International Mount Everest Day: माउंट एवरेस्ट पर बेटियों के तिरंगा फहराने के सपने को साकार करेंगी तूलिका
International Mount Everest Day माउंट एवरेस्ट पर आरोहण करने वाली वे उत्तर प्रदेश की प्रथम महिला बनीं। यही नहीं भारत नेपाल भूटान ईरान रूस व अफ्रीका में 25 पर्वतारोहण एवं ट्रेकिंग अभियान कर चुकीं पूर्व स्क्वाड्रन लीडर डा. तूलिका ईरान में स्थित एशिया के सर्वोच्च ज्वालामुखी माउंट दामावंत पर भी तिरंगा फहराने वाली प्रथम भारतीय महिला होने का गौरव रखती हैं।
राजेंद्र शर्मा, मेरठ। क्रांतिधरा मेरठ की बेटी, पूर्व भारतीय वायु सेना अधिकारी, पर्वतारोही, लेखिका एवं असिस्टेंट प्रोफेसर डा. तूलिका रानी ने 26 मई-2012 को माउंट एवरेस्ट की चोटी पर तिरंगा फहराकर मेरठ का नाम स्वर्णिम अक्षरों में लिखा था। प्रदेश के साथ विश्व में भी देश का गौरव बढ़ाया।
10 साल भारतीय वायु सेवा में कार्यरत रहीं
मेरठ में जन्मी और 10 साल भारतीय वायु सेना में बतौर प्रशासनिक अधिकारी एवं आउटडोर प्रशिक्षण अधिकारी रह चुकीं डा. तूलिका सैकड़ों अधिकारियों को सैन्य प्रशिक्षण दे चुकी हैं, जिनमें भारत की प्रथम तीन महिला फाइटर पायलट भी हैं। अंतरराष्ट्रीय वक्ता के रूप में वे भारत, अमेरिका, कनाड़ा, मलेशिया, रूस, साइप्रस, यूनाटेड किंगडम व इटली समेत अन्य देशों में चार सौ से अधिक व्याख्यान एवं रेडियो व टीवी पर साक्षात्कार भी दे चुकी हैं।
6 पुस्तकें भी अब तक हो चुकीं प्रकाशित
डा. तूलिका ने लेखिका के रूप में भी अलग पहचान बनायी हैं। उनकी अब तक छह किताबें प्रकाशित हो चुकी हैं। इनमें हिमालय को केंद्र बनाकर लिखा गया है। उनकी पुस्तक बियांड दैट वाल के लिए उन्हें साहित्य श्री तथा यंग राइटर अवार्ड से सम्मानित किया गया है। हाल ही में हिमालय पर कविताओं की अंतरराष्ट्रीय पुस्तक का संपादन भी किया है। जिसका विमोचन 29 मई-2024 को काठमांडू अंतरराष्ट्रीय फिल्म फेस्टिवल में किया जाएगा।
जी-20 में बनी ब्रांड एंबेसडर
स्क्वाड्रन लीडर डा. तूलिका वर्ष-2023 में भारत की जी-20 अध्यक्षता के दौरान उप्र सरकार के उच्च शिक्षा विभाग की जी-20 ब्रांड एंबेसडर भी रह चुकी हैं। वहीं, वर्ष-2024 के लोकसभा चुनाव में डीएम लखनऊ ने उन्हें मुख्य मतदाता जागरूकता कार्यक्रम (स्वीप) की डिस्ट्रिक्ट आइकन भी नियुक्त किया।
बेटियों के लिए अकादमी खोलना मेरा सपना
वर्तमान में लखनऊ रह रहीं डा. तूलिका का कहना है कि बेटियों के लिए कुछ करनी की चाहत मन में हमेशा रही हैं। अंतर्राष्ट्रीय माउंट एवरेस्ट दिवस 29 मई पर उनका संकल्प है कि वे पर्वतारोहण के क्षेत्र में आगे बढ़ाने वाली बेटियों के लिए अकादमी खोलें और उनके सपने को साकार करें।
अब उनका सपना है कि उत्तर प्रदेश की अन्य बेटियों भी माउंट एवरेस्ट समेत अन्य चोटियों पर फतेह प्राप्त करें। इसके लिए बालिकाओं को पर्वतारोहण का प्रशिक्षण देने के लिए वे अकादमी खोलेंगी। इसके लिए प्रदेश सरकार से सहयोग की उम्मीद करती हैं ताकि भविष्य में मेरठ व लखनऊ समेत प्रदेश के विभिन्न जिलों की बालिकाएं भी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पर्वतारोहण अभियान कर प्रदेश व देश का गौरव बढ़ा सकें।
मेरठ की बेटी होना मेरे लिए गर्व की बात
जन्म भूमि होने के कारण क्रांतिधरा मेरठ से मेरा विशेष लगाव है। मेरे लिए यह गर्व की बात भी है। मेरठ सदैव से प्रतिभाओं का गढ़ रहा है। यहां का खेल उपकरणों का व्यवसाय विश्व प्रसिद्ध है। शिक्षा उन्नत स्तर की हैं।सेना में भी यहां से युवाओं की बड़ी भागेदारी होती है। भौगोलिक रूप से यह हमारे देश के पहाड़ी इलाकों उत्तराखंड व हिमाचल के समीप है। आवश्यकता सिर्फ इस बात की है कि व्यवस्थित रूप से विशेष संस्था बनाकर पर्वतारोहण का प्रशिक्षण दिया जाए। ताकि रोजगार के नए-नए अवसर सृजित हों और प्रतिभाओं को भी अवसर मिलें।