AC Explosion: मेरठ के अस्पताल में डॉक्टर्स रूम के AC में लगी आग, फिर धमाके से फट गया; मची अफरा-तफरी
मेरठ के डफरिन अस्पताल में मंगलवार शाम एसी में आग लगने से अफरा-तफरी मच गई। शॉर्ट सर्किट के कारण एसी में धमाका हुआ जिससे मरीज डर गए। आपातकालीन विभाग के मरीजों को रैन बसेरे में शिफ्ट किया गया। दमकल कर्मियों ने आग पर काबू पाया। घटना में किसी के घायल होने की खबर नहीं है लेकिन मरीजों ने एसी की जांच कराने की मांग की है।

जागरण संवाददाता, मेरठ। जिला महिला चिकित्सालय डफरिन में मंगलवार शाम अचानक डाक्टर्स रूम में शार्ट सर्किट से एसी में आग लग गई।इसके बाद धमाके से वह फट गया। इससे अफरा-तफरी मच गई। मौजूद डाक्टरों ने भागकर जान बचाई। एसी जलने से अस्पताल में धुआं फैल गया। इससे मरीज व तीमारदार सहम गए।
आपात कालीन विभाग में भर्ती मरीजों को यहां से एहतियातन हटाकर नीचे रैन बसेरा में शिफ्ट कर दिया गया। विद्युत आपूर्ति बंद कर दी गई। अस्पताल कर्मचारी व फायर ब्रिगेड की एक गाड़ी ने आग बुझाई। इससे दो घंटे से ज्यादा तक अस्पताल में अफरा-तफरी का माहौल रहा। आग में किसी झुलसने की खबर नहीं है।
जिला महिला अस्पताल के मैट्रन राजबीर सिंह ने बताया, मंगलवार शाम लगभग 7 बजे अस्पताल के भूतल पर बने डाक्टर्स रूम नंबर-14 में बिजली बोर्ड में अचानक चिंगारी उठी। इसके बाद तार जलने लगे और रूम में लगे एसी में आग लग गई।
कुछ देर में ही एसी से आग की लपटे उठने लगी।उन्होंने बताया, डाक्टर्स रूम उस समय बंद था। जबकि मरीजों का कहना था, उस समय रूम में कुछ डाक्टर्स व नर्सिंग स्टाफ था। धुआं पूरे भूतल पर फैल गया। डाक्टर्स रूम से सटे दांयी ओर प्री व पोस्ट आपरेटिव वार्ड बंद था। उसके बरामर आपातकालीन विभाग में सात महिला मरीज डिलीवरी के लिए भर्ती थी।
धुआं फैलते अस्पताल में अफरा-तफरी मच गई। प्रथम तल तक धुआं पहुंचा तो वहां भर्ती मरीज भी सहम गए। इस समय जिला अस्पताल में 60 महिला मरीज भर्ती है। मरीजों व तीमारदारों को तत्काल नर्सिग स्टाफ ने भूतल से हटाकर मुख्य गेट के पास बने रैन बसेरा में शिफ्ट किया गया। इसके बाद कर्मचारियों ने फायर एक्सटिंग्विशर से आग बुझाने का प्रयास शुरू किया।
फायर ब्रिगेड व देहली गेट थाना पुलिस को भी सूचना दी गई। डाक्टर्स रूम के बेड पर पड़े गद्दे जल गए। फायर ब्रिगेड की एक गाड़ी ने आकर आग पर काबू पाया। मैट्रन राजबीर सिंह ने बताया, घटना के समय सीएमएस डा. मीनाक्षी सिंह अस्पताल में मौजूद नहीं थी। सर्जन डा. शशी सिंह अस्पताल में थी। आग लगने से किसी मरीज, डाक्टर व कर्मचारी को कोई नुकसान नहीं पहुंचा है। केवल एसी का जला है।
धुआं फैलते ही खोल दिए अस्पताल के सारे गेट
जिला महिला चिकित्सालय के भूतल पर एसी फटने से निकला धुआं पूरे अस्पताल में फैल गया। भूतल के साथ ही प्रथम व द्वितीय तल तक धुआं की बदबू थी। धुआं व बदबू देख अस्पताल में भर्ती मरीज व तीमारदार बुरी तरह सहम गए। स्टाफ भी डर गया।
भूतल पूरी तरह धुएं से भर गया। इस तल पर आपातकालीन विभाग में भर्ती महिला मरीजों का रैन बसेरा में शिफ्ट करने बाद सर्जरी रूम में मौजूद महिला मरीजों को भी शिफ्ट करने की योजना बनाई गई। लेकिन जल्द ही आग पर काबू पाने पर यह फैसला टाल दिया गया। इस दौरान विद्यत आपूर्ति कटने से मरीजों को दिक्कत हुई।
आग बुझने के बाद सप्लाई शुरू की गई। भूतल के सभी गेट को खोल दिया गया ताकि किसी भी आपात स्थिति में मदद वहां तक पहुंच जाए। पूरे भूतल के फर्श पर एसी जलने व धुआं फैलने से गंदगी फैली थी। प्रथम तल पर भी ऐसे ही हालात थे। आग बुझने के बाद यहां सफाई कराई गई। इस दौरान लोगों का जमावड़ा लगा रहा।
मरीज बोले, एसी की कराई जाए जांच
जिला महिला अस्पताल में लाग लगने से मरीज व उनके तीमारदार खौफजदां देखे गए। इस दौरान उन्होंने कहा, एसी में आग लगने के बाद धमाका हुआ। लोगों की चींख पुकार की आवाज आ रही थी। वह बुरी तरह डर गए थे।
अस्पताल में आग लगने की सूचना पर बेड पर लेटे मरीज भी बाहर जाने को तत्पर दिखे। लिफ्ट विद्युत आपूर्ति बंद होने से बंद हो गई। मरीज के तीमारदारों ने सिढ़ियों से नीचे आकर हालात की जानकारी ली। आग बुझने पर उन्होंने राहत की सांस ली। बाद में मरीजों को समझाकर शांत किया गया। मरीजों ने कहा, जिस तरह मंगलवार को यह घटना हुई है, उसके बाद अस्पताल के सारे एसी की जांच कराई जानी चाहिए ताकि फिर ऐसी घटना न हो।
इस दौरान कर्मचारी कोई भी जानकारी देने से कतराते रहे। सीएमएस व सर्जन ने बात नहीं की। अस्पताल प्रशासन की कोशिश घटना की तह तक जाने के बजाय उसे छिपाने पर ज्यादा रही। तैनात गार्ड से बाद में सभी गेट बंद करा दिए गए। मीडिया के साथ ही लोगों को अंदर नहीं जाने दिया गया
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