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    खुद की पत्नी की हत्या और 22 दिन बाद दर्ज कराई गुमशुदगी...यूं खुला राज और अब हुआ यह सब

    By Sushil Kumar Edited By: Praveen Vashishtha
    Updated: Wed, 05 Nov 2025 02:14 PM (IST)

    मेरठ में शहजाद नामक व्यक्ति ने अपनी पत्नी नईमा की हत्या कर दी और 22 दिन बाद गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई। पुलिस ने शव मिलने की तारीख और गुमशुदगी की रिपोर्ट की तारीख में विसंगति पाई। पूछताछ में शहजाद ने अपना जुर्म कबूल कर लिया। नईमा और शहजाद के रहन-सहन में अंतर था और शहजाद के पहले निकाह के बारे में जानने के बाद दोनों में विवाद शुरू हो गया था।

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    जानी पुलिस की गिरफ्त में पत्नी का हत्यारोपित इमाम शहजाद (बाएं) व उसका साथी नदीम। जागरण

    जागरण संवाददाता, मेरठ। नईमा की हत्या के 22 दिन बाद आरोपित पति शहजाद ने चरथावल थाने में गुमशुदगी दर्ज कराई थी। उसने पुलिस को बताया था कि 16 सितंबर को नईमा लापता है। पुलिस लाइन में पत्रकार वार्ता के दौरान एसएसपी डा. विपिन ताडा ने बताया कि मुजफ्फरनगर के चरथावल थाने में आठ अक्टूबर को शहजाद निवासी कुरैशियान फलावदा (मेरठ) हाल निवासी लक्खीपुरा लिसाड़ी गेट ने अपनी पत्नी नईमा यासमीन निवासी डिब्रूगढ़ (असम) की गुमशुदगी दर्ज कराई थी।

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    चरथावल में लोगों को बताया था कि नईमा अपने मायके असम चली गई है। जानी थानाक्षेत्र के सिवालखास में गंगनहर पटरी के बराबर में 17 सितंबर को करीब 35 वर्षीय महिला का शव मिला था। शहजाद ने गुमशुदगी दर्ज कराते हुए नईमा को 16 सितंबर से लापता बताया था। पुलिस ने 17 सितंबर को मिले शव और नईमा की फोटो का मिलान किया, इसक बाद शहजाद को सूचना दी। शव मिलने और गुमशुदगी दर्ज कराने की तिथि को देखते हुए पुलिस का शक गहरा गया। इसके बाद पुलिस ने इमाम शहजाद को हिरासत में लेकर पूछताछ की तो उसने जुर्म कुबूल कर लिया। एसएसपी ने बताया कि इस हत्याकांड का पर्दाफाश करने वाली पुलिस टीम को 25 हजार रुपये इनाम भी दिया गया है।


    आनलाइन मुलाकात हुई, दिल्ली में किया निकाह : दिल्ली की मंडावली मस्जिद के इमाम रिफाकत से इमाम शहजाद की दोस्ती थी। रिफाकत जमात पर असम गया था। वहां उसकी मुलाकात नईमा की बड़ी बहन से हुई थी। बड़ी बहन ने रिफाकत से नईमा के निकाह के लिए अच्छा लड़का बताने के लिए कहा। इस पर उसने शहजाद के नाम का प्रस्ताव रख दिया। इसके बाद शहजाद नईमा से मोबाइल पर बातचीत करने लगा। शहजाद ने नईमा को नहीं बताया कि उसका निकाह हो चुका है।

    डिब्रूगढ़ की नईमा यासमीन ग्रेजुएट थी
    डिब्रूगढ़ की नईमा यासमीन ग्रेजुएट थी, जो मल्टीनेशनल कंपनी में काम कर चुकी थी, जबकि इमाम शहजाद कक्षा पांच पास था। इसलिए दोनों के खयालत मिलते नहीं थे। एसएसपी डा. विपिन ताडा ने बताया कि नईमा और शहजाद के रहन-सहन में काफी अंतर था। उसके बाद भी नईमा सबकुछ भूलाकर शहजाद के साथ रहने लगी थी, लेकिन शहजाद के पहले निकाह के बारे में जानकारी मिलने के बाद दोनों में विवाद शुरू हो गया था। नईमा पुलिस के शिकायत करने की धमकी देकर अपने आसाम जाना चाहती थी।

    शहजाद ने उसे काफी रोकने का प्रयास किया। नईमा ने शहजाद की बात मानने से इन्कार कर दिया। तब उसने हत्या की पटकथा रच डाली। एसएसपी ने बताया कि इस हत्याकांड का पर्दाफाश करने वाली पुलिस टीम को 25 हजार का इनाम भी दिया गया।

    हत्या करने के 22 दिन बाद कराई थी गुमशुदगी
    चरथावल थाने में पहुंचकर शहजाद ने हत्या के 22 दिन बाद नईमा की गुमशुदगी दर्ज कराई। गलती यहां हो गई कि गुमशुदगी में शहजाद ने नईमा को 16 सितंबर से लापता होना बताया, जबकि 17 सितंबर को जानी थाना क्षेत्र में महिला का शव मिला था। इसी क्लू के आधार पर पुलिस ने गुमशुदगी की गहना से जांच की। इसलिए नईमा की हत्या से पर्दा उठाने में पुलिस कामयाब हो गई।