Meerut Crime: स्वामी प्रसाद मौर्य के लेटरपैड पर लिए दो लाख रुपये, केस में समझौते के नाम पर ली थी रकम
Fraud In Meerut पूर्व कैबिनेट मंत्री और सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य के लेटरपैड पर मेरठ में दो लाख रुपये लिए जाने का मामला सामने आया है। इस मामले में पीड़ित ने एसएसपी से शिकायत की है। सीओ कोतवाली अरविंद चौरसिया ने बताया कि जांच की जा रही है।

मेरठ, जागरण संवाददाता। Meerut Crime News मेरठ में पूर्व कैबिनेट मंत्री और सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य के लेटरपैड पर दो लाख रुपये लिए जाने का मामला प्रकाश में आया है। मुकदमे में समझौता कराने के नाम पर रकम ली गई थी। पीड़ित ने एसएसपी से शिकायत की है।
स्वजन से विवाद
यहां रोहटा निवासी गुलफाम ने एसएसपी को बताया कि उनके भाई इमरान की सड़क हादसे में मौत हो गई थी। इसके बाद उसकी पत्नी परवीन का निकाह देवर रिजवान से करा दिया था। मुआवजे की रकम को लेकर परवीन का स्वजन से विवाद चल रहा है।
वाट्सएप मैसेज भिजवाया था
गुलफाम ने बताया कि भाई की ससुराल पक्ष ने अपने परिचित के जरिये 22 अक्टूबर 2021 को वाट्सएप मैसेज भिजवाया। स्वामी प्रसाद मौर्य के लेटरपैड पर रिजवान और उसके स्वजन पर मुकदमा दर्ज करने के लिए एडीजी जोन को लिखा था।
सीओ बोले-जांच की रही
आरोप है कि दूसरे पक्ष की ओर से समझौते का दबाव बनाया गया। 28 अक्टूबर 21 को गुलफाम के घर पर दो लाख रुपये दिए गए। बाद में पता चला कि लेटरपैड उन्होंने नहीं लिखा था। सीओ कोतवाली अरविंद चौरसिया ने बताया कि मामले की जांच की जा रही है।
मर्चेंट नेवी में नौकरी लगवाने के नाम पर लाखों रुपये की ठगी
वहीं मेरठ के सरधना में सलावा निवासी ग्रामीण से उसके पुत्र की मर्चेंट नेवी में नौकरी लगवाने के नाम पर लाखों की ठगी का मामला प्रकाश में आया है। पीड़ित ने बुधवार को जब आरोपित से रुपये मांगे तो उसने जान से मारने की धमकी दी है। सलावा निवासी विक्रम सिंह पुत्र सतपाल ने बुधवार को थाने में दी तहरीर में बताया कि उसके घर पर दौराला क्षेत्र के एक व्यक्ति का काफी आना जाना है।
झांसे में ले लिया था
कई माह पहले वह युवक उनके घर पर था। तभी उसने विक्रम के पुत्र रोहन से शिक्षा के बारे में पूछा। इस पर रोहन ने कक्षा 11 का छात्र बताया। आरोप है कि तभी युवक ने कहा कि उसकी मर्चेंट नेवी में अधिकारियों से पहचान है और वह उसकी नौकरी लगवा देगा। इस पर विक्रम उसके झांसे में आ गया। इसके बाद उसने बैंक से ऋण लेकर आरोपित को सात लाख रुपये दे दिए, लेकिन कुछ माह बाद काल लेटर न आने पर उसने आरोपित से बात की।
पुलिस ने शुरू की जांच
तब भी उसने आश्वासन दिया। विक्रम ने बताया कि बुधवार को वह ज्वालागढ़ के पास था, तभी उसे रोककर दिए गए रुपये लौटाने को कहा। इस पर आरोपित ने रुपये देने से इन्कार करते हुए धमकी दे दी। फिलहाल, इस मामले में पुलिस ने तहरीर के आधार पर जांच शुरू कर दी है।

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