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kidney Transplant: क्रास ब्लड ग्रुप में आज होगा मेरठ में पहला गुर्दा प्रत्यारोपण, महज नौ घंटे में मिली रिपोर्ट

kidney Transplant यह मेडिकल क्षेत्र में मेरठ के एक बड़ी कामयाबी होगी। पहली बार क्रास ब्लड ग्रुप में गुर्दा प्रत्यारोपण होने जा रहा है। इसके संबंध में ग्रीन कारिडोर के माध्‍यम से सैंपल 89 मिनट में दिल्ली पहुंचा था और सिर्फ नौ घंटे में मिल गई रिपोर्ट।

By Prem Dutt BhattEdited By: Published: Tue, 28 Sep 2021 08:30 AM (IST)Updated: Tue, 28 Sep 2021 08:57 AM (IST)
kidney Transplant: क्रास ब्लड ग्रुप में आज होगा मेरठ में पहला गुर्दा प्रत्यारोपण, महज नौ घंटे में मिली रिपोर्ट
मेरठ शरीर गुर्दा प्रत्यारोपण के लिए तैयार, एंटीबाडी न्यूनतम मिली।

मेरठ, जागरण संवाददाता। ग्रीन कारिडोर बनाकर मरीज का ब्लड सैंपल जांच के लिए रोहिणी भेजना सफल रहा। रिपोर्ट महज नौ घंटे में मिल गई, और मरीज का शरीर गुर्दा प्रत्यारोपण के लिए तैयार मिला। मरीज के रक्त में बी-ग्रुप के खिलाफ एंटीबाडी का स्तर सिर्फ 1.32 मिला, जबकि एक दिन पहले यह मात्रा 1.60 से ज्यादा थी। क्रास ब्लड ग्रुप में यह मेरठ में पहला प्रत्यारोपण होगा।

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यह है केस 

हापुड़ निवासी महिला का गुर्दा खराब है, जिसे उनकी बेटी अपना गुर्दा दे रही है। मरीज का ब्लड ग्रुप-ओ निगेटिव है, जबकि बेटी का-बी पाजिटिव। ऐसे में एबीओ इंकंपिटेबल ट्रांसप्लांट किया जा रहा है। मरीज के सैंपल में बी के खिलाफ एंटीबाडी का स्तर जांचने के लिए सोमवार सुबह 4.43 बजे ग्रीन कारिडोर बनाकर ब्लड सैंपल नई दिल्ली के रोहिणी स्थित लैब भेजा गया। वाहन सुबह 6.12 बजे लैब पहुंच गया। वहां से दोपहर तीन बजे तक रिपोर्ट मिल गई। गुर्दा रोग विशेषज्ञ डा. संदीप गर्ग ने बताया कि रिपोर्ट प्रत्यारोपण के अनुकूल मिली है। मंगलवार सुबह 6.30 बजे डा. संदीप गर्ग, डा. शालीन शर्मा एवं डा. शरद प्रत्यारोपण की प्रकिया शुरू करेंगे।

15 दिन के इलाज से खत्म की गई एंटीबाडी

 - मरीज के शरीर में बी ग्रुप के खिलाफ बनी एंटीबाडी निकालने के लिए प्लाज्मा फेरसिस प्रक्रिया अपनाई गई। हर फेरिसिस के बाद रिटूक्सीमैब इंजेक्शन लगाया गया, जिससे एंटी बी एंटीबाडी बननी बंद हो जाती है।

- प्लाज्मा फेरिसिस में मरीज के शरीर में मोनोक्लोनल एंटीबाडी एंगेंस्ट सीडी-23 दी गई। यह भी एंटी-बी एंटीबाडी बनने से रोकता है।

क्या कहते हैं विशेषज्ञ

क्रास ब्लड ग्रुप ट्रांसप्लांट एक जटिल प्रकिया है, क्योंकि मरीज के शरीर को इसके लिए तैयार करना पड़ता है। संक्रमण का भी रिस्क होता है। इम्युनासप्रेसिव दवा देने के अलावा प्लाज्मा निकालने एवं मोनोक्लोनल एंटीबाडी भी दी जाती है। आपरेशन की प्रक्रिया सामान्य होती है। मंगलवार को आपरेशन कर प्रत्यारोपण कर दिया जाएगा।

- डा. संदीप गर्ग, गुर्दा रोग विशेषज्ञ। 


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