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    Meerut Air Pollution: इस इलाके में हवा की गुणवत्ता बेहद खराब, दीपावली पर शास्त्रीनगर में रहा सबसे ज्यादा पटाखों का शोर

    By Jagran News Edited By: Praveen Vashishtha
    Updated: Tue, 21 Oct 2025 03:01 PM (IST)

    Meerut News : मेरठ में दीपावली पर जमकर आतिशबाजी हुई। इस दौरान वायु गुणवत्ता तेजी से गिरी। रात 12 बजे तक पीएम 10 और पीएम 2.5 का स्तर 500 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर तक पहुंच गया। पटाखों के कारण सल्फर डाइऑक्साइड और नाइट्रोजन डाइऑक्साइड की मात्रा भी काफी बढ़ गई।  

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    मेरठ के इस इलाके में हवा की गुणवत्ता बेहद खराब (प्रतीकात्मक फोटो)

    जागरण संवाददाता, मेरठ। दीपावली पर जमकर आतिशबाजी हुई। हवा की गुणवत्ता रात आठ बजे से ही विषाक्त होनी शुरु हो गई। रात 12 बजे शहर के तीन एयर क्वालिटी मानीटरिंग स्टेशनों में दो में पीएम 10 और पीएम 2.5 की मात्रा उच्चतम 500 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर तक पहुंच गई।
    वहीं पल्लवपुरम में अभी हवा की गुणवत्ता बेहद खराब स्थिति में बनी हुई है। यहां पीएम 2.5 की मात्रा सुबह 11 बजे 339 माइमेरठ के इस इलाके में हवा की गुणवत्ता बेहद खराब, दीपावली पर शास्त्रीनगर में रहा सबसे ज्यादा पटाखों का शोरक्रोग्राम प्रति घन मीटर आंकी गई।
    रिहायशी इलाकों की बात करें तो सबसे ज्यादा पटाखों का शोर शास्त्रीनगर में 84.4 डेसिबल रहा। वर्ष 2024 में सबसे अधिक ध्वनि प्रदूषण बेगमब्रिज में 82.9 था। दूसरे नंबर पर थापर नगर में पटाखों का शोर दर्ज यहां ध्वनि प्रदूषण 82.6 डेसिबल रिकार्ड किया गया।
    स्थानीय क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण कार्यालय द्वारा शहर के चार रिहायशी क्षेत्र, दो संवेदनशील माने जाने वाले क्षेत्र जैसे अस्पताल और कार्यालय और दो कामर्शियल क्षेत्रों में ध्वनि प्रदूषण मापक यंत्र दीपाावली के दिन लगाए थे।
    महत्वपूर्ण बात यह रही है कि रिहायशी क्षेत्र में शामिल शास्त्रीनगर क्षेत्र में तीनों श्रेणियों में सबसे ज्यादा ध्वनि प्रदूषण रिकार्ड हुआ।
    वायु प्रदूषण की बात करें तो 500 माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर पीएम 10 और 2.5 गणना की वह सीमा है जिसे केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने निर्धारित किया है। इससे अधिक होने के बावजूद प्रदूषण की मात्रा की गणना नहीं की जाती है।
    प्रदूषण का असर गंगा नगर में सबसे कम रहा। सोमवार की रात 10 बजे से रात एक बजे तक जयभीमनगर और गंगानगर में पीएम 2.5 और 10 की मात्रा 2.5 की मात्रा 500 माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर दर्ज की गई।
    पल्ल्वपुरम में तो मंगलवार को दोपहर एक बजे तक हवा की गुणवत्ता बेहद खराब स्थिति में बनी हुई है। यहां पीएम 2.5, 325 बना हुआ था। पटाखों से निकलने वाली जहरीली गैसों और हैवी मेटल्स के चलते सोमवार की रात सल्फर डाई आक्साइड, नाट्रोजन डाई आक्साइड की मात्रा मानक से चार गुना अधिक थी।

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