वेस्ट यूपी में इंडस्ट्रियल कॉरिडोर का हो रहा निर्माण, किसानों से खरीदी जाएगी 27 हेक्टेयर जमीन
यूपी में यूपीडा द्वारा कुल छह औद्योगिक एक्सप्रेसवे तैयार किए गए हैं। इन सभी से सटाकर कुल 27 जनपदों में औद्योगिक गलियारों का निर्माण कराया जा रहा है ले ...और पढ़ें

जागरण संवाददाता, मेरठ। प्रदेश में यूपीडा द्वारा कुल छह औद्योगिक एक्सप्रेसवे तैयार किए गए हैं। इन सभी से सटाकर कुल 27 जनपदों में औद्योगिक गलियारों का निर्माण कराया जा रहा है लेकिन इनके लिए जमीन की खरीद करने में अड़चने आ रही हैं। शासन ने जमीन खरीद का काम पूरा करने के लिए 31 जनवरी तक का लक्ष्य निर्धारित किया है।
मेरठ में प्रथम चरण में 214 हेक्टेयर क्षेत्रफल को चिह्नित किया गया है। जिसमें से अभी तक 182 हेक्टेयर जमीन की किसानों से खरीद और सरकारी जमीनों का पुनर्ग्रहण हो सका है। किसानों से 27 हेक्टेयर जमीन की खरीद शेष है। लेकिन सरकार के आदेश के तहत इसकी खरीद जनवरी महीने में हो पाना संभव नहीं लगता।
इस बची जमीन में से अधिकांश जमीन विवादों के घिरीं हैं। इसी कारण इनकी सीधी खरीद नहीं हो पा रही है। इसी के चलते बची जमीन की अधिग्रहण प्रक्रिया भी शुरू की गई है। माना जा रहा है कि 27 हेक्टेयर में से लगभग 25 हेक्टेयर जमीन की व्यवस्था तो अधिग्रहण से ही हो सकेगी।
प्रदेश के छह औद्योगिक एक्सप्रेसवे में से एक मेरठ से प्रयागराज तक 594 किमी लंबा है। यह 12 जनपदों से गुजरता है। सभी जनपदों में सरकार इससे सटाकर औद्योगिक गलियारा का निर्माण करा रही है। मेरठ में सबसे अधिक क्षेत्रफल 506 हेक्टेयर में औद्योगिक गलियारा बसाने की योजना है लेकिन दो चरणों में। पहले चरण में दो गांवों बिजौली और खरखौदा की 214 हेक्टेयर जमीन को चिह्नित करके उसकी सीधे खरीद करने का कार्य जारी है।
इसमें 203 हेक्टेयर जमीन किसानों की है जबकि 11 हेक्टेयर भूमि सरकारी है जिसका पुनर्ग्रहण किया जा रहा है। शुक्रवार तक इसके लिए किसानों से 175 हेक्टेयर भूमि की खरीद की जा चुकी है। 27 हेक्टेयर से ज्यादा की खरीद शेष है। सरकारी भूमि में से भी 7 हेक्टेयर भूमि का पुनर्ग्रहण किया जा चुका है। लगभग 4 हेक्टेयर जमीन की प्रक्रिया विवाद के कारण अटकी है।
जनवरी तक संभव नहीं खरीद
शासन ने सभी 27 जनपदों के अधिकारियों को 31 जनवरी तक औद्योगिक गलियारा की संपूर्ण भूमि की खरीद का काम पूरा करने का आदेश दिया है। मेरठ में किसानों से खरीद के लिए शेष 27 हेक्टेयर भूमि में से लगभग 25 हेक्टेयर भूमि विवाद से घिरी है। तहसील प्रशासन इसकी खरीद के लिए लंबे समय से प्रयास कर रहा है लेकिन सफलता नहीं मिल पा रही है। अब लगभग दो हेक्टेयर जमीन की खरीद की ही संभावना जतायी जा रही है। जिसके लिए प्रयास चल रहा है।
अधिग्रहण के लिए सामाजिक समाघात की घोषणा
जिला प्रशासन द्वारा 27 हेक्टेयर भूमि के लिए अधिग्रहण की प्रक्रिया अक्टूबर महीने से संचालित की जा रही है। अधिग्रहण की प्रक्रिया के तहत सामाजिक समाघात सर्वेक्षण के लिए रोहिणी दिल्ली की एजेंसी प्रोब रिसर्च एंड सोशल डेवलपमेंट का चयन कर लिया गया है। शुक्रवार को जिला प्रशासन ने धारा चार के तहत प्रभावित क्षेत्र के लिए सामाजिक समाघात कराने की घोषणा भी कर दी।
औद्योगिक गलियारा के प्रथम चरण की शेष जमीन के लिए अधिग्रहण की प्रक्रिया चल रही है। विवाद के चलते उक्त भूमि की सीधी खरीद संभव नहीं हो पा रही है। -डा. वी के सिंह, जिलाधिकारी

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