एक हजार किमी तक एलएनजी से दौड़ेंगे ट्रक... गेल गैस खोलेगा स्टेशन
मेरठ में जल्द ही एलएनजी से चलने वाले ट्रक दिखाई देंगे। गेल गैस लिमिटेड एक साल के अंदर एलएनजी स्टेशन स्थापित करेगा। एलएनजी डीजल से 40% सस्ती है और प्रदूषण भी कम करती है। सीएनजी की तुलना में एलएनजी अधिक भरी जा सकती है, जिससे ट्रक एक बार में 1000 किमी तक चल सकेंगे। वर्तमान में 2000 से अधिक छोटे ट्रक सीएनजी में परिवर्तित किए गए हैं।

एक हजार किमी तक एलएनजी से दौड़ेंगे ट्रक। (प्रतीकात्मक फोटो)
जागरण संवाददाता, मेरठ। कुछ साल में ट्रकों से माल परिवहन सस्ता हो जाएगा और प्रदूषण स्तर में भी कमी आएगी। यह सब होने जा रहा है लिक्विफाइड नेचुरल गैस (एलएनजी) से। हम सब कंप्रेस्ड नेचुरल गैस (सीएनजी) और कंप्रेस्ड बायो गैस (सीबीजी) सुनते आ रहे हैं। सीएनजी के दौर में निजी वाहनों के साथ ही अब छोटे ट्रक भी सीएनजी में परिवर्तित हो रहे हैं, लेकिन कुछ समय बाद एलएनजी वाले ट्रक सड़कों पर दौड़ते दिखाई देंगे।
एलएनजी का ढांचा अभी एनसीआर या उत्तर भारत में मजबूत नहीं है।
महाराष्ट्र, गुजरात में ऐसे ट्रक बड़ी संख्या में सड़कों पर दौड़ते हैं। मेरठ समेत एनसीआर में भी ऐसे ट्रक लाए जाएं इसलिए गेल गैस लिमिटेड एक साल के अंदर एलएनजी स्टेशन स्थापित करेगा। कंपनी का लक्ष्य है कि ढांचा विकसित हो जाएगा तब ट्रक भी आ जाएंगे। गढ़रोड स्थित होटल हारमनी इन में गुरुवार को आयोजित गेल गैस के सेमिनार में गेल गैस मेरठ के महाप्रबंधक विनय कुमार ने बताया कि व्यावसायिक वाहनों के लिए एलएनजी ही भविष्य है। डीजल से प्रदूषण होता है इसलिए उसका विकल्प तलाशा गया है।
उन्होंने बताया कि वाहनों में सीएनजी की तुलना में एलएनजी अधिक मात्रा में भरी जाती है, इसलिए कई बड़ी कंपनियों ने एलएनजी ट्रक बनाने शुरू कर दिए हैं। इससे एक बार में गैस भरवाने पर एक हजार किमी तक वाहन दौड़ सकते हैं। गौरतलब है कि पेट्रोलियम मंत्रालय की ओर से प्रेस ट्रस्ट आफ इंडिया द्वारा जारी विज्ञप्ति में बताया गया था कि डीजल की तुलना में एलएनजी 40 प्रतिशत सस्ती पड़ती है। यही नहीं, सल्फर डायआक्साइड (एसओएक्स) उत्सर्जन में 100 प्रतिशत कमी और नाइट्रोजन आक्साइड गैसों (एनओएक्स) के उत्सर्जन में 85 प्रतिशत कमी आएगी।
मेरठ ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष गौरव शर्मा ने कहा, मेरठ में एलएनजी ट्रक नहीं हैं। हालांकि दो हजार से अधिक छोटे ट्रक जिनमें छह और चार टायर वाले शामिल हैं, वे सीएनजी में परिवर्तित कराए गए हैं। ओडिशा, छत्तीसगढ़, जम्मू एवं कश्मीर को छोड़कर बाकी राज्यों में अब सीएनजी वाले ट्रक भेजे जाने लगे हैं।
यह है एलएनजी
एलएनजी को लिक्विफाइड नेचुरल गैस (एलएनजी) कहते हैं। जिन क्षेत्रों में पाइपलाइन से गैस भेजना संभव नहीं है वहां एलएनजी कंटेनर से भेजी जाती है। प्राकृतिक गैस को 160 डिग्री सेल्सियस तक ठंडा करके लिक्विड फार्म (तरल) में इस्तेमाल और ट्रांसपोर्टेशन किया जाता है, जिससे कि यह गैसीय मात्रा के मुकाबले 1/600वें हिस्से में रखी जा सके, इसलिए इसे लिक्विफाइड नेचुरल गैस कहते है। यह गैस कम जगह में अधिक भरी जा सकती है। प्राकृतिक गैसों में एलएनजी को अधिक शुद्ध माना जाता है।

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