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    मेरठ बनेगा खिलाड़ी व खेल उत्पाद का हब... यह है योजना

    By Pradeep Diwedi Edited By: Praveen Vashishtha
    Updated: Sat, 15 Nov 2025 04:24 PM (IST)

    मेरठ को खेल और खिलाड़ियों का केंद्र बनाने की योजना है। खेल सामग्री बनाने वाली कंपनियों को प्रोत्साहन मिलेगा, जिससे रोजगार बढ़ेगा। सरकार खेल विश्वविद्यालय भी बना रही है, जिससे युवाओं को खेल में आगे बढ़ने का अवसर मिलेगा। इससे मेरठ की अर्थव्यवस्था मजबूत होगी और व्यापार को भी बढ़ावा मिलेगा।

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    नई दिल्ली में आयोजित स्पोर्टएज हब मेरठ कार्यशाला में कौशल विकास एवं उद्यमिता राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) तथा शिक्षा राज्य मंत्री जयंत सिंह। (फाइल फोटो)

    जागरण संवाददाता, मेरठ। ओलिंपिक का आयोजन 2036 में भारत में कराने की तैयारी चल रही। आयोजन स्थल संभवतया नई दिल्ली रहेगा, इसलिए इसमें मेरठ की विशेष भूमिका रखने की तैयारी भारत सरकार के स्तर से तेजी से चल रही है। मेरठ को खिलाड़ी व खेल उत्पाद का हब बनाने का लक्ष्य रखा गया है। इसी लक्ष्य को लेकर शुक्रवार को होटल अशोका में भारत का माडल स्पोर्ट्स हब-स्पोर्टएज मेरठ विषय पर कार्यशाला आयोजित की गई।

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    कौशल विकास एवं उद्यमिता राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) तथा शिक्षा राज्य मंत्री जयंत चौधरी ने स्पोर्टएज मेरठ (विकास एवं उत्कृष्टता के लिए खेल एवं उद्यमिता विकास) के अंतर्गत मेरठ स्पोर्ट्स हब विकास माडल की घोषणा की। यह आयोजन कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय, एसपीईएफएल कौशल परिषद और ब्रिटिश एशियन ट्रस्ट की की ओर से आयोजन किया गया। स्पोर्टएज (विकास और उत्कृष्टता के लिए खेल और उद्यमिता विकास) मेरठ की आजीविका को बढ़ावा देगा, महिला उद्यमियों को सशक्त बनाएगा और युवा खेल प्रतिभाओं को पोषित करेगा।

    मिशन ओलिंपिक को देखते हुए मेरठ को खिलाड़ी व खेल उत्पाद का हब बनाना है, इसके लिए खेल उद्योग के कर्मचारियों का कौशल प्रशिक्षण होगा वहीं खिलाड़ियों व कोच का भी प्रशिक्षण होगा। ग्रामीण स्तर पर अत्याधुनिक स्टेडियम बनाए जाएंगे। कार्यशाला में सरकार, उद्योग, वित्त और विकास सेक्टरों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया।

    एशियाई विकास बैंक (एडीबी), विश्व बैंक, ओएनजीसी फाउंडेशन, माइक्रोसाफ्ट, अमेरिकन इंडिया फाउंडेशन और एसबीआइ फाउंडेशन के प्रतिनिधि शामिल थे। इसमें बताया गया कि यह जिला राज्य की अर्थव्यवस्था में सालाना लगभग 1500 करोड़ रुपये और भारत के खेल सामग्री निर्यात में 40 प्रतिशत से अधिक का योगदान देता है। इस क्लस्टर में तीन लाख से अधिक कारीगर, महिला कर्मचारी और छोटे उद्यमी कार्यरत हैं, जिनकी कारीगरी ने मेरठ को वैश्विक स्तर पर ख्याति दिलाई है।

    स्पोर्टएज मेरठ के माध्यम से, इस इको-सिस्टम का लक्ष्य प्रतिस्पर्धात्मकता, नवोन्मेषण और सामाजिक प्रभाव के लिए एक वैश्विक मानक के रूप में स्थापित करने का है। भारत का तीसरा सबसे बड़ा खेल सामग्री निर्यातक मेरठ है, इसलिए इस माडल के साथ उद्यमिता को बढ़ावा देकर, एमएसएमई और स्टार्टअप्स को नवाचार करने, नई तकनीकों को अपनाने में सक्षम बनाकर इस विरासत को मजबूत बनाएगी।

    जयंत आएंगे 29 को : चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय स्थित कौशल विकास केंद्र का शुभारंभ केंद्रीय मंत्री जयंत सिंह 29 नवंबर को करेंगे। यहां पर महिलाओं द्वारा संचालित कौशल विकास केंद्र में बैडमिंटन, शटल काक का प्रशिक्षण दिया जाता है। यह केंद्र उद्यमिता विकास मंत्रालय की ओर से स्थापित किया गया है। इसी दिन केंद्रीय मंत्री खेल उत्पाद उद्यमियों, खेल क्षेत्र के प्रमुख जानकारों, खिलाड़ी, कोच आदि से भेंट करेंगे।