सीएम योगी हुए नाराज, अब सरकारी दफ्तरों में बदल जाएगी ये व्यवस्था; सभी DM और पुलिस अफसरों के लिए आ गया नया फरमान
उत्तर प्रदेश के सरकारी कार्यालयों में लैंडलाइन फोन की निष्क्रियता पर मुख्यमंत्री ने नाराजगी जताई है। उन्होंने सभी जिलाधिकारियों और पुलिस अधिकारियों को एक सप्ताह के भीतर सभी जिला स्तरीय विभागों में लैंडलाइन फोन सक्रिय करने का आदेश दिया है। मेरठ जिले में अधिकांश सरकारी कार्यालयों में लैंडलाइन फोन या तो काट दिए गए हैं या निष्क्रिय हैं।

जागरण संवाददाता, मेरठ। कुछ वर्ष पहले तक प्रत्येक कार्यालय में सभी काम लैंडलाइन फोन से किए जाते थे। मोबाइल फोन के चलन के साथ इनका उपयोग कम हो गया। वर्तमान में अधिकांश सरकारी कार्यालयों से या तो लैंडलाइन फोन कनेक्शन कट गए हैं अथवा वे क्रियाशील नहीं हैं।
मेरठ जनपद की स्थिति यह है कि यहां कुछ प्रमुख अधिकारियों को छोड़कर कहीं भी लैंडलाइन का प्रयोग नहीं हो रहा है। जिला प्रशासन और विकास भवन में तैयार होने वाली विभागों के फोन नंबर की सूची में से लैंडलाइन नंबर गायब हो गए हैं।
मुख्यमंत्री इन हालात से नाराज हैं। उन्होंने प्रदेश के सभी डीएम और पुलिस अधिकारियों को एक सप्ताह में सभी जिला स्तरीय विभागों में लैंडलाइन फोन क्रियाशील कराकर अधिकारियों के पदनाम के साथ सूची मांगी है। डीएम ने सभी को लैंडलाइन फोन क्रियाशील करके सूचना देने का आदेश दिया है।
कमिश्नर, डीएम, वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के अलावा इक्का दुक्का कार्यालय और अधिकारियों के निवास ही ऐसे हैं जहां वर्तमान में लैंडलाइन फोन स्थापित हैं और काम कर रहे हैं। कलक्ट्रेट परिसर में चार एडीएम के कार्यालय हैं। इनमें से केवल एडीएम प्रशासन के कार्यालय में लैंडलाइन फोन काम कर रहा है।
विकास भवन में तमाम विभागों के कार्यालय हैं लेकिन केवल सीडीओ कार्यालय में ही लैंडलाइन क्रियाशील है। सीडीओ कार्यालय में उपलब्ध जिला स्तरीय अधिकारियों के कार्यालयों के फोन नंबरों की सूची में केवल सीडीओ कार्यालय का ही लैंडलाइन नंबर दर्ज है। डीएम कार्यालय में उपलब्ध सूची में अधिकारियों के कार्यालय और निवास सभी के लैंडलाइन फोन के नंबर तो दर्ज हैं लेकिन इनमें क्रियाशील इक्का दुक्का ही हैं।
प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री द्वारा सभी डीएम और पुलिस अधिकारियों को भेजे गए पत्र में कहा गया है कि सरकारी कार्यालयों में स्थापित लैंडलाइन फोन के क्रियाशील न होने पर मुख्यमंत्री ने अप्रसन्नता व्यक्त की है। उन्होंने एक सप्ताह में सभी विभागों के जिला स्तरीय कार्यालयों में लैंडलाइन फोन को क्रियाशील करके अधिकारियों के पदनाम के साथ सूची उपलब्ध कराने का आदेश दिया है।
जिलाधिकारी डा. वी के सिंह ने एसएसपी, सीडीओ, सभी एडीएम, सिटी मजिस्ट्रेट, एसडीएम, सभी जिला स्तरीय अधिकारियों को इस आदेश का त्वरित गति से पालन करके सूचना उपलब्ध कराने का आदेश दिया है। जिसके बाद विभागों में हलचल शुरू हो गई है।
सीएम कार्यालय के आदेश का पालन कराया जा रहा है। सभी विभागों में एक सप्ताह में लैंडलाइन फोन क्रियाशील करा दिए जाएंगे। -डा. वी के सिंह, जिलाधिकारी
कभी 90 हजार से ज्यादा कनेक्शन थे, आज 7 हजार भी नहीं
मेरठ जनपद में वर्ष 2005 के आसपास लैंडलाइन फोन की संख्या 90 हजार से भी ज्यादा थी। लेकिन मोबाइल के उपयोग के साथ यह घटती गई। एक अप्रैेल 2014 को बीएसएनएल लैंडलाइन की जनपद में संख्या 45,204 थी। वर्तमान में लैंडलाइन फोन 7 हजार भी नहीं हैं। फाइबर (एफटीटीएच) को मिलाकर इनकी संख्या 14,368 है। वर्तमान में अन्य कंपनियों के भी फाइबर लैंडलाइन फोन जनपद में स्थापित हैं।

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