भगवान श्रीराम के आदर्शों को बताया आचार संहिता...कहा-धर्म के मार्ग पर चलने वाला कभी पराजित नहीं होता
सनातन सत्संग ज्ञान यज्ञ के अंतिम दिन आचार्य सुशील बलूनी ने भगवान श्रीराम और श्रीकृष्ण के आदर्श जीवन पर विस्तार से प्रवचन देते हुए कहा कि धर्म, प्रेम और पराक्रम का संगम ही सच्चे जीवन का आधार है।

किनौनी मिल परिसर में कथा सुनाते आचार्य सुशील बलूनी। जागरण
संवाद सूत्र, जागरण, रोहटा (मेरठ)। किनौनी शुगर मिल परिसर में आयोजित पांच दिवसीय सनातन सत्संग ज्ञान यज्ञ का बुधवार को समापन हो गया। कार्यक्रम का समापन आचार्य सुशील बलूनी के सानिध्य में श्रद्धा और भक्ति के साथ हुआ।
सनातन सत्संग ज्ञान यज्ञ के अंतिम दिन आचार्य सुशील बलूनी ने भगवान श्रीराम और श्रीकृष्ण के आदर्श जीवन पर विस्तार से प्रवचन देते हुए कहा कि धर्म, प्रेम और पराक्रम का संगम ही सच्चे जीवन का आधार है।
उन्होंने श्रीकृष्ण के उपदेश कर्म करो, फल की चिंता मत करो का स्मरण कराते हुए कहा कि यही जीवन का मूलमंत्र है। भगवान श्रीराम के आदर्शों को आचार संहिता बताते हुए कहा कि धर्म के मार्ग पर चलने वाला व्यक्ति कभी पराजित नहीं होता। कार्यक्रम के दौरान बच्चों ने सुंदर सांस्कृतिक प्रस्तुतियां दी। आचार्य ने प्रतिभागी बच्चों को पुरस्कार प्रदान कर उनका उत्साहवर्धन किया। महिला शिक्षिकाओं की प्रशंसा करते हुए कहा कि जिस प्रकार उन्होंने बच्चों को तैयार करके कार्यक्रम प्रस्तुत कराएं हैं। वह सराहनीय है।
यूनिट हेड केपी सिंह, प्रवीन कुमार श्रीवास्तव, परमानंद चौहान, संजीव गुप्ता, जयवीर सिंह, पंकज पवार, आनंद प्रकाश गुप्ता, डीके शुक्ला, देवेंद्र भाटी, नीरज कुमार, दुष्यंत त्यागी, अनुराग गुप्ता, उदयवीर बालियान आदि रहे।

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