'मैंने जहर खा लिया है, बच्चों का ध्यान रखना,' मेरठ में ट्रांसपोर्टर ने अपने चाचा को फोन पर कही यह बात और फिर...
Meerut News : मेरठ में एक ट्रांसपोर्टर ने लूट का आरोप लगाते हुए जहर निगलकर आत्महत्या करने की कोशिश की। पुलिस ने लूट की घटना से इन्कार करते हुए कहा कि यह सड़क दुर्घटना का मामला था। पुलिस ने ट्रांसपोर्टर का मेडिकल कराया जिसमें शराब की पुष्टि हुई है। फिलहाल पुलिस मामले की जांच कर रही है और आरोपित बाइक सवारों को हिरासत में ले लिया है।

मेरठ में अस्पताल के बाहर मौजूद सीओ सिविल लाइंस अभिषेक तिवारी व अन्य पुलिसकर्मी। जागरण
जागरण संवाददाता, मेरठ। भावनपुर क्षेत्र के जेई गांव में ट्रांसपोर्टर ने कीटनाशक निगलकर जान देने का प्रयास किया। उसका आरोप था कि लूट के मामले को हादसा बताकर पुलिस ने उसका उत्पीड़न किया हैं, जबकि पुलिस दावा कर रही है कि हादसे को ट्रांसपोर्टर लूट बता रहा था। उसकी वीडियो भी ट्रांसपोर्टर के मोबाइल से बरामद की जा चुकी है। ट्रांसपोर्टर नशे की हालत में था। इसलिए उसका मेडिकल कराया गया। फिलहाल ट्रांसपोर्टर को गढ़ रोड स्थित नागर अस्पताल में भर्ती कराया गया है। परिवार के लोग भावनपुर पुलिस पर कार्रवाई की मांग कर रहे है। पूरे मामले की जांच कप्तान ने एसपी देहात को सौंप दी है।
फोन से दी थी लूट की सूचना
भावनपुर थाना क्षेत्र के गांव मुबारिकपुर निवासी ट्रांसपोर्टर पुष्पेंद्र नागर सोमवार की रात करीब सवा दस बजे मेरठ से गांव लौट रहा था। पुष्पेंद्र नागर उर्फ बबलू ने बताया कि सियाल गांव पार करने के बाद बाइक पर सवार दो युवकों ने उसे रुकने का ईशारा किया। दोनों के हाथ में गन्ने थे। उसने कार को रोक लिया। उसके बाद दोनों ने मारपीट करते हुए 20 हजार की नकदी लूट ली। दोनों बाइक सवार के चले जाने के बाद तत्काल ही पुष्पेंद्र नागर ने फोन से यूपी-112 को काल की।
मोबाइल में हादसे के समय का मिला वीडियो
तत्काल ही पुलिस मौके पर पहुंची। पुष्पेंद्र नागर की सूचना के बाद पीआरवी ने थाने पर मामले की जानकारी दी। थाना प्रभारी ने तत्काल ही हल्का प्रभारी समेत पुलिस बल मौके पर भेजा। थाना प्रभारी योगेंद्र कुमार का कहना है कि पुष्पेंद्र नागर को थाने लाकर उसके मोबाइल की जांच की गई। मोबाइल में हादसे के समय का एक वीडियो मिला था। उससे पता चलता है कि बाइक सवारों ने लूटपाट नहीं की। बल्कि कार और बाइक की साइड लगने को दोनों पक्षों में विवाद हुआ था। उसके बाद पुष्पेंद्र नागर शराब के नशे में होने की वजह से पुलिस ने मेडिकल करा दिया। सुबह चार बजे परिवार को बुलाकर पुष्पेंद्र नागर को सिपुर्द कर दिया गया।
भावनपुर पुलिस के खिलाफ कार्रवाई की मांग
बताया जाता है कि गांव में कुछ लोगों ने पुष्पेंद्र नागर से थाने में पहुंचने का मजाक किया। इसी बात को लेकर पुष्पेंद्र मंगलवार की सुबह 11 बजे घर से निकला। जेई पहुंचकर पेस्टिसाइड की दुकान से कीटनाशक दवाई ली। उसके बाद दवाई खाकर अपने चाचा राजेंद्र को काल कर बताया कि उसने पुलिस की कार्रवाई से क्षुब्ध होकर जहर खा लिया है। उसके बच्चों का ध्यान रखना। तभी परिवार के सभी लोग जेई गांव पहुंचे। वहां से पुष्पेंद्र को गढ़ रोड स्थित नागर अस्पताल में भर्ती कराया। उसके बाद परिवार के लोगों ने हंगामा कर दिया। तब अस्पताल में कई थानों की पुलिस और सिविल लाइन सीओ, सदर देहात सीओ मौके पर पहुंचे। तत्काल ही पुष्पेंद्र का उपचार शुरू कराया। उसकी हालत अभी चिंताजनक बनी हुई है। परिवार के लोगों ने भावनपुर पुलिस के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।
लूट का नहीं था कोई मामला: एसपी देहात
एसपी देहात अभिजीत कुमार का कहना है कि लूट का कोई मामला नहीं था। बाइक और कार की टक्कर के विवाद को ट्रांसपोर्टर ने शराब के नशे में लूट का नाम दिया था। उसका मेडिकल भी कराया गया, जिसमें अल्कोहल की पुष्टि हुई थी। घर जाने के बाद ही जहर का सेवन किया है। हादसे को अंजाम देने वाले बाइक सवारों को पुलिस ने हिरासत में ले लिया है, जो सियाल गांव के रहने वाले है। उसके बाद भी मामले की विस्तार से जांच की जा रही है।
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