 17 20 11 80
    10 लाख से ऊपर आबादी मेरठ 19 23 17 108
    10 लाख से ऊपर आबादी अलीगढ़ 25 26 3 40
    3 से 10 लाख आबादी अयोध्या 28 28 15 100
    3 से 10 लाख आबादी शाहजहांपुर 35 33 31 181

    सर्वेक्षण में स्थिति संतोषजनक नही हैं। लोहिया नगर में 1200 टन लीगेसी वेस्ट का प्लांट पीपीपी माडल पर लगाने का टेंडर जारी कर दिया है। इसे छह महीने में स्थापित कर देंगे। गांवड़ी में 900 टन क्षमता का एनटीपीसी का प्लांट लगाने की प्रक्रिया अगस्त में शुरू होने की उम्मीद है। गांवड़ी में कचरे से बायोगैस बनाने का 600 टन क्षमता का संयंत्र भी लगाने की योजना बन गई है। कंकरखेड़ा के 17 वार्डों में कूड़ा कलेक्शन के लिए नई एजेंसी से अनुबंध करने जा रहे हैं। अगस्त में शुरू हो जाएगा। 16 प्रमुख सड़कों की सफाई की दो शिफ्ट में सफाई का ठेका दिया जा रहा है। मकानों के टूट-फूट से निकला मलबा निस्तारण करने के लिए गांवड़ी में प्लांट लगाने जा रहे हैं। गीला-सूखा कूड़ा कलेक्शन पर जोर दिया जाएगा। -सौरभ गंगवार, नगर आयुक्त।