जाने कौन था सुल्ताना डाकू, जिससे कांपते थे अंग्रेज, अब फिल्म में दिखेगी उसकी दास्तान
अंग्रेजी शासनकाल में सुल्ताना डाकू का बिजनौर और आसपास के जिलों में आतंक था। कई इतिहासकारों का मानना है कि वह आम लोगों को नहीं सताता था। उनके बीच उसकी छवि राबिनहुड जैसी थी। जिम कार्बेट ने अपनी पुस्तक में उस पर एक अध्याय भी लिखा है।

मेरठ, जेएनएन। एक सदी पहले आतंक का पर्याय रहने के साथ-साथ इंडियन रॉबिनहुड की छवि रखने वाले सुल्ताना डाकू पर एक बार फिर फिल्म बनाने की तैयारी है।
कौन था सुल्ताना
सौ साल पहले सुल्ताना डाकू बिजनौर-कोटद्वार क्षेत्र में खौफ था। वर्तमान कुमाऊं तक उसका राज चलता था। कई इतिहासकारों का मानना है कि आम लोगों के बीच उसकी छवि राबिनहुड जैसी थी। वह अमीरों को लूटकर गरीबों को धन बांटता था। उससे अंग्रेजी हुकूमत और धन्ना सेठ आतंकित थे।
जिम कार्बेट ने अपनी पुस्तक में किया है जिक्र
अंग्रेज सरकार ने पुलिस अधिकारी फ्रेड्रिक यंग के नेतृत्व में सुल्ताना को पकड़ने के लिए टीम का गठन किया था। दिसंबर 1923 में नजीबाबाद के पास गिरफ्तार किया गया था। उसकी गिरफ्तारी के दौरान का एक दुर्लभ फोटो आज भी चर्चित है, जिसमें सुल्ताना कद-काठी से सामान्य इंसान लग रहा है। नैनीताल की अदालत में उस पर मुकदमा चला और उसे फांसी की सजा सुनाई गई। शिकारी और लेखक जिम कार्बेट ने अपनी पुस्तक 'माई इंडिया' में 'सुल्ताना: इंडियन रॉबिनहुड नाम से एक अध्याय भी लिखा है।'
दारा सिंह बने थे सुल्ताना
सुल्ताना पर पहले भी फिल्म बन चुकी है। वर्ष 1972 में आई सुल्ताना डाकू फिल्म में दारा सिंह सुल्ताना बने थे। सुल्ताना लोक विधा नौटंकी का मुख्य नायक भी रहा है। एक जमाने में सुल्ताना पर स्वांग और नौटंकी को लोग खूब पसंद करते थे। नौटंकी में इन पंक्तियों में उसके व्यक्तित्व के दर्शन होते हैं।
'पा के जर जो न खैरात न कौड़ी करे,
उन का दुश्मन खुदा ने बनाया हूं मैं।'
सुल्ताना डाकू के नाम पर मशहूर हो गया किला
इतिहासकारों के अनुसार सुल्ताना डाकू ने बिजनौर जिले गांव महावतपुर बिल्लौच में स्थित नवाब नजीबुद्दौला के किले पर कब्जा कर लिया था। वर्तमान में यह किला खंडहर में तब्दील हो चुका है, लेकिन इसे सुल्ताना डाकू के किले के तौर पर ही पहचाना जाता है।
मार्च के पहले सप्ताह में शुरू होगी शूटिंग
बिजनौर। नजीबाबाद के एक कार्यक्रम में फिल्म के लेखक एवं निर्देशक आलोक गोविल ने कहा कि फिल्म में सुल्ताना डाकू के अनछुए पहलुओं को उजागर करने का प्रयास किया जाएगा। नजीबाबाद निवासी चिकित्सक डा.राखी अग्रवाल व ध्रुव चौहान का भी इसमें अहम किरदार होगा। फिल्म की अधिकांश शूटिंग नजीबाबाद के पत्थरगढ़ किले व आसपास के क्षेत्र में मार्च के पहले सप्ताह में शुरू होगी।
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