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    यूपी में ठेकेदार ने सर्राफ को बंधक बनाकर वसूले 28 लाख, पुलिस जांच में हुआ चौंकने वाला खुलासा

    Updated: Sun, 12 Oct 2025 09:39 AM (IST)

    मेरठ में सर्राफ जितेंद्र वर्मा को ठेकेदार आकाश अग्रवाल ने बंधक बनाकर 28 लाख रुपये वसूले और दो चेक लिए। जितेंद्र ने ठेकेदार के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है, जबकि ठेकेदार ने भी सर्राफ पर आरोप लगाए हैं। पुलिस जांच में लेन-देन का मामला सामने आया है, जिसमें हिस्सेदारी की रकम को लेकर विवाद है। आकाश का दावा है कि जितेंद्र पर उसकी रकम बकाया थी। पुलिस मामले की जांच कर रही है।

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    जागरण संवाददाता, मेरठ। सर्राफ एवं बिल्डर जितेंद्र वर्मा को ठेकेदार आकाश अग्रवाल ने घर में बुलाकर बंधक बना लिया। 28 लाख रुपये रकम वसूली और बैंक के दो चेक ले लिए। इसके बाद उन्हें छोड़ दिया।

    सर्राफ ने ठेकेदार और उसके परिवार के खिलाफ तहरीर दी। ठेकेदार ने भी सर्राफ के खिलाफ तहरीर दी है। दोनों की शिकायत पर टीपीनगर पुलिस ने जांच शुरू कर दी है। प्राथमिक जांच में दोनों पक्षों में लेन-देन का मामला सामने आया है।

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    कोतवाली के ठठेरवाड़ा निवासी जितेंद्र वर्मा का परिवार बागपत रोड स्थित अशोका ग्रीन कालोनी में रहता हैं। जितेंद्र वर्मा सर्राफ के साथ-साथ बिल्डिंग खरीद-फरोख्त का भी काम करते हैं। पुलिस के मुताबिक, ठेकेदार आकाश अग्रवाल निवासी गुरुनानक नगर ने भी जितेंद्र वर्मा के साथ हिस्सेदारी में रकम लगा रखी थी।

    बाद में दोनों में विवाद हो गया। बताया जाता है कि बुधवार को आकाश अग्रवाल ने हिसाब करने के लिए जितेंद्र वर्मा को अपने घर बुलाया। इस दौरान जितेंद्र वर्मा के खाते से 18 हजार रुपये निकलवाए। फिर परिचितों और रिश्तेदारों से भी रकम मंगाई गई। करीब 28 लाख नकदी और बैंक के दो चेक आकाश अग्रवाल ने जितेंद्र वर्मा से ले लिए।

    इसके बाद उन्हें छोड़ दिया। दो दिन तक जितेंद्र वर्मा ने पुलिस को सूचना नहीं दी। शनिवार को थाने पहुंचकर आकाश अग्रवाल और उनके परिवार पर बंधक बनाकर फिरौती वसूलने का आरोप लगाया।

    आकाश अग्रवाल से पुलिस ने बातचीत की है। उसने बताया कि जितेंद्र वर्मा की तरफ उनकी रकम निकल रही थी। उक्त रकम जितेंद्र वर्मा ने खुद ही मंगाकर उन्हें दी है। बैंक के दो चेक भी दिए हैं। यह मामला बंधक बनाकर फिरौती वसूलने का नहीं बल्कि हिस्सेदारी में लेन-देन का है। जितेंद्र वर्मा बिल्डर का काम भी करते हैं।

    आकाश अग्रवाल ने उनके साथ रकम लगाकर हिस्सेदारी की थी। बताया जाता है कि जितेंद्र वर्मा ने बाद में उन्हें रकम नहीं दी। आकाश लगातार जितेंद्र से अपनी रकम मांग रहे थे। इंस्पेक्टर अरुण मिश्रा ने बताया कि मामला लेन-देन का है। पुलिस गहनता से जांच कर रही है।