अचानक गिरा तापमान, 10.5 डिग्री सेल्सियस किया गया रिकॉर्ड; यूपी में दूसरा सबसे प्रदूषित शहर बन गया मेरठ
मेरठ में वायु प्रदूषण का स्तर लगातार चिंताजनक बना हुआ है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अनुसार, मेरठ लगातार तीसरे दिन प्रदेश का दूसरा सबसे प्रदूषित शहर रहा। शहर का वायु गुणवत्ता सूचकांक 353 दर्ज किया गया। प्रदूषण का मुख्य कारण सड़कों पर उड़ती धूल, वाहनों का धुआं और कूड़े का जलना है। रविवार की रात सीजन की सबसे ठंडी रात रही, जिससे प्रदूषण और बढ़ गया।

जागरण संवाददाता, मेरठ। जनपद में हवा की गुणवत्ता लगातार बदतर बनी हुई है। लगातार तीसरे दिन मेरठ प्रदेश का दूसरा सबसे ज्यादा प्रदूषित शहर रहा। नोएडा पहले नंबर पर रहा। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा शाम चार बजे जारी सूची में मेरठ में एक्यूआइ 353 और नोएडा में 366 रहा।
मेरठ में पिछले तीन दिनों से देर शाम से लेकर दोपहर 12 बजे तक हवा की गुणवत्ता गंभीर स्थिति में रह रही है। पल्लवपुरम में रविवार रात तीन बजे बजे सोमवार को दोपहर 12 बजे तक अधिकांश समय पीएम 2.5 की मात्रा 400 से 480 माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर के बीच बनी रही। यह सीवियर या अत्यंत गंभीर स्थिति का सूचक है।
जयभीम नगर में बुरा हाल रहा। पीएम 2.5 की सुरक्षित मात्रा सीपीसीबी के मानकों में 60 है। सड़कों पर उड़ रही धूल, वाहनों से निकलने वाला धुआं और जगह जगह जल रहे कूड़े के ढ़ेर से हवा अत्यंत प्रदूषित है। रविवार को रात नौ बजे दिल्ली रोड, रेलवे रोड, टीपी नगर में धुंध की चादर छायी नजर आई।
सीजन की सबसे ठंडी रात
रविवार की रात सीजन की सबसे ठंडी रात रही। न्यूनतम तापमान 10.5 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया। यह सामान्य से चार डिग्री कम रहा। अधिकतम तापमान 28.4 डिग्री सेल्सियस रहा। रात में वायु प्रदूषण की अत्यंत गंभीर स्तर पर पहुंचने के पीछे तापमान अचानक गिरना माना जा रहा है।
- दिल्ली 370
- नोएडा 366
- मेरठ 353
- ग्रेटर नोएडा 340
- गाजियाबाद 345
- हापुड़ 331
- मुजफ्फरनगर 305

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