...तो यहां मुर्दे भी मजदूरी करते हैं, गरीबों से छीना जा रहा रोजगार; मनरेगा में फर्जी हाजिरी का चल रहा बड़ा खेल
मेरठ में मनरेगा योजना में भ्रष्टाचार का मामला सामने आया है। सठला गांव के ग्राम सचिव पर आरोप है कि उन्होंने एक मृत महिला मजदूर के नाम पर सरकारी खजाने से पैसे निकाले। शिकायत मिलने के बाद मुख्य विकास अधिकारी ने सभी मजदूरों का सत्यापन कराने का आदेश दिया है। जांच में फर्जी हाजिरी और अन्य अनियमितताएं भी सामने आई हैं।

सर्वेंद्र पुंडीर, मेरठ। मनरेगा योजना का मजदूरों को लाभ मिल रहा है या नहीं, यह तो वहीं मजदूर बता सकते हैं जो इस योजना में रजिस्टर्ड हैं। योजना कुछ लोगों की वजह से भ्रष्टाचार का अड्डा बनती जा रही है। हाल ही में एक सचिव ने पौधारोपण कराने के नाम पर डेढ़ लाख का गबन किया।
अब सठला गांव के ग्राम सचिव आठ माह पूर्व जिस मनरेगा महिला मजदूर की मौत हो चुकी है। उसका भी पैसा सरकारी खजाने से ले रहे हैं। यह मामला सामने आने के बाद सीडीओ ने सभी मजूदरों के सत्यापन कराने के आदेश जारी किए है।
हस्तिनापुर ब्लाक के गांव सठला निवासी फैजल खान पुत्र इस्तियाक ने जिलाधिकारी को 12 जून को शिकायत दी कि उनके गांव के सचिव मनरेगा में घोटाला कर रहे है। शिकायत में बताया कि सठला गांव की एक मनरेगा महिला मजदूर रचना पत्नी आनंद की करीब आठ माह पूर्व मौत हो चुकी है।
सचिव के दस्तावेजों में वह अभी भी मजदूरी कर रही है। उसकी लगातार मजदूरी ली जा रही है। जिसके बाद डीएम ने यह जांच मनरेगा लोकपाल को सौंपी। मनरेगा लोकपाल रविंद्र चौहान ने जांच शुरू कर दी है।
अभी तक की जांच में यह पता चल गया है कि रचना की मौत तो हो चुकी है, लेकिन कब से उसकी मजदूरी ली जा रही है। इसकी जांच अभी बाकी है। एक मनरेगा मजदूर को एक दिन के 370 रुपये मिलते हैं। माह में लगभग साढ़े 11 हजार रुपये मिलते हैं।
फर्जी हाजिरी का चल रहा बड़ा खेल
मनरेगा मजदूरों की फर्जी हाजिरी का भी बड़ा खेल चल रहा है। एमएमएस एप पर मनरेगा मजदूरों की हाजिरी लगती है। सठला के ग्राम सचिव पर आरोप है कि वह पुराने फोटो से इस एप पर मजदूरों की हाजिरी लगाते हैं। उदाहरण दिए गए कि आरिफ के खेत से लेकर गुड्डू के खेत तक चकरोड़ बनाई गई। यहां पर मजदूरों की संख्या कम थी, लेकिन एप पर अधिक दिखाई गई, ताकि पैसा लिया जा सके।
आंगनबाडी वर्कर को कैसे बना दिया मनरेगा मजदूर
मनरेगा लोकपाल रविंद्र चौहान ने बताया कि सठला गांव की रहने वाली रूकमेश पत्नी ऋषिपाल आंगनबाड़ी वर्कर है। नियम के अनुसार, वह मनरेगा में मजदूरी नहीं कर सकती है, लेकिन रूकमेश को मनरेगा कार्ड जारी किया हुआ है।
इसलिए बनवाते हैं मनरेगा कार्ड
मनरेगा कार्ड के कई फायदें होते हैँ। इससे आयुष्मान योजना, प्रधानमंत्री आवास योजना आदि का लाभ मिलता है। इस समय जनपद में 54458 मनरेगा के रजिस्टर्ड मजदूर है। जिसमें 19165 महिलाएं और 35293 पुरुष शामिल है।
मनरेगा योजना को लेकर कई मामले सामने आ चुके हैं। हाल ही में एक मृतक महिला की मजदूरी लेने का मामला सामने आया है। सभी का सत्यापन कराया जा रहा है। मृतक महिला की मजदूरी लेने के मामले में कड़ी कार्रवाई होगी। -नूपुर गोयल, मुख्य विकास अधिकारी
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