करोड़ों की साइबर ठगी करने वाले अलाउद्दीन के जेल जाने के बाद 'धंधा' संभाल रहा था अल्तमस, गिरफ्तार
मेरठ पुलिस ने गैंगस्टर अलाउद्दीन गिरोह के सदस्य अल्तमस को गिरफ्तार कर लिया। अल्तमस ने ठगी की रकम के लिए धोखे से युवक के कागजात लेकर बैंक में खाता खुल ...और पढ़ें

प्रतीकात्मक फोटो
जागरण संवाददाता, मेरठ। गैंगस्टर अंतरराज्यीय साइबर ठग अलाउद्दीन गिरोह के सदस्य अल्तमस को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया।
उसने ठगी की रकम डलवाने के लिए धोखे से युवक के कागजात की फोटो प्रति लेकर बैंक में खाता खुलवाया था। युवक की शिकायत पर कार्रवाई करते हुए पुलिस ने उसे पकड़ा। उसके कब्जे से छह डेबिट कार्ड, तीन आधार कार्ड, दो सिम, तीन बैंकों की चेकबुक भी बरामद की।
लिसाड़ीगेट थाने के लक्खीपुरा गली नंबर एक निवासी शहजाद ने पुलिस को दी शिकायत में बताया कि समर कालोनी के अल्तमश ने धोखे से आधार कार्ड, पैन कार्ड एवं अन्य दस्तावेजों की छायाप्रति लेकर बैंक में खाता खुलवा दिया।
फिर खाते में पैसे की मांग की गई। उसने विरोध किया तो गाली गलौज कर जान से मारने की धमकी दी। बुधवार को लिसाड़ी गेट पुलिस ने अल्तमस को गिरफ्तार कर लिया।
पूछताछ में उसने बताया कि अलाउद्दीन के जेल जाने के बाद वह साइबर ठगी का काम कर रहा था। बता दें कि बिजली बंबा रेजीडेंसी निवासी अय्यूब मलिक का बेटा अलाउद्दीन मलिक दुबई में बैठकर उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान, बंगाल, कर्नाटक, ओडिशा, झारखंड और दिल्ली राज्य के कई शहरों में लोगों से करोड़ों की साइबर ठगी कर चुका है।
जून में पुलिस ने अलाउद्दीन के साथी वकार, शाहरुख, मोनू और समीर को गिरफ्तार किया था। उनके पास से 36 डेबिट कार्ड, 27 बैंक पासबुक, 16 सिम, तीन चेकबुक व 10 मोबाइल बरामद हुए थे। 30 जुलाई को पुलिस ने अलाउद्दीन और उसके साथी सोनू को भी पकड़ लिया था।
चार दिसंबर को अलाउद्दीन और उसके साथियों पर गैंग्सटर का मुकदमा हुआ। फिलहाल अलाउद्दीन जयपुर की जेल में बंद है। अलाउद्दीन और उसके पिता अय्यूब मलिक के खिलाफ लालकुर्ती और साइबर थाने में मुकदमे दर्ज हैं। अय्यूब फरार है।

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