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    आजमाइए तो सही, औषधीय गुणों से भरपूर गिलोय के सेवन से गुर्दा रहेगा सलामत

    By Prem BhattEdited By:
    Updated: Wed, 08 Jan 2020 02:00 PM (IST)

    कहते हैं कि दवा कड़वी हो तो ज्यादा कारगर होती है। आयुर्वेद के खजाने में गिलोय ऐसी ही दवा है जिसे सर्वव्याधिनाशक कहा गया है।

    आजमाइए तो सही, औषधीय गुणों से भरपूर गिलोय के सेवन से गुर्दा रहेगा सलामत

    मेरठ, [संतोष शुक्ल]। कहते हैं कि दवा कड़वी हो तो ज्यादा कारगर होती है। आयुर्वेद के खजाने में गिलोय ऐसी ही दवा है, जिसे सर्वव्याधिनाशक कहा गया है। मेडिकल कालेज के फार्माकोलोजी विभाग ने शोध में पाया कि गिलोय गुर्दे की बीमारी को पूरी तरह ठीक कर सकता है। यह शोध अंतरराष्ट्रीय मेडिकल जर्नल में भी छपा है।

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    चूहों का गुर्दा खराब किया, फिर गिलोय से ठीक

    मेडिकल कालेज के फार्माकोलोजी विभागाध्यक्ष डा. केके सक्सेना ने बताया कि डा. मोनिका शर्मा, डा. पिंकी ने 24 चूहों को चार भागों में बांटकर शोध किया। एंटीबायोटिक जेंटामाइसीन का प्रयोग चूहों की किडनी को डैमेज करने के लिए किया गया। ग्रुप-एक में चूहों को 21 दिनों तक दो मिलीलीटर नमक, ग्रुप दो में चूहों को 21 दिनों तक नमक के साथ पांच दिनों तक जेंटामाइसीन दी गई। ग्रुप-3 में 250 मिलीग्राम गिलोय 21 दिनों तक देने के बाद फिर पांच दिनों तक जेंटामाइसीन दी गई।

    डैमेज किडनी में 60 प्रतिशत तक सुधार

    अंतिम ग्रुप के चूहों को 500 मिलीग्राम गिलोय दिया गया। परिणाम यह रहा कि डैमेज किडनी में 60 प्रतिशत तक सुधार मिला। इस शोध को जुलाई 2019 में इंटरननेशनल जर्नल आफ बेसिक एंड क्लीनिकल फार्माकोलोजी में छापा गया। बाद में यह फार्मूला मरीजों पर अपनाया गया, जहां क्षतिग्रस्त किडनी में तेजी से सुधार मिला। शोध टीम ने इसे देश के कई मेडिकल कांफ्रेंसों में प्रजेंट किया है।

    इनका कहना है

    गिलोय के औषधीय गुणों का एलोपैथिक तरीके से ट्रायल किया गया। चूहों की किडनी खराब करने के लिए जेंटामाइसीन दी गई, जिसे गिलोय देकर ठीक कर लिया गया। देशभर में कई मेडिकल सेमिनारों में प्रजेंटेशन सराहा गया। शोध इंटरनेशनल जर्नल में भी छपा।

    - डा. केके सक्‍सेना, विभागाध्यक्ष, फार्माकोलोजी, मेडिकल कालेज

    गुर्दे से विषाक्त पदार्थ निकाल देता है गिलोय

    गिलोय को गुड़ूची व अमृतबेल भी कहा जाता है। मैंने कई मरीजों पर शोध किया। गिलोय का सत्व गुर्दे में जमा विषाक्त पदार्थ बाहर निकालकर बीमारी ठीक करता है। आयुर्वेदिक ग्रंथों में इसे जीवंतिका कहा गया है। ये पुराने बुखार समेत सभी रोगों में कारगर है। ये उत्तम एंटीबायोटिक और शुगरनाशक भी है।

    - डा. देवदत्त भादलीकर, प्राचार्य, महावीर आयुर्वेदिक मेडिकल कालेज