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    Kedarnath Dham Cloud Burst: 'दहशत में जागकर काटी रात, दो KM का रास्ता आठ घंटे में हुआ पूरा', मेरठ के परिवार ने बताई आपबीती

    Kedarnath Dham Cloud Burst Update Meerut Family News केदारनाथ में बादल फटने के दौरान मेरठ के ब्रह्मपुरी का परिवार फंस गया था। वे सुरक्षित हैं लेकिन जो खाैफनाक रात परिवार ने गुजारी है उसे देखकर सभी सहम गए। पांच साथियों के साथ केदारनाथ से हरिद्वार पहुंचे यश ने बताया कि रस्से की सहायता से खाई व पर्वत पार कर जान बचाई।

    By Jagran News Edited By: Abhishek Saxena Updated: Sat, 03 Aug 2024 08:45 AM (IST)
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    Meerut News: केदारनाथ में परिवार की तस्वीर और बादल फटने से आया मलबा। सौः परिवार द्वारा उपलब्ध कराई।

    जागरण संवाददाता, मेरठ। केदारनाथ दर्शन के लिए गए 40 से अधिक श्रद्धालुओं को वहां बादल फटने और सड़क बह जाने से भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। जयदेवी नगर के चार युवक केदारनाथ में सुरक्षित हैं। खरखौदा के गांव पांची निवासी तीन युवक समेत 30 से अधिक लोग अभी गौरीकुंड में फंसे हैं। गुरुवार देर रात अपने परिवार के साथ वापस आए ब्रह्मपुरी निवासी मोनू ने बताया कि बादल फटने की घटना के बाद दहशत में पूरी रात जागकर गुजारी पड़ी थी।

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    अपने पांच साथियों के साथ केदारनाथ से हरिद्वार सुरक्षित पहुंचे यश ने बताया कि 31 जुलाई को रात करीब आठ बजे जिस समय बादल फटा वह उससे सात किलोमीटर दूर थे। पुलिस ने आगे जाने से रोक दिया। रात वहीं पर टेंट में बिताई। इसके बाद एक दिन में करीब 35 किलोमीटर की दूरी तय करते हुए रस्से की सहायता से पर्वत और खाई पार कर सुरक्षित स्थान पर पहुंचे।

    अचानक खराब होने लगा मौसम

    ब्रह्मपुरी निवासी मोनू शर्मा अपनी पत्नी सुधा और दो बेटियों के साथ 28 जुलाई को हरिद्वार गंगा स्नान के लिए गए थे। यहां से वह केदारनाथ के लिए रवाना हुए। गौरीकुंड स्थित पार्किंग में बाइक खड़ी कर दंपती ने चढ़ाई की और 30 जुलाई को दर्शन कर वापस रवाना हुए। करीब आठ किमी चलने के बाद अचानक मौसम खराब हुआ और तेज आवाज के साथ पत्थर गिरने लगे। दशहत में आया परिवार पूरी रात जागता रहा और सुबह देखा तो करीब 20 मीटर सड़क बह गई थी। किसी प्रकार सुबह आठ बजे पहाड़ को पार करने के लिए प्रयास शुरू हुए और बचाव टीम की मदद से दो किमी लंबा रास्ता शाम चार बजे तक पूरा हुआ।

    मोनू ने बताया कि केदारनाथ पर गंगाजल का अभिषेक करने के लिए तमाम कांवड़ियां भी पैदल यात्रा कर रहे थे, लेकिन सड़क बह जाने से वह भी फंस गए। मोनू ने बताया कि यहां कांवड़ियों ने प्यास से बेहाल बच्चों को अपना गंगाजल पिलाया। सभी ने एक-दूसरे की मदद वहां से निकलने में की। अभी गौरीकुंड व अन्य स्थानों पर मेरठ के करीब 30 से अधिक लोग फंसे हैं।

    केदारनाथ में खींची युवक की तस्वीर।

    बादल फटने से ढह गए पुल

    प्रभातनगर निवासी यश गुप्ता पांच अन्य साथियों के साथ केदारनाथ गए थे। उन्होंने बताया कि बादल फटने के बाद कई पुल ढह गए और सड़क का पता नहीं है। बड़ी संख्या में लोग फंसे हैं। स्थानीय पुलिस प्रशासन ने कोई मदद नहीं की। शुक्रवार को दोपहर में हरिद्वार पहुंचकर स्वजन से बात की।

    अभी भी फंसे हैं मेरठ के लोग

    मेरठ के सात लोगों का एक ग्रुप उन्हें रास्ते में मिला था। संयुक्त व्यापार संघ के अध्यक्ष नवीन गुप्ता के भांजे यश गुप्ता के साथ बुढ़ाना गेट के हर्षित बंसल, यश बंसल, चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय परिसर के देव ठाकुर, सिविल लाइन स्थित पीडब्ल्यूडी कालोनी निवासी यमन चौधरी, गंगानगर निवासी आकाश वर्मा भी साथ गए थे। यश के अनुसार, वहां मेरठ के 30 लोगों के फंसे होने की संभावना है।

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    फोन कर बताया हाल, अब स्वजन कर रहे इंतजार

    खरखौदा क्षेत्र के गांव पांची निवासी सूरज अपने साथी रोहित और गौरव के साथ 29 जुलाई को केदारनाथ धाम गए थे। सोनप्रयाग के पास पार्किंग में वाहन खड़ा कर मंदिर के दर्शन को रवाना हुए। वापस लौटते समय गौरीकुंड के पास बादल फटने व सड़क बह जाने से वहीं फंस गए। शुक्रवार सुबह सूरज ने अपने पिता राजेंद्र को फोन कर जानकारी दी और पूरा घटनाक्रम विस्तार से बताया। सूरज ने बताया कि स्थानीय लोग व प्रशासन उन्हें निकालने का प्रयास कर रहे हैं।

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    जयदेवी नगर निवासी राकेश कुमार ने बताया कि उनके बेटे तरुण समेत चारों लोग सुरक्षित हैं। उसके साथ जयदेवी नगर के ही अंकित, जोनी और अज्जो हैं। शुक्रवार को शाम को बेटे ने किसी के फोन से उनसे बात कर अपने कुशल होने की सूचना देते हुए बताया कि वह अभी केदारनाथ में ही हैं। रास्ता साफ होने के बाद निकलेंगे।