यूपी के इस जिले में इंडस्ट्रियल कॉरिडोर के लिए 292 हेक्टेयर भूमि का होगा अधिग्रहण, तीन गांवों की जमीन चिह्नित
मेरठ में गंगा ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे के किनारे औद्योगिक गलियारा के दूसरे चरण के लिए जिला प्रशासन ने 453 करोड़ का भूमि क्रय प्रस्ताव कमिश्नर को भेजा है। हापुड़ रोड पर तीन गांवों की 292 हेक्टेयर जमीन चिह्नित है, जिसका किसान विरोध कर रहे हैं। देशी-विदेशी कंपनियों की मांग के चलते शासन जल्द जमीन खरीदना चाहता है। यूपीडा के निर्देश पर यह प्रस्ताव तैयार किया गया है।

प्रतीकात्मक तस्वीर
अनुज शर्मा, मेरठ। गंगा ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे के किनारे बसाए जा रहे औद्योगिक गलियारा के दूसरे चरण की जमीन का क्रय प्रस्ताव जिला प्रशासन ने किसानों के विरोध के बीच तैयार करके कमिश्नर के पास भेज दिया है। अब यहीं से यह प्रस्ताव स्वीकृति के लिए यूपीडा कार्यालय लखनऊ भेजा जाएगा।
दूसरे चरण के लिए हापुड़ रोड पर तीन गांवों की 292 हेक्टेयर जमीन चिह्नित है। किसान इसका विरोध कर रहे हैं। लेकिन देशी विदेशी कंपनियों की मांग को देखते हुए प्रदेश शासन जल्द से जल्द जमीन खरीद कराना चाहता है। जिसके चलते जिला प्रशासन ने केवल जमीन का क्रय प्रस्ताव तैयार किया है। जो कि 453 करोड़ का है। इसमें किसानों के खेतों में मौजूद परिसंपत्तियों का मूल्य शामिल नहीं है।
विरोध के चलते एक साल से अटकी है भूमि खरीद की प्रक्रिया
मेरठ में औद्योगिक गलियारा के पहले चरण में बिजौली और खरखौदा की 214 हेक्टेयर जमीन की खरीद सहमति से की जा रही है। यह प्रक्रिया अंतिम दौर में हैं। इसी बीच दूसरे चरण के लिए इसी से सटे तीन गांवों खड़खड़ी, छतरी और गोविंदपुरी की 292 हेक्टेयर भूमि को चिह्नित करके इसकी भी खरीद करने की घोषणा कर दी गई। घोषमा के साथ ही तीनों गांवों के किसान विरोध में खड़े हो गए। उन्होंने जिला प्रशासन के विभिन्न अधिकारियों के कार्यालयों में पहुंचकर जमीन न देने की घोषणा की औद्योगिक गलियारा के दूसरे चरण की योजना को निरस्त करने की मांग की।
यूपीडा के आदेश पर तैयार हुआ भूमि का क्रय प्रस्ताव
किसानों के विरोध के कारण जिला प्रशासन भूमि खरीद की प्रक्रिया को आगे नहीं बढ़ा पा रहा है। वहीं औद्योगिक गलियारा में जमीन खरीद के लिए देशी विदेशी कंपनियां लालायित हैं और लगातार मेरठ पहुंच रही हैं। इसे देखते हुए सरकार और यूपीडा जल्द से जल्द जमीन की खरीद कराना चाहते हैं।
लगातार समीक्षा बैठकें की जा रही हैं जिनमें प्रक्रिया को आगे बढ़ाने का निर्देश दिया जा रहा है। यूपीडा अधिकारियों के निर्देश पर जिला प्रशासन ने दूसरे चरण की 292 हेक्टेयर भूमि का क्रय प्रस्ताव तैयार किया है। यह 453 करोड़ का है। जिसमें केवल भूमि खरीद में होने वाला खर्च शामिल किया गया है। खेतों में मौजूद परिसंपत्तियां इसमें शामिल नहीं हैं।
पहले चरण की अभी बाकि है 49 हेक्टेयर जमीन खरीद
औद्योगिक गलियारा के पहले चरण के लिए 214 हेक्टेयर में से अभी तक 165 हेक्टेयर भूमि की व्यवस्था हो सकी है। किसानों से 45 हेक्टेयर भूमि की खरीद की जानी है। हालांकि जिला प्रशासन इस बची जमीन के अधिग्रहण की घोषणा का प्रकाशन भी करा चुका है।
औद्योगिक गलियारा के दूसरे चरण की भूमि की व्यवस्था को लेकर शासन से लगातार निर्देश दिए जा रहे हैं। इस भूमि का क्रय प्रस्ताव तैयार कराकर यूपीडा को भेजा गया है। इससे संबंधित गांवों के किसानों की समस्याओं का भी समाधान कराया जाएगा।
डा. वी के सिंह, जिलाधिकारी

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