संयम के पथ पर चले मनुष्य : भाव भूषण
हस्तिनापुर स्थित दिगंबर जैन प्राचीन बड़ा मंदिर में चल रहे 40वां दिवसीय विधान पाठ

मेरठ,जेएनएन। हस्तिनापुर स्थित दिगंबर जैन प्राचीन बड़ा मंदिर में चल रहे 40वां दिवसीय विधान पाठ में 27वें दिन भक्तों ने वेदी पर विराजमान भगवंतों का अभिषेक कर पाठ की शुरूआत की।
विधान में मुनि भाव भूषण महाराज ने धर्मसभा में प्रवचन करते हुए कहा कि बिना भोजन के शरीर शिथिल हो जाता हैं, अपना काम भी नहीं कर पाता है। यदि दीर्घ काल तक भोजन नहीं मिले तो शरीर नष्ट भी हो जाता है।
इसी तरह आत्मा को भी भोजन दिए बिना आत्मिक आनंद की अनुभूति नहीं हो सकती है। धर्म-ध्यान आत्मा के भोजन हैं और इनकी शरीर को भी परम आवश्यकता है। आत्मा का पूर्ण भोजन है सकल, संयम का पालन करना ओर नाश्ता देने का आश्रय है अणुव्रतों को अंगीकार करना। फिर सभी भक्तों को संयमी बनने से नहीं डरना चाहिए। अपूर्व साहस के साथ संयम पथ पर चलना चाहिए।
विधान में 85 परिवारों ने भाग लेकर धर्म लाभ अíजत किया। सांयकाल में भगवान की आरती की गई। रात्रि में सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए गए। कार्यक्रम में अध्यक्ष जीवेंद्र जैन, महामंत्री मुकेश जैन सर्राफ, राजेंद्र जैन, अजीत प्रसाद जैन, कुणाल जैन, महाप्रबंधक मुकेश कुमार जैन, अशोक जैन, अतुल जैन, कमल जैन आदि का सहयोग रहा।
दस सितंबर के बाद नहीं होंगे प्रवेश: एएसपीजी कालेज में स्नातक व परास्नातक स्तर पर द्वितीय वर्ष के लिए प्रवेश प्रक्रिया चल रही है। यह जानकारी देते हुए कालेज के प्राचार्य डा. अतुल गोयल ने बताया कि अब तक लगभग 60 प्रतिशत छात्र-छात्राओं ने आनलाइन प्रवेश फार्म भर महाविद्यालय में जमा कर दिये गये है। कोविड-19 के मद्देनजर प्रवेश प्रक्रिया संचालन आनलाइन माध्यम से किया जा रहा है। द्वितीय वर्ष के ऐसे छात्र-छात्राएं जो अभी तक अपना प्रवेश सुनिश्चित नहीं करा पाए हैं। वे शीघ्र ही अपना प्रवेश सुनिश्चित करा लें। प्रवेश की अंतिम तिथि 10 सितंबर रखी गयी है।
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