House Tax जमा है... फिर भी भेज दिया बकाये का बिल, यह देखकर मकान मालिक के उड़ गए होश
Meerut News : मेरठ के सरस्वती लोक में एक भवन स्वामी को गृहकर जमा करने के बावजूद बकाया बिल मिला। पुराने और नए बिल में पीटीआइएन नंबर अलग-अलग हैं। शिकायत ...और पढ़ें

प्रतीकात्मक फोटो
जागरण संवाददाता, मेरठ। सरस्वती लोक के रहने वाले एक भवन स्वामी का दर्द यह है कि वह नगर निगम के नियमित करदाता हैं। चार साल से लगातार वह समय से अपना गृहकर जमा कर रहे हैं। इस बार भी 24 जुलाई को 386 रुपये गृहकर जमा किया था। बावजूद इसके पांच दिन पहले उनके यहां 2,286 रुपये गृहकर बकाया का बिल पहुंच गया। बिल देखकर उनके होश उड़ गए।
तत्काल पुराना बिल निकालकर देखा तो उसमें भवन का पीटीआइएन (प्रापर्टी आइडेंटीफिकेशन नंबर) 1480394481 दर्ज था। जबकि नए बिल में यह नंबर 3008238CK1945A अंकित है। इसे देखने के बाद नगर निगम की वेबसाइट पर जाकर पुराने बिल के पीटीआइएन से गृहकर भुगतान की स्थिति देखी तो गृहकर बकाए की स्थिति शून्य मिली। लेकिन नए बिल ने उनकी धड़कन बढ़ा दी। उनके द्वारा आपत्ति दर्ज कराने पर इसे जीआइएस सर्वे की गड़बड़ी बता निगम अधिकारियों ने नए बिल को निरस्त कर दिया है।
गलती अधिकारियों की, खामियाजा भुगत रही जनता
वार्ड 63 एल ब्लाक शास्त्रीनगर से भाजपा पार्षद अनुज वशिष्ठ ने मुख्य कर निर्धारण अधिकारी से कड़ी नाराजगी जताई है। कहा कि अधिकारियों ने बिलों की गड़बड़ी दूर नहीं की। जिसका खामियाजा जनता भुगत रही है। लोग बढ़े हुए, दो बिल आने से, जलकर और जल मूल्य दोनों लिए जाने से परेशान हैं। संशोधन के लिए निगम के चक्कर लगा रहे हैं। पार्षद ने कहा कि उनके वार्ड में बिलों का वितरण रोका जाए। पहले बिल संशोधित करें, फिर बांटे जाएं।
कैंप में स्वकर फार्म बांटे नहीं, मौके पर ही भरवाएं
कर अनुभाग ने 31 दिसंबर तक वार्डों मेें गृहकर समाधान शिविर लगाने की योजना बनाई है। इसे लेकर पार्षदों से कर निर्धारण अधिकारी, कर अधीक्षक सहयोग के लिए संपर्क कर रहे हैं। पार्षदों की ओर से कहा जा रहा है कि कैंप लगाएं। लेकिन स्वकर फार्म भी भरवाएं। पार्षद पंकज गोयल और पूर्व पार्षद विपिन जिंदल ने निगम कार्यालय पहुंचकर मुख्य कर निर्धारण अधिकारी से कहा कि लोगों को एक पेज का स्वकर फार्म बांटने से समस्या हल नहीं होगी।
कैंप में निगम के जानकार कर्मचारी बैठें। बढ़े बिल की आपत्ति पर स्वकर फार्म अपने सामने भरवाएं। लोगों को सर्किल रेट के अनुसार कर की दरें पता नहीं है। अलग-अलग क्षेत्र की दरें अलग-अलग हैं। स्वकर की गणना करना लोग नहीं जानते हैं। ऐसे में मौके पर कर्मचारी फार्म भरने में मदद करेंगे तो बिलों का संशोधन तेजी से होगा।
मुख्य कर निर्धारण अधिकारी एसके गौतम ने कहा कि जिन भवन स्वामियों को गृहकर के दो बिल मिल रहे हों। वह परेशान न हो। निगम कार्यालय दोनों बिल लेकर आएं। यह जीआइएस सर्वे के दौरान पुरानी संपत्ति को नई दर्शाने से ये स्थिति बनी है। ऐसी अनमैच्ड प्रापर्टी के बिल संशोधित किए जा रहे हैं। पुरानी संपत्ति के आधार पर ही उनका बिल जमा कराया जा रहा है। वहीं कैंप के दौरान स्वकर फार्म मौेके पर ही भरवाने की व्यवस्था की जाएगी।

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