Meerut News: मेरठ में 175 किलो वजन के मरीज की बैरियाट्रिक सर्जरी, बीएमआई 62 तक पहुंच गई थी
Bariatric surgery डा. ऋषि सिंघल ने मेरठ के 45 वर्षीय और 175 किलो वजन के संजय का सफल आपरेशन किया। उन्होंने बताया कि मोटापा से हार्ट किडनी कैंसर ब्लडप्रेशर शुगर लिवर एवं स्ट्रोक समेत कई अन्य बीमारियों का खतरा कई गुना होता है।

मेरठ, जागरण संवाददाता। Bariatric surgery मोटापा एक अभिशाप है जिसकी चपेट में 10-15 प्रतिशत आबादी आ चुकी है। लेकिन मोटापा एक सीमा से ज्यादा बढ़ने पर बैरियाट्रिक सर्जरी ही इलाज का एकमात्र विकल्प बचता है। लंदन से लेकर भारत तक करीब तीन हजार से ज्यादा मरीजों का इलाज करने वाले डा. ऋषि सिंघल ने मेरठ के 45 वर्षीय और 175 किलो वजन के संजय का सफल आपरेशन किया।
बीमारियों का कई गुना खतरा
उन्होंने बताया कि मोटापा से हार्ट, किडनी, कैंसर, ब्लडप्रेशर, शुगर, लिवर एवं स्ट्रोक समेत कई अन्य बीमारियों का खतरा कई गुना होता है, ऐसे में वजन कम रखना सर्वाधिक जरूरी है। न्यूटिमा अस्पताल में शुक्रवार को प्रेसवार्ता में बैरियाट्रिक सर्जन डा. ऋषि सिंघल ने बताया कि सामान्य रूप से मरीज का बाडी मास इंडेक्स-बीएमआई 25 होना चाहिए, जबकि इस मरीज का 62 तक पहुंच गया था।

एक घंटे तक चली सर्जरी
मानक से ढाई गुना वजन की वजह से सर्जरी के अलावा कोई विकल्प नहीं था। एनेस्थेटिस्ट डा. अवनीत राणा एवं डा. प्रणव गुप्ता के साथ मिलकर एक घंटे में सर्जरी संपन्न की। पिछले चार माह में मेरठ में 15 मरीजों का आपरेशन किया, जिसमें संजय सबसे ज्यादा वजन के हैं। डा. सिंघल ने बताया कि 65 से 70 साल की उम्र तक सर्जरी की जा सकती है। किसी मरीज के पेट का 80 प्रतिशत निकाल दिया जाता है तो कई बार बाइपास में पेट को छोटा कर देते हैं।
खाते समय ये तरीका अपनाएं
डा. सिंघल ने बताया कि भोजन को छोटे-छोटे निवालों में ग्रहण करना चाहिए। 20 सेकंड तक चबाएं, और फिर 20 सेकंड तक रुकना चाहिए। इसके बाद ही अगला निवाला लेना चाहिए। इससे पाचक एंजाइम बनेंगे जो वसा को सूक्ष्म टुकड़ों में तोड़ देगा। रोजाना 1500 से 1800 कैलोरी ऊर्जा भी पर्याप्त है। गुर्दा रोग विशेषज्ञ डा. संदीप गर्ग ने कहा कि डा. ऋषि सिंघल इंग्लैंड एवं अब मेरठ में समान रूप से मरीजों का इलाज कर मोटापे से निज त दिला रहे हैं। डा. प्रियांक गर्ग समेत कई अन्य उपस्थत रहे।

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