Meerut Police Bribe Case: देहरादून, मुरादाबाद में भी इंस्पेक्टर सदर की संपत्ति को ढूंढा जा रहा, पुरानी शिकायतें भी पहुंची
मेरठ में पुलिस रिश्वत कांड को लेकर एसएसपी बेहद गंभीर हैं। इस बीच देहरादून मुरादाबाद और मेरठ में इंस्पेक्टर बिजेंद्र राणा की संपत्ति को तलाशा जा रहा है। तीन शहरों में इनकी संपत्ति के होने का पता चला है। उसका रिकार्ड निकलवाया जा रहा है।

मेरठ, जागरण संवाददाता। Meerut Police Bribe Case मेरठ में ट्रक चोरी के फर्जी मुकदमे की विवेचना में वसूली के आरोप में फंसे निलंबित इंस्पेक्टर बिजेंद्र राणा और हेडकांस्टेबल मनमोहन की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। पुलिस देहरादून, मुरादाबाद और मेरठ में बिजेंद्र राणा की संपत्ति ढूंढ रही हैं। पुलिस को जानकारी मिली है कि तीन शहरों में इनकी संपत्ति है। उसका रिकार्ड निकलवाया जा रहा है। इसके लिए पुलिस की एक गोपनीय टीम काम कर रही है। उधर, मनमोहन और बिजेंद्र राणा के खिलाफ पुरानी वसूली की शिकायतें भी पुलिस के पास पहुंचनी शुरू हो गई हैं। बता दें कि भ्रष्टाचार के आरोप में अपने ही थाने में नामजद इंस्पेक्टर बिजेंद्र को 15 दिन पहले ही राष्ट्रपति पुलिस पदक से नवाजा गया था।
हिरासत में मारपीट का केस
सदर बाजार थाने के इंस्पेक्टर बिजेंद्र राणा और हेडकांस्टेबल मनमोहन के खिलाफ खतौली के विकार आमिर उर्फ वकार ने भ्रष्टाचार, अवैध हिरासत में रखकर मारपीट करना और जान से मारने की धमकी देने का मुकदमा दर्ज कराया था। मुकदमे में अन्य तीन पुलिसकॢमयों को अज्ञात रखा गया हैं, जो मनमोहन के साथ मिलकर वकार को खतौली से उसके आवास से उठाकर लाए थे। वकार के बयानों के आधार पर पुलिस ने मुकदमे में मारपीट की धारा भी बढ़ा दी है। मुकदमे की विवेचना कर रहे सीओ संजीव दीक्षित ने सदर बाजार थाने पहुंचकर केस डायरी में पर्चे काटकर विवेचना ग्रहण की।
सीओ ने बयान के लिए बुलाया
सीओ ने इस मामले में शामिल इमरान, अब्दुल सलाम, नदीम और इंशाद उर्फ छिद्दा तथा जाकिर को भी बयान देने के लिए बुलाया है। सभी को नोटिस जारी कर दिया है। साथ ही इंस्पेक्टर के हाईकोर्ट से एक मुकदमे में शपथ पत्र दाखिल कर लौटने का इंतजार किया जा रहा है। क्योंकि हेडकांस्टेबल मनमोहन ने भी अपने बयानों में बिजेंद्र राणा पर वसूली कराने के आरोप लगाए है।
कहा कि वसूली का मामला जानकारी में नहीं
हेडकांस्टेबल ने कहा कि इंस्पेक्टर के आदेश पर ही रकम वसूली की गई थी, जिसकी रकम इंस्पेक्टर के सुपुर्द की गई है। हालांकि बिजेंद्र राणा का कहना है कि हेडकांस्टेबल के वसूली करने का मामला उनकी जानकारी में नहीं था। उन्होंने हेडकांस्टेबल को वसूली के लिए नहीं कहा था। यदि हेडकांस्टेबल इस प्रकार का आरोप लगा रहा है तो बेबुनियाद है। हाईकोर्ट से लौटने के बाद अफसरों से मिलकर अपना पक्ष रखेंगे।
राष्ट्रपति पुलिस पदक वापसी के लिए जाएगी शासन को रिपोर्ट
भ्रष्टाचार के मामले में निलंबित हुए इंस्पेक्टर बिजेंद्र राणा का राष्ट्रपति पुलिस पदक भी छिन सकता है। इंस्पेक्टर के निलंबित होने के बाद एसएसपी प्रभाकर चौधरी शासन को उनकी रिपोर्ट भेजेंगे। रिपोर्ट में निलंबन के साथ-साथ एफआइआर का भी जिक्र किया जाएगा। उसके बाद शासन स्तर पर कमेटी उनके पुलिस पदक को वापस करने का निर्णय लेगी। माना जा रहा है कि बिजेंद्र राणा को मिला पुलिस पदक वापस हो सकता है। बता दें कि तत्कालीन एसएसपी अजय साहनी और बिजेंद्र राणा को दिल्ली के बदमाश शिव शक्ति नायडू को मुठभेड़ में ढेर करने पर राष्ट्रपति पुलिस पदक मिलने की घोषणा हुई थी।
इनका कहना है
भ्रष्टाचार का मुकदमा दर्ज होने के बाद इंस्पेक्टर और हेडकांस्टेबल दोनों को सस्पेंड कर दिया था। हाईकोर्ट से लौटने के बाद इंस्पेक्टर को पुलिस लाइन में आमद करानी होगी। उन्होंने आमद नहीं कराई तो फरार घोषित कर दिया जाएगा। फिलहाल पुलिस इंस्पेक्टर के खिलाफ साक्ष्य जुटाकर उसकी गिरफ्तारी करेगी। इंस्पेक्टर और हेडकांस्टेबल के खिलाफ विभागीय कार्रवाई भी पूरी की जा रही है।
- प्रभाकर चौधरी, एसएसपी
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