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    Meerut News: 29 लाख की साइबर ठगी में कारोबारी सचिन जैन गिरफ्तार, गुरुग्राम पुलिस ने कोर्ट में पेश कर भेजा जेल

    Updated: Sat, 09 Aug 2025 12:18 PM (IST)

    मेरठ में गुरुग्राम पुलिस ने एक व्यवसायी सचिन जैन को 29 लाख रुपये की साइबर धोखाधड़ी के आरोप में गिरफ्तार किया है। आरोप है कि उसने एक महिला को ट्रेडिंग का लालच देकर ठगा। पुलिस उसके साथियों की तलाश कर रही है। वहीं एक अन्य मामले में हंस रबड़ एंड स्पोर्ट्स के एक कर्मचारी पर 3.17 लाख रुपये के गबन का आरोप लगा है

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    29 लाख की साइबर ठगी में कारोबारी सचिन जैन गिरफ्तार, गुरुग्राम से जेल गया

    जागरण संवाददाता, मेरठ। रेलवे रोड थाने की आनंदपुरी कालोनी के कारोबारी सचिन जैन को गुरुग्राम पुलिस ने शारदा रोड से गिरफ्तार किया। आरोपित के खिलाफ 29 लाख की ठगी का मुकदमा दर्ज था। गुरुग्राम पुलिस ने आरोपित को कोर्ट में पेश कर जेल भेज दिया।

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    गुरुग्राम के साइबर ईस्ट थाने के एएसआइ सत्यवान सिंह पुलिस टीम के साथ मेरठ पहुंचे। उन्होंने बताया कि आनंदपुरी निवासी सचिन जैन ने गुरुग्राम की एक महिला को ट्रेडिंग का झांसा देकर 29 लाख की साइबर ठगी की है। यह रकम सचिन जैन के खाते में ट्रांसफर कर निकाल ली गई है।

    गुरुग्राम की पुलिस को सचिन जैन की लोकेशन ब्रह्मपुरी के शारदा रोड पर मिली है। यहां पर सचिन की दुकान है। गुरुग्राम पुलिस की टीम ने ब्रह्मपुरी पुलिस को साथ लेकर आरोपित सचिन जैन को गिरफ्तार कर लिया। उसके बाद सचिन को गुरुग्राम ले जाकर कोर्ट में पेश किया। वहां से अदालत ने जेल भेज दिया।

    एएसआइ सत्यवान ने बताया कि इस साइबर ठगी में सचिन जैन के तीन साथी अभी फरार चल रहे है। उनकी धरपकड़ को टीम काम कर रही है। आरोपित सचिन जैन के बारे में पुलिस गहनता से जांच कर रही है। देखा जा रहा है कि सचिन जैन ने खाते से रकम निकाल कर किस कारोबार में लगाई है।

    हंस रबड़ एंड स्पोर्ट्स के कर्मचारी पर अमानत में ख्यानत का मुकदमा

    हंस रबड़ एंड स्पोर्ट्स प्राइवेट लिमिटेड और हंस एक्सपोर्ट्स के कर्मचारी ने फर्म के 3.17 लाख रुपये हड़प लिए। फर्म मालिक डीएल मक्कड़ ने आरोपित के खिलाफ परतापुर थाने में एफआइआर करा दी है। आरोपित कर्मचारी को नौकरी से भी निकाल दिया गया।

    एल मक्कड़ ने पुलिस को बताया कि शास्त्रीनगर सेक्टर-3 निवासी ललित सहगल उनकी फर्म में एजेंट के रुप में कार्य करता था। विभिन्न फर्मों से माल सप्लाई का आर्डर लाने और भुगतान प्राप्त कर फर्म में जमा कराना उसका काम था।

    आरोप है कि विभिन्न पार्टियों से ललित ने 3.17 लाख रुपये प्राप्त किए। लेकिन फर्म के खाते में जमा नहीं कराए। जब इन पार्टियों से संपर्क किया गया तो उन्होंने बताया कि भुगतान ललित सहगल को दे दिया गया।

    ललित सहगल ने 15 दिसंबर 2024 को लिखित में भुगतान प्राप्त करने और जल्द ही धनराशि फर्म में जमा कराने का आश्वासन दिया था। उसके बाद भी रकम जमा नहीं कराई गई। आरोप है कि नौकरी से निकालने के बाद भी वह विभिन्न पार्टियों से संपर्क कर रहा है। सीओ ब्रह्मपुरी सौम्या अस्थाना ने बताया कि रिपोर्ट दर्ज कर मामले की विस्तार से जांच की जा रही है।