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मेरठ : एक ही दवा, दाम में दस गुना अंतर...ये तो बड़ा छल है, महंगे इलाज के जाल में फंस रहे मरीज

Medicine Price In Meerut मेरठ में दवाओं की एमआरपी के खिलाफ डाक्टर व दवा व्यापारी। केंद्र एवं राज्य सरकारों से मिलेंगे प्रतिनिधि। एक ही साल्ट पर अलग-अलग दाम रखने से मरीज महंगी चिकित्सा के जाल में फंस गया। मेरठ में दम तोड़ते सस्‍ती दवाओं के केंद्र।

By Prem Dutt BhattEdited By: Published: Sun, 26 Jun 2022 08:54 AM (IST)Updated: Sun, 26 Jun 2022 08:54 AM (IST)
मेरठ : एक ही दवा, दाम में दस गुना अंतर...ये तो बड़ा छल है, महंगे इलाज के जाल में फंस रहे मरीज
Medicine Price In Meerut मेरठ में दवाओं के दामों को लेकर खुली लूट की जा रही है।

मेरठ, जागरण संवाददाता। Medicine Price In Meerut मेरठ में दवा बाजार में लूट की खुली छूट पर डाक्टरों ने भी ऐतराज उठाया है। दवाओं पर मनमाना मूल्य अंकित कर अंधाधुंध कमाई ने मरीजों की कमर टूट रही। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने इस मसले को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री से लेकर प्रदेश के चिकित्सा मंत्र के समक्ष उठाया, वहीं दवा व्यवसायी भी इसे मुददा बना रहे हैं। एक ही साल्ट पर अलग-अलग दाम रखने से मरीज महंगी चिकित्सा के जाल में फंस गया।

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इसे भी समझिए

जेनरिक वर्जन को प्रमोट करने के साथ ही एमआरपी के खिलाफ भी अभियान छेड़ने की तैयारी है। मेरठ में तीन मेडिकल कालेज, दो जिला अस्पताल, 13 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के अलावा करीब ढाई सौ प्राइवेट अस्पताल भी संचालित हैं। करीब डेढ़ हजार एलोपैथिक चिकित्सक प्रैक्टिस करते हैं। दिल्ली समेत कई मेट्रो शहरों की तुलना में मेरठ में सस्ता इलाज मिलने की वजह से आसपास के 15 जिलों के मरीज यहां पहुंचते हैं। ऐसे में दवा का भारी भरकम बाजार है। उधर, प्राइवेट डाक्टर ब्रांडेड दवाएं लिखने की वजह से प्रश्न के दायरे में रहते हैं।

सस्ता इलाज अब भी ख्वाब

सस्ते इलाज के लिए केंद्र सरकार ने आयुष्मान भारत योजना घोषित की। लेकिन लाभार्थियों की संख्या कम है। सस्ती दवाओं के लिए जन औषधि केंद्र खोले गए, जहां कम मरीज पहुंचते हैं। 90 प्रतिशत इलाज उन महंगी दवाओं से हो रहा, जिसके दाम पर कोई नियंत्रण नहीं है। आइएमए की बैठकों में डाक्टरों ने साफ किया कि वो जेनरिक और ब्रांडेड के बजाय अब सरकार दामों पर नियंत्रण कर दे तो ज्यादातर समस्याएं खत्म हो जाएंगी।

दवा यानी साल्ट एक...लेकिन दाम मनचाहा

साल्ट एक कंपनी पर दाम दूसरी पर दाम

1.लिवोसिट्रजिन व मोंटेल्यूकास्ट 305 रुपये 64.5 रुपये जुकाम की दवा

2. स्टैटिन ग्रुप की दवा-10 37.07 92.38 रुपये कोलेस्ट्राल की दवा

3. आक्जोलिडिनेंस 600 302 रुपये 370 रुपये एंटीबायोटिक

4. इट्राकोनोजोल 100 59 रुपये 88 रुपये

5. एम्लोडिपाइन व एटेनोजोल 44 रुपये 129 रुपये

6.पैंटाप्रोजोल डीएसआर 80 रुपये 150 रुपये

7. मेरम आइवी-रोपेनम एक ग्राम 650 रुपये 4000 रुपये एंटीबायोटिक इंजेक्शन

इनका कहना है

मैंने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डा. मनसुख मांडविया व यूपी के चिकित्सा मंत्री बृजेश पाठक के समक्ष भी यह विषय मजबूती से उठाया है। एक ही साल्ट के दाम में कई गुना अंतर मरीज के साथ छल है, जबकि प्रश्न डाक्टरों पर उठता है। ये बंद होना चाहिए। साल्ट उपलब्ध हो तो हम जनऔषिध स्टोरों केंद्रों के भी साथ हैं।

- डा. वीरोत्तम तोमर, पूर्व अध्यक्ष, आइएमए

दवाओं की एमआरपी पर नियंत्रण एकमात्र उपाय है, लेकिन केंद्र सरकार ऐसा क्यों नहीं कर पा रही, यह समझ से परे हैं। आयुष्मान भारत और प्रधानमंत्री जनऔषधि केंद्र खुल सकते हैं, लेकिन दवाओं की एमआरपी पर चुप्पी। ड्रग एसोसिएशन का डेलीगेशन प्रदेश सरकार से मिलेगा।

- रजनीश कौशल, जिला मेरठ केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट एसोसिएशन

लागत के आपेक्ष दवा का दाम तय करें। 20 से 30 प्रतिशत मुनाफा लेकर कंपनियों को एक निश्चित दाम तय करना चाहिए, लेकिन कई दवाओं में लागत से सौ गुना तक दाम रखा गया है। इसके खिलाफ जिला प्रशासन के जरिए केंद्र सरकार तक आवाज पहुंचाई गई है।

- घनश्याम मित्तल, महामंत्री, होलसेल व रिटेलर केमिस्ट एसोसिएशन


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