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    Meerut: प्रधान बोला- 'छीन लो मेरा बस्ता नहीं करूंगा साइन,' किसानों का औद्योगिक गलियारे को भूमि नहीं देने का ऐलान

    By Jagran News Edited By: Praveen Vashishtha
    Updated: Fri, 17 Oct 2025 05:53 PM (IST)

    Meerut News: मेरठ में औद्योगिक गलियारे के लिए भूमि अधिग्रहण का विरोध जारी है। राजस्व विभाग की टीम को ग्राम प्रधान के विरोध का सामना करना पड़ा, जिन्होंने किसानों के समर्थन में दस्तावेजों पर हस्ताक्षर करने से इन्कार कर दिया। किसानों ने किसी भी कीमत पर जमीन न देने की चेतावनी दी है और प्रशासन पर जबरदस्ती करने का आरोप लगाया है।   

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    राजस्व विभाग की टीम का विरोध करते ग्राम प्रधान अंकित नागर एवं किसान। सौ. स्वयं

    संवाद सूत्र, जागरण, खरखौदा (मेरठ)। शुक्रवार को औद्योगिक गलियारे की जमीन के लिए सरकारी जमीन को चिन्हित करने पहुंची राजस्व विभाग की टीम को प्रधान ने हस्ताक्षर करने से इन्कार कर दिया। साथ ही धरना दे रहे किसानों के साथ रहने का दावा करते हुए अधिकारियों से कहा कि वह उनका बस्ता छीन ले लेकिन हस्ताक्षर नहीं करेंगे।
    धरना दे रहे किसानों ने राजस्व विभाग की टीम को लिखकर दे दिया कि वह किसी भी कीमत पर जमीन नहीं देंगे और नहीं पैमाइश होने देंगे। राजस्व विभाग की टीम वापस लौट गई। प्रशासन ने पहले 200 हेक्टेयर जमीन औद्योगिक गलियारे के चिन्हित की थी। जिसमें से अधिकतर जमीन के बैनामे करा लिए गए हैं। उसके बाद प्रशासन ने खड़खड़ी, छतरी और गोविंदपुर एवं खरखौदा की 300 हेक्टेयर जमीन औद्योगिक गलियारे के लिए चिह्नित की थी। जमीन न देने का दावा करते हुए किसान करीब एक वर्ष से छतरी मोड पर धरने पर बैठे हुए हैं। शुक्रवार को नायब तहसीलदार विनीता रानी और लेखपाल अतुल चौहान के नेतृत्व में राजस्व विभाग की टीम सरकारी जमीन और चकरोड को चिन्हित करने पहुंची।
    धरनारत स्थल पर राजस्व विभाग की टीम ने छतरी ग्राम प्रधान अंकित प्रधान को बुलाकर सहमति के लिए हस्ताक्षर करने को कहा। जहां अंकित प्रधान ने किसानों के साथ रहने का ऐलान करते हुए हस्ताक्षर करने से इन्कार कर दिया। साथ ही कहा कि चाहे उनका ग्राम प्रधान का बस्ता छिन जाए लेकिन वह हस्ताक्षर नहीं करेंगे। वहीं किसानों ने राजस्व विभाग की टीम को लिखकर दिया कि किसी भी कीमत पर किसान जमीन नहीं देंगे। किसानों ने राजस्व विभाग की टीम को वापस लौटा दिया।
    किसानों का कहना है कि प्रशासन जबरदस्ती करके किसानों की जमीन हड़पने का काम करने की तैयारी कर रहा है। कभी किसानों को गुमराह किया जाता है तो कभी प्रशासन द्वारा किसानों पर दबाव बनाया जा रहा है। किसानों ने प्रशासन को चेतावनी दी है कि चाहे उनकी जान चली जाए लेकिन वह अपनी जमीन का एक इंच हिस्सा भी औद्योगिक गलियारे के लिए नहीं देंगे। इस अवसर पर राजकुमार सिंह, शिवपाल सिंह, इंद्रमुनि त्यागी, लीलू नागर, मामचंद नागर समेत आदि लोग थे।

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