UP New Airport: 72 सीटर विमान उड़ाने के लिए हो गया जमीन का इंतजाम, यूपी में बनने जा रहा है नया एयरपोर्ट
मेरठ में हवाई पट्टी के विस्तार के लिए जमीन का इंतजाम किया गया है। 46.53 एकड़ भूमि पर नागरिक उड्डयन का नाम दर्ज होने में बाधा थी जिसे अब दूर किया जा रहा है। एएआइ ने अतिरिक्त जमीन की मांग की है जिसमें से 75 एकड़ कब्जे में है बाकी पर विवाद है। पहले चरण में 72 सीटर विमान उड़ाने की योजना है।

अनुज शर्मा, मेरठ। जिला प्रशासन के बाद प्रदेश सरकार ने भी अब दावा किया है कि मेरठ की हवाई पट्टी का विस्तार करके प्रथम चरण में यहां से 72 सीटर विमान उड़ाने के लिए जमीन का इंतजाम कर दिया गया है। हवाई पट्टी की 46.53 एकड़ भूमि पर नागरिक उड्डयन का नाम दर्ज न होना बाधा थी।
मेरठ विकास प्राधिकरण को उक्त भूमि के बकाया मूल्य का भुगतान कर दिया गया है। अब इसे नागरिक उड्डयन के नाम दर्ज किया जा रहा है। जिसके बाद एयरपोर्ट अथारिटी यहां उड़ान की तैयारी कर सकती है। जबकि एएआइ ने हवाई पट्टी के अतिरिक्त अन्य सुविधाओं के लिए 96.14 एकड़ अतिरिक्त जमीन का अधिग्रहण करके उपलब्ध कराने की मांग की थी।
साथ ही इस भूमि पर बिजली की लाइनों समेत अन्य अवरोध को भी हटाने के लिए कहा है। जिला प्रशासन का दावा है कि एएआइ ने जो अतिरिक्त जमीन उपलब्ध कराने की मांग की है, उसमें से 75 एकड़ भूमि उनके कब्जे में है। बाकी भूमि पर किसानों के साथ विवाद न्यायालय में विचाराधीन है।
72 सीटर विमान उड़ाने के लिए एएआइ की मांग
एयरपोर्ट अथारिटी आफ इंडिया के अध्यक्ष विपिन कुमार ने मई महीने में प्रदेश सरकार को पत्र भेजकर प्रथम चरण के विस्तार के लिए उन्होंने वर्तमान हवाई पट्टी की 44.45 एकड़ जमीन के अलावा हवाई अड्डे के लिए आरक्षित 96.14 एकड़ जमीन का अधिग्रहण करके उपलब्ध कराने की मांग की थी।
मास्टर प्लान में दर्शाए गए बिजली की लाइनों व अन्य अवरोध को भी हटाने की मांग की थी। इससे पहले एएआइ ने हवाई पट्टी की 46.53 एकड़ जमीन को एएआइ के नाम दर्ज करने की मांग भी की थी। जमीन एएआइ के नाम दर्ज होने से पहले उन्होंने एयरपोर्ट संबंधी कार्य करने में असमर्थता जताई थी।
दूसरे और तीसरे चरण के विस्तार के लिए एएआइ ने 300 एकड़ और 200 एकड़ अतिरिक्त भूमि की मांग की है। जिलाधिकारी डा. वी के सिंह ने बताया कि हवाई पट्टी की 46.53 एकड़ भूमि पहले से ही नागरिक उड्डयन विभाग के कब्जे में है।
यह जमीन मेरठ विकास प्राधिकरण ने किसानों के अधिग्रहण करके उपलब्ध कराई थी। लेकिन इसका पूरा पैसा शासन ने प्राधिकरण को नहीं दिया था। इसी कारण जमीन को नागरिक उड्डयन के नाम दर्ज नहीं किया गया। यह समस्या 20 साल से भी लंबे समय से चल रही थी।
अब शासन ने बकाया राशि 6.69 करोड़ उपलब्ध करा दी है। जिसे प्राधिकरण के खाते में भेज दिया गया है। इस जमीन पर नागरिक उड्डयन विभाग का नाम दर्ज कराया जा रहा है। अतिरिक्त मांगी गई जमीन में भी 75 एकड़ भूमि विभाग के कब्जे में है। बाकि भूमि पर किसानों के साथ विवाद न्यायालय में विचाराधीन है। दावा है कि उपलब्ध भूमि 72 सीटर विमान उड़ाने के लिए पर्याप्त है।
अभी भी मांग से कम है 20 एकड़ भूमि, नहीं हटी बाधाएं
एएआइ अध्यक्ष के मई महीने में प्राप्त पत्र के मुताबिक प्रथम चरण विस्तार में एयरपोर्ट निर्माण के लिए 96.14 एकड़ जमीन मांगी गई है। जिसमें से लगभघ 75 हेक्टेयर जमीन विभाग के कब्जे में होने का दावा किया गया है। कब्जे वाली भूमि अभी भी जरूरत से 20 एकड़ कम है। वहीं इस भूमि में बिजली की लाइनें व अन्य बाधाएं भी मास्टर प्लान प्रदर्शित की गई है। ये बाधाएं भी अभी बरकरार हैं।
दूसरे चरण के लिए किसानों से लिए हैं सहमति पत्र
नवंबर 2023 में तत्कालीन डीएम दीपक मीणा ने शासन को रिपोर्ट भेजी थी। जिसमें उन्होंने दावा किया था कि हवाई पट्टी के दूसरे चरण के विस्तार के लिए 206 हेक्टेयर भूमि की जरूरत होगी। जिसमें से 129 हेक्टेयर भूमि किसानों के नाम दर्ज है।
उन्होंने दावा किया था कि इस भूमि के लिए संबंधित किसानों से सहमति पत्र लिया जा रहा है। शेष भूमि मेरठ विकास प्राधिकरण, नगर निगम, वन विभाग, प्रादेशिक कापरेटिव डेयरी विभाग की है। इस भूमि के पुर्नग्रहण की कार्रवाई की जाएगी। हालांकि वर्तमान डीएम डा. वी के सिंह ने किसानों के सहमति पत्र ले लिए जाने के दावे पर अनभिज्ञता जताई है।
वर्तमान में हवाई पट्टी की स्थिति
- 18.82 हेक्टेयर : भूमि पर बनी है हवाई पट्टी।
- 34.72 हेक्टेयर : अतिरिक्त भूमि विभाग के कब्जे में हैं, यह एयरपोर्ट के लिए आरक्षित है
- 53.55 हेक्टेेयर : कुल भूमि हवाई पट्टी के पास है।
- 200 मीटर : चौड़ी जमीन हवाई पट्टी पर उपलब्ध है।
- 2,700 से 3 हजार : मीटर लंबाई में भूमि भी उपलब्ध है।
- 1,470 मीटर : वर्तमान में हवाई पट्टी की कुल लंबाई।
- 23 मीटर : हवाई पट्टी की चौड़ाई है।
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