जब मेरठ नमो भारत-मेट्रो के उद्घाटन के लिए आएंगे PM Modi तो ये मांग रखेंगे लोग, पहले ही मीटिंग में हो गया फाइनल
मेरठ बार एसोसिएशन ने प्रधानमंत्री से हाईकोर्ट बेंच की मांग के लिए मिलने का समय मांगा है। समय न मिलने पर कड़ा रुख अपनाने की तैयारी है। एक अधिवक्ता नरेंद्र शर्मा की सदस्यता रद्द कर दी गई है उन पर बार और संघर्ष समिति के खिलाफ दुष्प्रचार का आरोप है। इस निर्णय को चुनौती देने की तैयारी है।

जागरण संवाददाता, मेरठ। मेरठ बार एसोसिएशन की प्रबंध समिति की बैठक में तय किया गया कि रैपिड और मेट्रो रेल के उद्घाटन के लिए मेरठ आगमन पर प्रधानमंत्री से हाईकोर्ट बेंच की मांग को लेकर मिलने का समय मांगा जाएगा। समय नहीं मिलता है तो मेरठ बार कड़ा फैसला भी लेगी।
इसके लिए गुरुवार को मेरठ बार के सभी पूर्व अध्यक्ष और महामंत्री तथा वरिष्ठ ्धिवक्ताओं की बैठक बुलाई गई है। इसी के साथ प्रबंध समिति ने मेरठ बार और हाईकोर्ट बेंच केंद्रीय संघर्ष समिति के विरुद्ध इंटरनेट मीडिया पर लगातार दुष्प्रचार करके छवि खराब करने के आरोप में एडवोकेट नरेन्द्र शर्मा की सदस्यता समाप्त करने का निर्णय भी लिया।
मेरठ बार एसोसिएशन के अध्यक्ष और पश्चिम उत्तर प्रदेश हाईकोर्ट बेंच स्थापना केंद्रीय संघर्ष समिति के चेयरमैन संजय शर्मा और संयोजक राजेंद्र सिंह राणा ने विज्ञप्ति के माध्यम से बताया कि बुधवार को मेरठ बार एसोसिएशन की प्रबंध समिति की बैठक आयोजित की गई।
जिसमें निर्णय लिया गया कि गुरुवार को मेरठ बार के सभी पूर्व अध्यक्ष और महामंत्री तथा वरिष्ठ अधिवक्ताओं की बैठक आयोजित करके तय किया जाएगा कि प्रधानमंत्री से मिलने का समय मांगने के लिए किस किस अधिकारी अथवा पार्टी पदाधिकारी से संपर्क किया जाएगा।
प्रधानमंत्री से मिलने का समय मिलता है तो उनसे मिलने के लिए किसे भेजा जाएगा। इसके साथ ही यह भी तय किया जाएगा कि प्रधानमंत्री से मिलने का समय यदि नहीं मिलता है तो मेरठ बार और केंद्रीय संघर्ष समिति का अगला कदम क्या होगा? दोनों पदाधिकारियों ने बताया कि गुरुवार को होने वाली बैठक में कोई कड़ा निर्णय लिया जा सकता है।
दोनों पदाधिकारियों ने बताया कि एडवोकेट नरेन्द्र शर्मा लगातार इंटरनेट मीडिया पर मेरठ बार और केंद्रीय संघर्ष समिति के विरुद्ध दुष्प्रचार करके छवि खराब कर रहे हैं। 4 सितंबर को उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी किया गया जिसका उन्होंने 6 सितंबर को लिखित जवाब दिया लेकिन प्रबंध समिति सदस्यों ने उसे असंतोषजनक बताया।
बैठक में बताया गया कि नरेन्द्र शर्मा की सदस्यता को पूर्व में भी 8 अगस्त 2029 और 19 जुलाई 2021 को समाप्त किया गया था। वर्तमान में भी वह अधिवक्ताओं पर जातिगत टिप्पणी करके उन्हें जाति में बांटने का प्रयास कर रहे हैं। पूर्व अध्यक्ष स्व. महावीर सिंह त्यागी, महेंद्र पाल शर्मा और पूर्व महामंत्री नरेश दत्त शर्मा पर भी अपमानजनक टिप्पणी करने का उनपर आरोप है।
22 सितंबर को उन्होंने मेरठ बार एसोसिएशन के पंडित नानकचंद सभागार में बिना अनुमति प्रैस कांफ्रेस की और 30 सितंबर को प्रदानमंत्री का घेराव करने की घोषणा कर दी। जिससे भ्रम की स्थिति बन गई।
बैठक में नरेन्द्र शर्मा की मेरठ बार से सदस्यता समाप्त करने का निर्णय लिया गया। बैठक में अमित दीक्षित, नरेश चौहान, नेहा पाल, अमित शर्मा, अरविंद शर्मा, हरीश यादव, मनोज गुप्ता, पूजा रस्तोगी, राजकुमार, उर्मिला यादव, विशाल गुप्ता, मोहित चौधरी, शुभम भारद्वाज, विक्रांत गोस्वामी, अरविंद कुमार उपस्थित रहे।
सदस्यता समाप्ति की कार्रवाई असंवैधानिक, चुनौती देंगे
नरेन्द्र शर्मा एडवोकेट ने कहा कि बार संविधान के मुताबिक लीगल नोटिस 14 दिन का होता है। मुझे सात दिन का नोटिस दिया गया। वह लीगल नोटिस नहीं है। आम सभा बुलाकर आरोपी सदस्य का पक्ष सुनकर ही सदस्यता समाप्ति की कार्रवाई की जा सकती है।
यह प्रक्रिया मेरठ बार ने नहीं की। जिसे डिप्टी रजिस्ट्रार फर्म एवं सोसायटी कार्यालय में चुनौती दी जाएगी। कहा कि इस कार्रवाई का 2 अक्टूबर को गांधी जयंति पर गांधीगिरी के माध्यम से विरोध किया जाएगा।

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