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    30 साल पहले कुत्ता काटने की हिस्ट्री, आठ दिन पहले उभरे रेबीज के लक्षण, पानी-हवा से लगने लगा डर, मरीज की मौत

    By Dileep Patel Edited By: Praveen Vashishtha
    Updated: Tue, 23 Dec 2025 06:27 AM (IST)

    Meerut News:  मेरठ में 30 साल पहले कुत्ते के काटने के बाद एक व्यक्ति की रेबीज से मौत हो गई। आठ दिन पहले रेबीज के लक्षण उभरे, जिसके बाद उन्‍हें पानी और ...और पढ़ें

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    प्रतीकात्‍मक फोटो

    जागरण संवाददाता, मेरठ। आवारा कुत्तों के काटने के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। जानलेवा स्थिति बन रही है। गोलाबड़ निवासी 55 वर्षीय भीम सिंह पुत्र नवल सिंह को आठ दिन पहले रेबीज के लक्षण उभरे। हवा-पानी से डर लगने लगा।

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    लक्षण देख प्राइवेट अस्पताल के डाक्टरों ने रेबीज संक्रमण की आशंका व्यक्त की तो स्वजन 20 दिसंबर को पीएल शर्मा जिला अस्पताल लेकर पहुंचे। यहां से तत्काल इस्ट्रींट्यूट आफ ह्यूमन विहेवियर एंड अलाइड साइंसेज(आइएचबीएएस) दिल्ली रेफर कर दिया गया।

    स्वजन 21 दिसंबर की सुबह ले जाने की तैयारी में थे। लेकिन मरीज ने दम तोड़ दिया। जानकारी होने पर स्वास्थ्य विभाग में खलबली मच गई। सोमवार सुबह स्वास्थ्य विभाग की टीम उनके आवास पर पहुंची और मरीज की हिस्ट्री जुटाने के साथ बचाव के लिए मरीज के संपर्क में रहे 29 लोगों को एंटी रेबीज इंजेक्शन लगाया।

    जांच टीम को मिली 30 साल पहले कुत्ता काटने की हिस्ट्री

    स्वास्थ्य विभाग से डिप्टी सीएमओ डा. सुधीर सिंह, डा. रचना टंडन की टीम सोमवार सुबह मृतक भीम सिंह के घर पहुंची। टीम ने जांच में पाया कि भीम सिंह की तबियत 14 दिसंबर केा बिगड़ी थी। सिरदर्द होने पर पहले झाड़-फूंक कराई गई। फिर नजदीकी क्लीनिक पर प्राइवेट चिकित्सक को दिखाया गया।

    तबियत खराब होने पर 19 दिसंबर को बागपत रोड स्थित आस्था अस्पताल में डा. हरविंदर को दिखाया। मरीज को पानी-हवा से डर लग रहा था। जिसे हाइड्रोफोबिया कहते हैं। यह रेबीज संक्रमण होने पर उभरते हैं। इसकी आशंका जताते हुए आस्था अस्पताल से मरीज को पीएल शर्मा जिला अस्पताल भेज दिया गया था।

    20 दिसंबर को जिला अस्पताल में दोपहर 12.30 बजे स्वजन इमरजेंसी में लेकर पहुंचे। इमरजेंसी मेडिकल अफसर ने भी रेबीज संक्रमण फैलने की आशंका जताते हुए दिल्ली स्थिति इस्ट्रींट्यूट आफ ह्यूमन विहेवियर एंड अलाइड साइंसेज (आइएचबीएएस) के लिए रेफर कर दिया था।

    इस दौरान रेफर के दस्तावेज में मरीज को 30 साल पहले कुत्ते के काटने की हिस्ट्री दर्ज की गई है। डिप्टी सीएमओ ने कहा कि लक्षण के आधार पर इसे सस्पेक्टेड रेबीज संक्रमण का केस माना गया है। मरीज के संपर्क में रहे स्वजन सहित 29 लोगों को एंटी रेबीज इंजेक्शन लगाए गए हैं।

    बेटा बोला, पिता ने कुत्ता काटने की बात परिवार से नहीं बताई

    डिप्टी सीएमओ ने इस मामले स्वजन से पूछताछ की। मृतक भीम सिंह के बेटे आशीष का कहना है कि उनके पिता ने कभी भी परिवार से कुत्ता काटने का जिक्र नहीं किया। अंतिम दिन जिला अस्पताल में वह उनके साथ नहीं थे।

    बेटे ने स्वास्थ्य विभाग की टीम को बताया कि उनके पिता बिल्कुल ठीक थे। 55 साल की उम्र में वह दौड़ लगाने जाते थे। घर पर ज्वैलरी के पर्स बनाने की मशीन लगा रखी थी। यही काम करते थे। 14 दिसंबर को अचानक उनके आधे सिरदर्द में दर्द शुरू हुआ था। कुछ लोगों के कहने पर झाड़-फूंक कराने से सिरदर्द ठीक हो गया था। लेकिन दो-तीन दिन बाद सांस लेने में दिक्कत हो गई। बीपी बढ़ गई थी। सो नहीं पा रहे थे।

    दवा से आराम नहीं हुआ। उनके सोचने-समझने की क्षमता कमजोर हो गई। पानी देखकर डरने लगे थे। हवा लगने पर भी कांपने लगते थे। आस्था अस्पताल के डा. हरविंदर ने लक्षण देखकर कुत्ते के काटने की आशंका व्यक्त की थी। 21 की सुबह दिल्ली ले जाने के लिए एंबुलेंस बुलाई थी लेकिन उससे पहले उनकी मृत्यु हो गई।

    कुत्ता काटे तो 24 घंटे के भीतर लगवाएं एंटी रेबीज इंजेक्शन: डा. वीके बिंद्रा

    वरिष्ठ फिजिशियन डा. वीके बिंद्रा कहते हैं कि कुत्ता काटने के 24 घंटे के भीतर एंटी रेबीज इंजेक्शन लगवा लेने चाहिए। काटने पर खून निकलने और गहरे घाव होने पर एंटी रेबीज सीरम इंजेक्शन सात दिन के भीतर लग जाना चाहिए। इसमें लापरवाही करने पर रेबीज का वायरस शरीर में फैलने की संभावना होती है।

    रेबीज संक्रमण फैलने के केस ज्यादातर 20 दिन से लेकर 15 साल तक मिलते हैं। मेडिकल साइंस में कुछ मामलों मेें वयस्कों में 25 साल के बाद भी रेबीज संक्रमण उभरने के मामले पाए गए है। रेबीज संक्रमण फैलने के बाद इसका कोई इलाज नहीं है। इसलिए कुत्ता काटने पर एंटी रेबीज इंजेक्शन लगवाने में देरी न करें.

    सीएमओ डा. अशोक कटारिया का कहना है कि जांच टीम ने रेफर के दस्तावेज में 30 साल पुरानी कुत्ता काटने की हिस्ट्री पायी गई। स्वजन कुत्ता काटने की सही जानकारी नहीं दे पाए। इसलिए लक्षण के आधार पर सस्पेक्टेड रेबीज संक्रमण का केस माना गया है।