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    Meerut Honor Killing Case: अदालत ने दोनों भाईयों को किया दोषी करार, प्रेम विवाह करने पर बहन के पति का किया था मर्डर

    Updated: Fri, 15 Aug 2025 10:29 PM (IST)

    मेरठ के सरधना में ऑनर किलिंग मामले में अदालत ने दो भाइयों को दोषी करार दिया है। जैकी नामक युवक ने एक युवती से प्रेम विवाह किया था जिसके चलते युवती के भाइयों ने जैकी की हत्या कर दी थी। अदालत ने चश्मदीद गवाहों की गवाही के आधार पर दोनों आरोपियों को दोषी पाया और 19 अगस्त को सजा सुनाने का फैसला किया है।

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    अदालत ने दोनों भाईयों को किया दोषी करार, प्रेम विवाह करने पर बहन के पति का किया था मर्डर

    जागरण संवाददाता, मेरठ। सरधना के मुहल्ला खटिकान में आनल किलिंग की सनसनीखेज वारदात में तीन साल बाद गवाही पूरी होने पर अदालत ने निर्णय सुरक्षित कर दिया। हत्यारोपित दोनों भाइयों को 19 अगस्त को सजा सुनाई जाएगी। एक माह पहले ही दोनों जमानत पर छूटे थे।

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    अदालत ने दोनों को कोर्ट से पुलिस कस्टडी में दे दिया। उसके बाद दोनों को वहां से जेल भेज दिया गया। अदालत में चश्मदीद मां और बहन की गवाही होने पर ही अदालत ने दोनों भाईयों को दोषी करार दिया है।

    सरधना के मोहल्ला खटिकान में रहने वाला जैकी उर्फ पटवारी के पड़ोस में रहने वाली युवती से प्रेम संबंध थे। युवती के परिवार के विरोध करने के बाद भी जैकी ने युवती से दिसंबर 2021 में प्रेम विवाह कर लिया। उसके बाद सामने वाले घर में ही युवती के साथ जैकी रहने लगा।

    युवती के परिजनों का कहना है कि अक्सर जैकी का परिवार उन पर टिप्पणी करता था। इसी से क्षुब्ध होकर 18 अप्रैल 2022 को सुबह नौ बजे आस्था के भाई अंशु और सागर खटीक बहन के प्रेमी के घर पर पहुंच गए। वहां पर दोनों भाईयों ने बहन आस्था और उसके प्रेमी जैकी उर्फ पटवारी की गर्दन पर चाकू से हमला कर दिया।

    जैकी के विरोध करने पर उसको गोली भी मार दी गई थी। शोर सुनकर जैकी की बहन ज्योति और मां उषा भी मौके पर पहुंच गई। ज्योति पर भी दोनों भाईयों ने चाकू से हमला कर दिया था। जैकी की मौके पर मौत हो गई थी, जबकि आस्था और ज्योति को उपचार के बाद बचा लिया गया था।

    इस हत्याकांड में जैकी की बहन ज्योति और मां उषा को चश्मदीद गवाह बनाया गया था। पुलिस ने दोनों हत्यारोपितों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। जुलाई 2025 में जमानत मिलने के बाद दोनों जेल से छूट गए थे। इसी बीच मुकदमे का ट्रायल चल रहा था।

    अधिवक्ता सुनील चिदौड़ी ने बताया कि ज्योति और उषा के बयानों के आधार पर एडीजे दस अभय प्रताप सिंह की अदालत ने अंशु और सागर को दोषी करार दिया गया। दोनों को अदालत से ही पुलिस ने कस्टडी में लेकर जेल भेज दिया। 19 अगस्त को निर्णय सुनाया जाएगा।