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    Meerut: जीएसटी विभाग में फंसी 99 लाख की रकम को रिफंड कराने के नाम पर 30 लाख की ठगी, केस दर्ज

    By Jagran NewsEdited By: Vinay Saxena
    Updated: Mon, 18 Sep 2023 03:34 PM (IST)

    यूपी के मेरठ में 30 लाख की ठगी का बेहद हैरान करने वाला मामला सामने आया है। रोहटा थाना क्षेत्र निवासी एक व्यक्ति ने जीएसटी विभाग में फंसी 99 लाख रुपये ...और पढ़ें

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    पुलिस ने आईजी के आदेश पर आरोपी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी।

    मेरठ, जागरण संवाददाता। रोहटा थाना क्षेत्र निवासी एक व्यक्ति ने जीएसटी विभाग में फंसी 99 लाख रुपये की रकम को वापस दिलाने के नाम पर लोनी के एक कारोबारी से 30 लाख रुपये की ठगी कर ली। पुलिस ने आईजी नचिकेता झा के आदेश पर आरोपित के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी।

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    लोनी निवासी अनिल कुमार पुत्र महेंद्र शाह की एके इंटरप्राइजेज के नाम से कंपनी है। नवंबर 2022 में कंपनी में जीएसटी का छापा लगा था। जीएसटी अधिकारियों ने जुर्माने के तौर पर कारोबारी के खाते से 70 लाख रुपये निकाले थे और 29 लाख रुपये नकद जब्त किए थे।

    पुलिस के अनुसार, कारोबारी ने बताया था कि उनके चालक प्रमोद भाटी ने बताया था कि रोहटा थाना क्षेत्र के सतवाई गांव निवासी राजकुमार की जीएसटी विभाग में अच्छी बातचीत है। उनसे मिला जाए तो वह उनका पैसा रिफंड करा सकते है।

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    आरोप है कि राजकुमार ने 99 लाख की रकम को रिफंड कराने के लिए अधिकारियों को देने के लिए 30 लाख रुपये मांगे। अपने लिए उसने 10 लाख रुपये नकद व एक 55 इंच की एलईडी की मांग की। 14 नवंबर को उन्होंने राजकुमार को 15 लाख रुपये दिए। जिसके बाद वह उन्हें जीएसटी आफिस ले गया। उन्हें कार्यालय के गेट पर खड़ा करके पैसे जमा करने के लिए अकेला अंदर चला गया।

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    करीब आधा घंटे बाद वह बाहर आया। तीन दिन बाद 15 लाख रुपये ओर दिए। दोबारा भी वह अकेले ही अंदर गया। उन्होंने रसीद मांगी तो उसने 20 दिन में एनओसी मिलने की बात कही। एक महीने बाद उन्होंने एनओसी मांगी तो वह टालमटोल करने लगा।

    इसके बाद वह जीएसटी कार्यालय पहुंचे तो पता चला कि जीएसटी खाते में कोई पैसा जमा नहीं हुआ है। जिससे उन्हें अपने साथ ठगी होने का पता चला। कारोबारी ने इसकी शिकायत थाना पुलिस से लेकर एसएसपी तक की, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं। इसके बाद वह आईजी नचिकेता झा के पास पहुंचे। रविवार को रोहटा पुलिस ने राजकुमार के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी।