'मैं अपनी मौत का...', सल्फास खाने से पहले प्रेमी जोड़े ने लिखा पत्र, अस्पताल में पिता बोले- वेंटिलेटर ही हटा दो
मेरठ के लोहियानगर में शिवांक त्यागी और सोनाली ने प्रेम संबंधों के चलते सल्फास खाकर आत्महत्या का प्रयास किया। तीन साल के प्रेम संबंधों के बावजूद पारिवा ...और पढ़ें

जागरण संवाददाता, मेरठ। मैं शिवांक त्यागी अपनी मौत का खुद जिम्मेदार हूं। मेरे दुनिया से जाने के बाद किसी को परेशान नहीं किया जाए। विशेष तौर पर सोनाली के परिवार को भी परेशान नहीं किया जाए। यही शब्द सोनाली ने दोहराए।
अलग सिर्फ इतना है कि उसने लिखा है कि शिवांक के परिवार को परेशान नहीं किया जाए। पुलिस ने शिवांक की मौत से पहले लिखा पत्र भी कब्जे में ले लिया है। यही कारण है कि अभी तक किसी भी पक्ष की तरफ से कोई तहरीर पुलिस को नहीं दी गई। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर पंचनामा भरकर शव पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है।
तीन साल पुराना था प्यार
तीन साल से शिवांक और सोनाली एक दूसरे में प्रेम करते थे। दोनों अलग अलग बिरादरी से होने की वजह से परिवार को अपने प्यार के बारे में बता नहीं पाए। दोनों के परिवार ने उनका रिश्ता तय कर दिया। सोमवार को शिवांक सिखेड़ा गांव में मंगनी कर लौटा था। उसकी शादी की तारीख भी तय कर दी गई थी।
उससे पहले सोनाली की शादी 18 फरवरी की तय हो चुकी है। रिश्तेदारों को कार्ड वितरण हो गए। हल्दी की रस्म के लिए घर पर पंडाल भी सज गया था। बताया जाता है कि मंगलवार की रात को शिवांक और सोनाली की फोन पर काफी लंबी बातचीत हुई है।

सोनाली
शायद तब दोनों ने एक साथ जीवन समाप्त करने का निर्णय लिया। सुबह ही सोनाली घर से कहकर निकली थी कि एनसीआर मेडिकल कालेज में काम है, चंद घंटे में वापस लौट जाएगी। गांव के बाहरी छोर से शिवांक ने उसे कार में बैठा लिया।

शिवांक
दस बजे दोनों लोहियानगर के काजीपुरा गांव के बाहर सड़क पर कार खड़ी की। उसके बाद सल्फास की दोनों पुडिया खाई। खाली पैकेट भी वहां पड़े मिले। तब शिवांक ने स्वजन को मामले की जानकारी दी। उसके बाद स्वजन भी मौके पर पहुंच गए। सवा 11 बजे दोनों को आनंद अस्पताल में भर्ती कराया गया।
गुस्से में पिता बोले- वेंटिलेटर ही हटा दो
घटना के बाद सोनाली के पिता भी आनंद अस्पताल पहुंचे। इंमरजेंसी पर उसे वेंटिलेटर पर रखा हुआ था। गुस्से में बोले कि हमे उसकी कोई जरूरत नहीं है, वेंटिलेटर हटा दो। डाक्टरों ने युवती के पिता का गुस्सा शांत किया। उन्हें बताया कि उपचार करने से शायद वह बच जाए। तब वह डाक्टरों से बातचीत कर उसके रेफर कराने की बात करने लगे। हालत ज्यादा खराब होने से वहीं पर उपचार कराया गया।
आज सजेया ऐ वे सारा शहर
लड़की के कार्ड की थीम में जो गीत बैक ग्राउंड में रखा गया, वो आज सजेया ऐ वे सारा शहर, आज हो गयी आ वे रब दी मेहर, हाए सजेया ऐ वे सारा शहर... है। गांव में लोग कह रहे हैं कि दोनों के इस कदम ने दो परिवारों को बर्बाद कर दिया है।

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