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    यूपी के इस जिले में दारोगा के खिलाफ उसी के थाने में दर्ज हुआ मुकदमा, इस कारस्तानी ने 'मित्र' पुलिस का चेहरा किया दागदार

    By Jagran News Edited By: Praveen Vashishtha
    Updated: Thu, 16 Oct 2025 04:05 PM (IST)

    Meerut News : मेरठ के भावनपुर थाने में पुलिस ने लूट के शिकार ट्रांसपोर्टर को पीटा। आरोप है कि पिटाई और उत्पीड़न से आहत होकर  ट्रांसपोर्टर पुष्पेंद्र ने जहर पी लिया था। एसएसपी ने थानाध्यक्ष को निलंबित कर दिया और दारोगा के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया। फिलहाल मामले की जांच जारी है।

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    दारोगा के खिलाफ दर्ज हुआ मुकदमा (प्रतीकात्मक फोटो)

    जागरण संवाददाता, मेरठ। भावनपुर थाना पुलिस की कारस्तानी ने 'मित्र' पुलिस के चेहरे को दागदार कर दिया। अपनी कमी छिपाने के लिए थानाध्यक्ष और एक दारोगा लूट का शिकार हुए ट्रांसपोर्टर को थाने ले आए और घटना को हादसे में दिखाने के लिए ट्रांसपोर्टर की जमकर पिटाई की। उसे इतना प्रताड़ित किया कि थाने से बाहर निकलने के बाद ट्रांसपोर्टर ने जहर खा लिया। स्वजन ने थर्ड डिग्री देने का आरोप लगाते हुए विरोध शुरू किया तो मामला पुलिस के बड़े अफसरों तक पहुंचा। एसएसपी ने थानाध्यक्ष योगेंद्र कुमार को निलंबित कर दिया।
    प्रताड़ित करने वाले दारोगा के खिलाफ भावनपुर थाने में ही ट्रांसपोर्टर के उत्पीड़न का मुकदमा दर्ज किया गया है। हालांकि यहां भी 'खेल' हुआ और जिस दारोगा के खिलाफ मुकदमा हुआ वह 'अज्ञात' है। दो आरोपितों पर लूट का मुकदमा दर्ज कर उन्हें जेल भेज दिया गया। नर्सिंग होम में भर्ती ट्रांसपोर्टर की हालत में सुधार है। एसपी देहात पूरे प्रकरण की जांच कर रहे हैं।

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    यह है मामला

    भावनपुर थाना क्षेत्र के गांव मुबारिकपुर निवासी विकल ने दर्ज कराई रिपोर्ट में बताया कि उनका ट्रासंपोर्टर भाई पुष्पेंद्र 13 अक्टूबर की रात 10 बजे कार से गांव आ रहा था। मुबारिकपुर-स्याल मार्ग पर गांव स्याल के दो बाइक सवार युवकों ने उसकी गाड़ी रोक ली। मारपीट करते हुए नगदी व सामान लूट लिया। लोगों के आने पर आरोपित फरार हो गए। पुष्पेंद्र ने डायल-112 पर लूट की सूचना दी। पुलिस मौके पर पहुंची और पुष्पेंद्र को थाने ले आई।

    पीड़ित को ही हवालात में डाला

    थाने के एक दारोगा ने उल्टा पुष्पेंद्र को ही हवालात में डाल दिया। कार व मोबाइल कब्जे में ले लिया। 14 अक्टूबर की सुबह पता चलने पर स्वजन गए तो पुष्पेंद्र को छोड़ा, लेकिन कार व मोबाइल नहीं दिया। स्वजन ने आरोप लगाया कि थानाध्यक्ष और दारोगा ने पुष्पेंद्र के साथ मारपीट करते हुए प्रताड़ित किया।

    पीड़ित ने पीया था जहर

    स्वजन का आरोप है कि लूट के बाद पुलिस की पिटाई और उत्पीड़न से आहत होकर पुष्पेंद्र ने जहर पीया था। विकल ने दारोगा पर उत्पीड़न और दो बदमाशों पर लूटपाट का मुकदमा दर्ज कराया। बुधवार को पुलिस ने आरोपित स्याल निवासी आर्यन और हिस्ट्रीशीटर हर्ष को गिरफ्तार कर लिया। दावा किया जा रहा है कि मेडिकल रिपोर्ट में पुष्पेंद्र के शरीर पर चोट के निशान नहीं है। पीड़ित परिवार ने डीआइजी को पूरे मामले से अवगत कराया।
    पुष्पेंद्र के भाई विकल ने कहा कि पुलिस ने लूट की सूचना को हादसा बताने की कोशिश की है। इसी आधार पर हमारे भाई को थाने में रखकर उत्पीड़न किया गया। उल्टे उसे ही शराब पीना बताया गया, जबकि शराब दारोगा ने पी रखी थी।
    यह बोले अधिकारी
    डीआइजी मेरठ कलानिधि नैथानी ने कहा कि घटना होने पर पहले पुष्पेंद्र की रिपोर्ट दर्ज की जानी चाहिए थी, फिर जांच कर सत्यता तक पहुंचना चाहिए था। थाने पर पीड़ित को रोकना और मारपीट करना गलत है।
    एसएसपी डा. विपिन ताडा ने कहा कि इस प्रकरण की जांच एसपी देहात को दी गई है। फिलहाल परिवार की तहरीर पर मुकदमा दर्ज कर लिया है। प्रथम जांच में थानाध्यक्ष को निलंबित किया जा चुका है। विभागीय जांच भी कराई जाएगी।