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मेरठ : बिंदल क्रिएशन से कई ब्रांड के नकली कपड़े बरामद, गुरुग्राम से आई टीम ने मारा छापा

कहीं आप भी तो मेरठ में रहकर ब्रांडेड कंपनी के नकली कपड़े नहीं पहन रहे। गुरुवार को यहां आबूलेन स्थित बिंदल क्रिएशन और बिंदल एक्सक्लूसिव शोरूम से लाखों रुपये के ब्रांडेड कंपनी के नकली कपड़े बरामद हुए हैं जिनकी कीमत लाखों रुपये की बताई जा रही है।

By PREM DUTT BHATTEdited By: Published: Fri, 22 Jan 2021 09:20 AM (IST)Updated: Fri, 22 Jan 2021 10:35 AM (IST)
मेरठ : बिंदल क्रिएशन से कई ब्रांड के नकली कपड़े बरामद, गुरुग्राम से आई टीम ने मारा छापा
मेरठ में बिंदल शोरूम से लाखों रुपये के नकली कपड़े बरामद किए गए हैं।

मेरठ, जेएनएन। आबूलेन स्थित बिंदल क्रिएशन और बिंदल एक्सक्लूसिव शोरूम से लाखों रुपये के ब्रांडेड कंपनी के नकली कपड़े बरामद हुए हैं, जिनकी कीमत लाखों रुपये की बताई जा रही है। छापा मारने वाली टीम करीब दो माह से नजर रखे हुए थी। कंपनी के खिलाफ तहरीर दी गई है। हालांकि कंपनी ने आरोपों को खारिज किया है। उनका कहना है कि माल असली है और सभी बिल उनके पास हैं।

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पांच लाख के कपड़े

ब्रांड प्रोटेक्टर्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड गुरुग्राम के निदेशक धीरेंद्र सिंह ने बताया कि एलन सोली और वैन हुसैन के लिए उनकी कंपनी काम करती है। काफी समय से जानकारी मिल रही थी कि आबूलेन के बिंदल शोरूम पर नकली माल बिक रहा है। गुरुवार को उन्होंने सदर बाजार पुलिस के साथ छापा मारा। इस दौरान काफी माल नकली बरामद हुआ। छह बड़े बैग भरकर माल थाने भिजवा दिया गया, जिसकी कीमत चार से पांच लाख रुपये के बीच है। उन्होंने बताया कि दोनों ब्रांड के तीन सौ से ज्यादा स्वेटर और स्वेट शर्ट मिली थी। दो माह से टीम के सदस्य रेकी कर रहे थे।

कई स्‍थानों पर हैं शोरूम

बिंदल का शोरूम गाजियाबाद, लखनऊ, मुजफ्फरनगर और शामली आदि जगहों पर भी है। बिंदल क्रिएशन और बिंदल एक्सक्लूसिव प्राइवेट लिमिटेड के खिलाफ सदर बाजार थाने में तहरीर दे दी है। वहीं, बिंदल क्रिएशन के मैनेजर आशुतोष ने बताया कि उन्होंने कंपनी के बजाय शास्त्रीनगर स्थित डिस्ट्रीब्यूटर से माल खरीदा था। सामान का बिल भी उनके पास है। शोरूम में मिला माल असली है। भ्रम के चलते टीम ने कार्रवाई की थी। उधर, थाना प्रभारी दिनेश चंद ने बताया कि कंपनी अपने पास सभी बिल होने की बात कह रही है। जांच के बाद ही तहरीर के आधार पर रिपोर्ट दर्ज की जाएगी।

नकल में अकल नहीं लगाई

धीरेंद्र सिंह ने बताया कि नकली माल के टैग से मामला पकड़ में आया। उनकी कंपनी के टैग पर जो स्पेलिंग लिखी हुई थी, नकली माल पर वह गलत थी। इसके अलावा भी एक-दो अन्य बातों में अंतर था। इस तरह से मामला पकड़ में आया था।


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