दीपावली से पहले यूपी पुलिस का बड़ा एक्शन, बड़ी मात्रा में अवैध पटाखों का जखीरा जब्त
दीपावली से पहले मेरठ पुलिस ने अवैध पटाखों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए 10 लाख के पटाखे जब्त किए और दो आरोपियों को गिरफ्तार किया। एसपी सिटी आयुष विक्रम सिंह ने बताया कि एक आरोपी पहले भी जेल जा चुका है। पुलिस अब यह पता लगाने में जुटी है कि इन पटाखों की सप्लाई कहाँ होनी थी।

जागरण संवाददाता, मेरठ। दीपावली से पहले अवैध पटाखों की बिक्री और भंडारण पर रोक लगाने के अभियान के तहत सिविल लाइंस पुलिस ने बड़ी कार्रवाई की है। थाना पुलिस ने बड़ी मात्रा में पटाखों का जखीरा जब्त किया है और मौके से दो आरोपितों को गिरफ्तार किया है। जब्त किए गए पटाखों की कीमत 10 लाख रुपये बताई गई है।
हालांकि एक आराेपित अवैध पटाखों की बिक्री में पहले भी जेल जा चुका है। सिविल लाइंस थाने में प्रेसवार्ता करते हुए एसपी सिटी आयुष विक्रम सिंह ने बताया कि कोतवाली थाना पुलिस ने शुक्रवार रात में प्रमोद बंसल को पटाखों की सप्लाई करने के लिए जाते हुए पकड़ा था।
इसके पास से एक बोरा अवैध पटाखे बरामद हुए थे। प्रमोद बंसल को हिरासत में लेकर सख्ती से पूछताछ की तो उसने किला रोड स्थित न्यू बसंत विहार में अपने आवास पर भी पटाखे रखे होन की बात बताई। इसके बाद सिविल लाइंस थाना पुलिस और स्वाट टीम नगर ने संयुक्त रूप से छापेमारी कर प्रमोद बंसल के आवास से करीब 10 लाख रुपये कीमत के पटाखों का जखीरा बरामद हुआ।
मौके से एक अन्य आरोपित भीमसैन पुत्र घसीटा सिंह निवासी काशीपुर, जिला उधमसिंह नगर उत्तराखंड को गिरफ्तार किया। पूछताछ पर पता चला कि भीमसैन काशीपुर से महेंद्र पिकअप गाड़ी भरकर पटाखे लेकर आया था।
दीपावली पर्व पर पटाखों की बिक्री करने के लिए प्रमोद बंसल के घर पर जमा किए जा रहे थे। पुलिस ने उक्त दोनों आरोपितों के खिलाफ विस्फोटक अधिनियम सहित विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज कर न्यायालय में पेश किया।
अवैध पटाखों की बिक्री में पहले भी जेल जा चुका है प्रमोद
एसपी सिटी आयुष विक्रम सिंह ने बताया कि प्रमोद बंसल उर्फ जावर पुत्र राधे किशन बंसल निवासी न्यू बसंत विहार लंबे समय से अवैध पटाखों की बिक्री करते हुए आ रहा है। पिछले वर्ष प्रमोद बंसल अवैध पटाखा बिक्री के मामले में जेल जा चुका है।
इसके बावजूद इस बार भी उसने दीपावली पर पटाखा बिक्री करने के लिए भंडारण शुरू कर दिया था। प्रमोद बंसल के पास किस-किस दुकानदार का आर्डर था, इन सबका पता लगा जा रहा है। ताकि उन पर भी निगरानी की जा सकें।
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