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मेरठ छावनी : लीज और ओल्ड ग्रांट की संपत्तियां राज्य सरकार को हो सकती हैं ट्रांसफर

Meerut Cantonment मेरठ कैंट के नागरिक क्षेत्र को नगर निगम में शामिल करने की अड़चनों को धीरे-धीरे दूर किया जा रहा है। रक्षा मंत्रालय ने छावनी के विभाजन को लेकर नियम बनाकर सेना मुख्यालय को भेजा। एक सप्ताह में सेना मुख्यालय को देना है जवाब।

By Prem Dutt BhattEdited By: Published: Fri, 18 Mar 2022 09:30 AM (IST)Updated: Fri, 18 Mar 2022 09:30 AM (IST)
Meerut Cantonment मेरठ के छावनी क्षेत्र को लेकर नई कवायद शुरू हो गई है।

मेरठ, जागरण संवाददाता। मेरठ छावनी के नागरिक क्षेत्र को नगर निगम में शामिल करने की प्रक्रिया और तेज हो गई है। रक्षा मंत्रालय ने योजना बनाकर सेना मुख्यालय को भेजी है। एक सप्ताह में सेना मुख्यालय को इस पर जवाब देना है। अगर रक्षा मंत्रालय की योजना मूर्त रूप में आई तो छावनी की पूरी तस्वीर बदल जाएगी। लीज और ओल्ड ग्रांट की संपत्तियों का स्वामित्व राज्य सरकार के पास आ जाएगा। साथ ही छावनी परिषद के अतिरिक्त कर्मचारियों को भी नगर निगम में भेजा जा सकता है।

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लीज और ओल्ड ग्रांट प्रापर्टी राज्य सरकार को ट्रांसफर

कैंट में नागरिक क्षेत्र में लीज और ओल्ड ग्रांट की संपत्ति अभी रक्षा मंत्रालय की है। अगर प्रस्ताव पर सहमति बनती है तो इसे बिना किसी शुल्क के राज्य सरकार या नगर निगम को ट्रांसफर कर दिया जाएगा। भविष्य में अगर राज्य सरकार इन संपत्तियों को बेचती है, तो उसमें प्राप्त राशि 50-50 प्रतिशत राज्य सरकार और रक्षा मंत्रालय को दी जाएगी।

कैंट बोर्ड के कर्मचारियों का नगर निगम में समायोजन

कैंट बोर्ड में जो भी कर्मचारी अतिरिक्त होंगे, उन्हें नगर निगम में स्थानांतरित किया जाएगा। कैंट बोर्ड से अगर कोई कर्मचारी नगर निगम में नहीं जाना चाहेगा तो उसकी सेवा समाप्त कर दी जाएगी। जो भी उसका भुगतान होगा उसे कर दिया जाएगा। कैंट के जो कर्मचारी नगर निगम में जाएंगे, उनकी सेवा पूरी होने पर पेंशन आदि का प्रबंध कैंट बोर्ड और नगर निगम आधा-आधा करेंगे।

कार्यालय और स्टाफ क्वार्टर में होगा बदलाव

मेरठ छावनी कार्यालय में जरूरत पडऩे पर स्थानीय निकाय को भी कार्य के लिए जगह दी जा सकेगी। यह किराए पर या निश्शुल्क हो सकती है। इसके अलावा कैंट बोर्ड का स्टाफ क्वार्टर भी स्थानीय निकाय को ट्रांसफर किया जा सकता है। कैंट के सभी फंड और निवेश भी नगर निगम को ट्रांसफर हो जाएंगे।

बिजली, पानी, सड़क का प्रबंधन करेगा कैंट बोर्ड

नागरिक क्षेत्र को अलग करने के बाद कैंट बोर्ड के पास बंगला एरिया और सैन्य क्षेत्र रहेगा। कैंट में जो भी जमीन खाली है, उसका स्वामित्व पहले की तरह रक्षा मंत्रालय के पास ही रहेगा। लीज और ओल्ड ग्रांट की संपत्ति नगर निगम में जाने के बाद वहां बिजली, पानी की आपूर्ति की जिम्मेदारी कैंट बोर्ड की रहेगी। इसके लिए कैंट बोर्ड स्थानीय निकाय से निर्धारित शुल्क ले सकेगा।

छावनी की जनता को मिलेगी बड़ी राहत

छावनी के पूर्व उपाध्यक्ष विपिन सोढ़ी का कहना है कि नागरिक क्षेत्र के नगर निगम में शामिल होने से छावनी की जनता को बड़ी राहत मिलेगी। रक्षा मंत्रालय का प्रस्ताव अगर धरातल पर उतरता है तो छावनी की पूरी तस्वीर बदल जाएगी। छावनी के लोगों को इसके बाद कई सुविधाएं अपने आप मिल जाएंगी।


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