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    UP New Airport: मंत्री जी, 132 एकड़ भूमि है... यूपी के नए एयरपोर्ट के लिए किसने कर दिया जमीन का बंदोबस्त?

    भाजपा नेता लक्ष्मीकांत बाजपेयी ने केंद्रीय नागर विमानन मंत्री को पत्र लिखकर मेरठ हवाई अड्डे के निर्माण में हुई प्रगति की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि 140 एकड़ में से 132 एकड़ भूमि का इंतजाम हो चुका है जिसमें से 109 एकड़ नागरिक उड्डयन निदेशक के नाम दर्ज भी हो गई है। उन्होंने एएआइ की टीम को सर्वे के लिए भेजने का आग्रह किया है।

    By anuj sharma Edited By: Aysha Sheikh Updated: Tue, 26 Aug 2025 10:07 PM (IST)
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    मंत्री जी, एयरपोर्ट के लिए है 132 एकड़ भूमि, का इंतजाम, भेज दीजिए एएआइ की टीम

    जागरण संवाददाता, मेरठ। परतापुर हवाई पट्टी का विस्तार करके यहां से एटीआर 72 विमान उड़ाने के प्रयास में जुटे भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और राज्यसभा सदस्य लक्ष्मीकांत बाजपेयी ने केंद्रीय नागर विमानन मंत्री को पत्र भेजकर दावा किया है कि मेरठ में हवाई अड्डे के प्रथम चरण के निर्माण के लिए आवश्यक 140 एकड़ भूमि में से 132 एकड़ का इंतजाम कर दिया गया है।

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    इसमें से 109 एकड़ भूमि निदेशक नागरिक उड्डन उत्तर प्रदेश के नाम दर्ज की जा चुकी है। बाकि 23 एकड़ भूमि पर नाम दर्ज करने की प्रक्रिया भी की जा रही है। दावा किया कि जमीन की उपलब्धता की जा चुकी है। अब जल्द एएआइ की टीम को मेरठ भेजने की उन्होंने मांग की है ताकि स्थानीय अधिकारियों के साथ सर्वे करके एयरपोर्ट निर्माण की दिशा में कार्य शुरू कर सकें।

    मेरठ में एयरपोर्ट निर्माण के प्रथम चरण के कार्य को शुरू करने के लिए एयरपोर्ट अथारिटी आफ इंडिया (एएआइ) ने राज्य सरकार से 140 एकड़ भूमि उपलब्ध कराने तथा उसे एएआइ के नाम दर्ज कराने की मांग की थी।

    राज्यसभा सदस्य लक्ष्मीकांत बाजपेयी ने जिला प्रशासन को पत्र भेजकर पूछा था कि उपलब्ध भूमि में से कितनी भूमि नागरिक उड्डयन निदेशक के नाम दर्ज की गई है। इस पत्र का जवाब मंगलवार को उन्होंने खुद एडीएम सिटी बृजेश सिंह के कार्यालय पहुंचकर प्राप्त किया।

    इस पत्र को सलंग्न करके उन्होंने केंद्रीय नागर विमानन मंत्री को पत्र भेजा है। जिसमें दावा किया है कि एयरपोर्ट के प्रथम चरण के निर्माण के लिए 140 एकड़ जमीन की मांग एएआइ ने की थी। जिला प्रशासन से मिली सूचना के मुताबिक 132 एकड़ भूमि एयरपोर्ट के लिए उपलब्ध है।

    जिसमें से 109 एकड़ भूमि को निदेशक नागरिक उड्डयन के नाम दर्ज किया जा चुका है। बाकि 23 एकड़ पर नाम दर्ज करने की प्रक्रिया जल्द पूरा कर ली जाएगी। जल्द पूरी 132 एकड़ भूमि एएआइ को हस्तांतरित कर दी जाएगी।

    बताया कि मात्र 8.59 एकड़ भूमि शेष है। जिसका इंतजाम भी कर लिया जाएगा। उन्होंने केंद्रीय मंत्री से जल्द एएआइ के अधिकारियों की टीम को मेरठ भेजने की मांग की। यह टीम स्थानीय अधिकारियों के साथ सर्वे करके एयरपोर्ट निर्माण की दिशा में काम शुरू करेगी।

    डीएम से की ओएलएस सर्वे के अनुसार अवरोध को हटाने की मांग

    राज्यसभा सदस्य ने डीएम को भी पत्र लिखा है। जिसमें कहा है कि एएआइ द्वारा उपलब्ध कराए गए ओएलएस सर्वे के मुताबिक विमान उड़ान की राह में अवरोध हैं। इनमें बिजली लाइनें, पेड़ तथा एमडीए की कालोनी एयरपोर्ट एन्क्लेव का कुछ हिस्सा शामिल है। उन्होंने डीएम से इन बाधाओं को जल्द से जल्द समाप्त कराने की मांग भी की है।