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    Meerut News : आपके पास खूब समय है तो ही इधर का रुख करें, दो किलोमीटर का सफर दो घंटे में हो रहा तय

    By Pankaj Tyagi Edited By: Praveen Vashishtha
    Updated: Tue, 16 Dec 2025 05:20 PM (IST)

    मेरठ के मवाना में भयंकर जाम से लोगों का जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। पुलिस की निष्क्रियता और भारी वाहनों के प्रवेश से स्थिति और भी गंभीर हो गई है। अतिक ...और पढ़ें

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    जागरण संवाददाता, मवाना (मेरठ)। अगर आप मवाना से होकर कहीं जाना चाहते हैं या शापिंग करने आते हैं तो आप तभी आएं, जब आपके पास खूब समय हो। अगर समय नहीं है, तो यहां न आएं। कोई दूसरा रास्ता ही चुनें, तो बेहतर होगा। दरअसल, यहां ट्रैफिक व्यवस्था संभालने के लिए जिम्मेदार पुलिस नदारद है।

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    हाल यह है कि दो माह में हुईं चोरी की कई वारदात के राजफाश के लिए पुलिस बदमाशों के पकड़ने में थक-हार चुकी है। मवाना में यूं तो साल-दर-साल जाम रहता है, लेकिन सोमवार को भीषण जाम की मानो अति हो गई। सुभाष चौक से दोनों तरफ दो किलोमीटर की दूरी तक लंबा जाम रहा और यह देररात तक लगा रहा। जाम में फंसे वाहनों में बैठे बच्चे व महिलाएं बिलबिलाते रहे, लेकिन जिम्मेदार कोई पहल नहीं कर सके।

    नो-एंट्री व्यवस्था ध्वस्त, दिनभर गुजरते भारी वाहन

    मवाना नगर में भारी वाहनों के लिए सुबह आठ बजे से रात नौ बजे तक प्रवेश वर्जित रहता था, लेकिन अब काफी समय से यह व्यवस्था ध्वस्त है। गन्ने लदे ट्रक, खोई, चीनी और अन्य माल वाहक दूरदराज से आने वाले व जाने वाले ट्रक, कैंटर और अन्य वाहन बेरोकटोक होकर यहां से गुजरते रहते हैं।
    इन पर अंकुश लगाने के लिए पुलिस पिकेट व बेरिकेडिंग व्यवस्था कहीं दूर तक दिखाई नहीं देती है। नतीजतन सारा दिन जाम पसरा रहता है। इसकी मुख्य वजह भैंसा स्थित टोल भी है। टोल से बचने के लिए वाहन चालक यहां से होकर गुजरते रहते हैं।

    दर्जनभर से अधिक स्कूलों की बसें फंसती हैं जाम में

    नगर में दो दर्जन से अधिक स्कूल हैं, जिनकी सौ से अधिक बसें बच्चों को लाने व ले जाने में लगी हैं। ये बसें भी जाम में हर दिन फंसती हैं, जबकि पुलिस यह बस देखकर भी आखें मूंदकर बैठी रहती है। इसका असर बच्चों की रोजमर्रा की जिंदगी पर भी पड़ रहा है।

    जाम से व्यापार चौपट, प्रतिदिन हो रहा भारी नुकसान

    मवाना के जाम से प्रतिदिन लाखों का व्यापार चौपट हो रहा है। इस जाम में फंसने के डर से आसपास के गांव के लोग यहां शापिंग करने की बजाए मेरठ चले जाते हैं। यहां पार्किंग के लिए भी कोई व्यवस्था न होना भी बड़ी परेशानी है। लोगों को सड़क किनारे ही अपने वाहन खड़े करने पड़ते हैं। यहां के व्यापार संगठन कई बार अधिकारियों के समक्ष जाम से निजात दिलाने और व्यापार की दशा का मुद्दा उठा चुके हैं, लेकिन यह मुद्दे मानों कोई मायने नहीं रखते।

    अतिक्रमण व ई-रिक्शा भी जाम की एक वजह बन रहे

    नगर में जाम के साथ ई-रिक्शा और अतिक्रमण भी मुख्य वजह बने हैं। नगर पालिका द्वारा ई-रिक्शा को चिन्हित करने के लिए कोई कार्ययोजना नहीं बनाई गई और न इनके खड़े होने के लिए कोई जगह चिन्हित किया। हाल यह है कि ई-रिक्शा को ऐसे नौसखिया भी चला रहे हैं और उन्हें न तो यातायात के नियमों का पता और न चलाने का पता है।

    इन्होंने कहा...

    नगर में यातायात व्यवस्था बनाए रखने के लिए चौराहों पर पुलिस की तैनाती के थाना प्रभारी निरीक्षक को निर्देशित कर रखा है, लेकिन इसके बावजूद भी पुलिस कहीं नहीं दिखाई दे रही तो यह गंभीर विषय है। सोमवार को जाम की सूचना मिली तो प्रभारी निरीक्षक पूनम जादौन को पुलिस तैनाती के निर्देश दिए हैं। आगे से इसका कड़ाई से पालन किया जाएगा।
    पंकज लवानिया सीओ, मवाना।

    जाम की समस्या दूर करने के लिए पुलिस-नगर पालिका अधिकारियों की संयुक्त बैठक कर जल्द ही कार्ययोजना बनाई जाएगी। वहीं, व्यापारी वर्ग से भी सहयोग लिया जाएगा। जिससे यह समस्या का स्थाई समाधान हो सके।
    संतोष कुमार सिंह, एसडीएम, मवाना।