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    सेंट्रल मार्केट 661/6 का काम्प्लेक्स ध्वस्तीकरण पर व्यापारी लामबंद, मंगलवार को भी बंद रहा बाजार, धरना-प्रदर्शन

    By Praveen VashishthaEdited By: Praveen Vashishtha
    Updated: Tue, 28 Oct 2025 02:21 PM (IST)

    मेरठ के शास्त्रीनगर सेंट्रल मार्केट में काम्प्लेक्स ध्वस्तीकरण के बाद व्यापारियों में आक्रोश है। कार्रवाई का विरोध जताते हुए वे बाजार बंद कर धरना-प्रदर्शन कर रहे है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर हुई इस कार्रवाई के विरोध में व्यापारी लामबंद हैं और जनप्रतिनिधियों के न आने पर नाराजगी जता रहे हैं। आसपास के लोग भी 31 अन्य निर्माणों पर संभावित कार्रवाई से दहशतजदा हैं। व्यापारी नेता सरकार से हस्तक्षेप की मांग कर रहे हैं।

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    सेंट्रल मार्केट 661/6 का काम्प्लेक्स ध्वस्तीकरण के विरोध में बाजार बंद कर प्रदर्शन करते व्यापारी। जागरण

    जागरण संवाददाता, मेरठ। शास्त्री नगर सेंट्रल मार्केट 661/6 की इमारत ध्वस्त होने के बाद जहां व्यापारी विरोध में खड़े हैं, 31 अन्य निर्माणों पर प्रस्तावित कार्रवाई को लेकर क्षेत्रवासी सहमे हैं। सेंट्रल मार्केट काम्प्लेक्स के ध्वस्तीकरण के बाद व्यापरियों का विरोध मुखर होता जा रहा है। मंगलवार को भी दूसरे दिन पूरा सेंट्रल मार्केट शास्त्री नगर सेक्टर एक और दो के बाजार बंद रहे। व्यापारी सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर चिह्नित किए गए व्यावसायिक निर्माणों पर होने वाली ध्वस्तीकरण की कार्रवाई का विरोध कर रहे है। आंदोलनकारियों ने चेतावनी दी है कि व्यावसायिक निर्माणों को वैध नहीं किया जाता तब तक आंदोलन और अनिश्चितकालीन बंदी जारी रहेगी। स्थानीय व्यापारी नेताओं ने मौके पर किसी जनप्रतिनिधि के न आने पर भी रोष जताया। वक्ताओं ने कहा जो हमारा नहीं, हम भी उसके नहीं होंगे। उनका इशारा भाजपा नेताओं की ओर था। व्यापारी नेता जितेंद्र अग्रवाल ने कहा मुख्य सड़क ही हर रोड पर स्थित दुकान को वैध किया जाए और सरकार इस संबंध में स्पष्ट घोषणा करे।
    बता दें कि शास्त्री नगर सेंट्रल मार्केट में हुई ध्वस्तीकरण की कार्रवाई ने आसपास क्षेत्र के लोगों को भी सकते में डाल दिया है। शास्त्री नगर 661/6 की इमारत ध्वस्त होने के बाद 31 अन्य निर्माणों पर प्रस्तावित कार्रवाई को लेकर क्षेत्रवासी सहमे हैं। कई लोगों ने बताया कि ध्वस्तीकरण की इतनी बड़ी कार्रवाई उन्होंने पहली बार देखी है। कार्रवाई देखने जागृति विहार और शास्त्रीनगर से ही नहीं मोदीपुरम और कंकरखेड़ा से भी लोग पहुंचे। दो दिन तक 22 दुकानों का ढहाने के दृश्य ने उन्हें अंदर तक झकझोर दिया। लोगों के चेहरे पर कौतुहल के साथ दुख और संवेदना के मिश्रित भाव तैर रहे थे। बेरिकेडिंग के पास खड़े होकर इमारत ढहते हुए देख रही पूजा और उनकी बहन निक्की ने बताया कि वह सेक्टर दो में रहती हैं। इस मार्केट में घूमते-फिरते और खरीदारी करते हुए बड़े हुए हैं। हमारे लिए इस मार्केट से अच्छी घूमने फिरने की जगह पूरे मेरठ में नहीं हैं। त्योहारों पर यहां हम रात 12 बजे तक चाट और फास्ट फूड का आनंद लेते हैं। रात में भी हमें यह इलाका सुरक्षित महसूस होता है।
    31 अन्य परिसर के 90 स्वामियों पर लटकी कार्रवाई की तलवार
    मेरठ : सुप्रीमकोर्ट के आदेश पर शास्त्री नगर सेंट्रल मार्केट में 661/ 6 पर बने कांप्लेक्स को ध्वस्त कर दिया गया है। अब 31 अन्य परिसर के 90 स्वामियों पर कार्रवाई की तलवार लटक गई है। इन्हें खाली करने के लिए उप्र आवास एवं विकास परिषद ने 15 दिन का समय दिया गया है, लेकिन व्यापारी इस कार्रवाई के विरोध में लामबंद हो गए हैं। व्यापार बचाओ आंदोलन के तहत शास्त्रीनगर में अनिश्चितकालीन बाजार बंद की घोषणा की है। व्यापारियों ने बांह पर काली पार्टी बांधकर शांति मार्च निकाला। धरना सभा में व्यापारियों ने मौके पर किसी जनप्रतिनिधि के न आने पर भी रोष जताया। दूसरी ओर सोमवार को इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन अवमानना याचिका पर नहीं हो पाई। सोमवार को भी पूरा सेंट्रल मार्केट शास्त्री नगर सेक्टर-एक और दो का बाजार बंद रहा। क्षेत्र के पांच व्यापार संघ ने बंदी का आवाह्न किया है। व्यापारियों ने बांह पर काली पार्टी बांधकर शांति मार्च निकाला। कैलाश डेयरी के पास पंडाल लगा कर व्यापारी धरने पर बैठे।

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    व्यापार बचाओ आंदोलन के तहत व्यापारी नेता जीतेंद्र अग्रवाल ने कहा कि जब तक सरकार से ध्वस्तीकरण से राहत दिए जाने और भू उपयोग व्यावसायिक करने की घोषणा नहीं करती तब तक अनिश्चित कालीन बंद जारी रहेगा। कहा कि बात 31 परिसरों की 90 दुकानों की नहीं, सभी 1472 निर्माण जो ध्वस्तीकरण के लिए सूचीबद्ध किए गए हैं पर कार्रवाई को रोका जाए। व्यापारी सतीश गर्ग ने कहा कि वह भाजपा कार्यकर्ता हैं लेकिन पहले रोजगार है। कहा आंदोलन लंबा खींचने के लिए हमें तैयार रहना होगा। संयुक्त व्यापार संघ के अध्यक्ष अजय गुप्ता ने कहा कि जनप्रतिनिधियों को आना चाहिए था कम से कम हमारा दुख समझ कर वह हमें ढांढस तो बंधा सकते हैं। कहा, कांप्लेक्स को ढहा दिया गया है लेकिन अभी तक जिन 45 अधिकारियों के खिलाफ मुकदमा दायर किया गया उनमें से किसी को गिरफ्तार नहीं किया गया है। कहा अगर जरूरत पड़ेगी मेरठ बंद का भी आवाह्न किया जाएगा।