Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Kisan Andolan: किसान आंदोलन के 11 माह पूरे होने पर गाजीपुर बार्डर पहुंचे मेरठ के भाकियू कार्यकर्ता

    By Prem Dutt BhattEdited By:
    Updated: Thu, 28 Oct 2021 08:40 AM (IST)

    Kisan Andolan मेरठ में भाकियू के प्रदेशाध्यक्ष राजवीर सिंह जादौन ने बताया कि गाजीपुर बार्डर पर किसानों की संख्या जुटी हुई है। मेरठ से भी कार्यकर्ता गाजीपुर बार्डर पहुंच गए हैं। तीनों कृषि कानूनों के खिलाफ संघर्ष अभी जारी है।

    Hero Image
    मेरठ से भाकियू कार्यकर्ता गाजीपुर बार्डर पहुंच गए हैं।

    मेरठ, जागरण संवाददाता। Kisan Andolan कृषि कानूनों के विरोध में दिल्ली की सीमाओं पर चल रहे किसान संगठनों के आंदोलन को 11 माह पूरे हो गए हैं। किसान आंदोलन के 11 माह पूरे होने पर मेरठ से भारतीय किसान यूनियन कार्यकर्ता दिल्ली गाजीपुर बार्डर पहुंच रहे हैं। प्रदेशाध्यक्ष राजवीर सिंह जादौन ने बताया कि गाजीपुर बार्डर पर किसानों की संख्या जुटी हुई है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    मंत्री की बर्खास्‍तगी की मांग

    तीनों कृषि कानूनों के वापस होने तक आंदोलन जारी रहेगा। उन्होंने कहा कि लखीमपुर खीरी में सरकार का चेहरा बेनकाब हुआ है। आरोप लगाया कि केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय टेनी के भड़काऊ बयान देने के बावजूद उन्हें मंत्रिमंडल से बर्खास्त नहीं किया गया। उन्होंने मांग रखी कि केंद्रीय गृह राज्य मंत्री को मंत्रिमंडल से बर्खास्त कर तत्काल गिरफ्तार किया जाए। मेरठ के पूर्व जिलाध्यक्ष मनोज त्यागी ने बताया कि सिवाया टोल प्लाजा पर मेरठ के कार्यकर्ताओं का धरना-प्रदर्शन 164 दिनों से जारी है। तीनों कृषि कानून जब तक वापस नहीं होंगे, तब तक धरना व विरोध जारी रहेगा।

    जवाहर सिंह बालियान का निधन

    गाजियाबाद जिला कोषाध्यक्ष पद पर रहे भाकियू नेता जवाहर सिंह बालियान का बुधवार को निधन हो गया। यह जानकारी भारतीय किसान यूनियन मेरठ के वाट्स एप ग्रुप पर दिनेश खेड़ा ने दी। उन्होंने बताया कि जवाहर सिंह बालियान ने किसानों के मसीहा स्व. महेंद्र सिंह टिकैत के साथ नैनी इलाहबाद व महोबा जैसी जेलों का सफर किया है। सन् 1987 से लगभग छह वर्ष तक वह जनपद गाजियाबाद के कोषाध्यक्ष व मेरठ मंडल के उपाध्यक्ष भी रहे हैं। वह पिछले छह वर्षों से शुगर, पैरालाइसिस आदि गंभीर बीमारियों से ग्रस्त थे। उनके निधन पर भाकियू कार्यकर्ताओं ने दुख प्रकट करते हुए संगठन के लिए उनके निधन को बड़ा नुकसान बताया।