भूसा मंडी-01 भूसा मंडी प्रकरण में 'अपने' ने ही लगवाया था खाकी पर दाग
भूसा मंडी मछेरान बवाल में अपने ने ही खाकी को शर्मिदा कर दिया। एक सिपाही ने पूर्व कोतवाल को दोबारा सदर बाजार प्रभारी बनवाने के लिए घिनौनी चाल रची थी। स ...और पढ़ें

मेरठ । भूसा मंडी मछेरान बवाल में 'अपने' ने ही खाकी को शर्मिदा कर दिया। एक सिपाही ने पूर्व कोतवाल को दोबारा सदर बाजार प्रभारी बनवाने के लिए घिनौनी चाल रची थी। सिपाही ने पुलिस पर आगजनी करने का आरोप लगाने के लिए लोगों को उकसाया था, परंतु वह सफल नहीं हो पाया। सिपाही की इस करतूत की जांच गोपनीय रूप से शुरू कर दी गई है।
सूत्रों के मुताबिक, सदर बाजार थाने के एक पूर्व इंस्पेक्टर और सिपाही में बड़ी जुगलबंदी थी। अक्सर दोनों साथ नजर आते थे। इंस्पेक्टर का स्थानांतरण किसी दूसरे थाने में हो गया। यह बात इंस्पेक्टर और सिपाही को नागवार गुजरी। वर्तमान थाना प्रभारी विजय कुमार गुप्ता को सदर से हटवाकर दोबारा चार्ज लेने के लिए इंस्पेक्टर और सिपाही ने चाल चलनी शुरू कर दी। इसी बीच भूसा मंडी मछेरान बवाल हो गया। इंस्पेक्टर व सिपाही को मौका मिल गया। चर्चा है कि जब लोगों ने झुग्गी-झोपड़ियों में आग लगाई तो इंस्पेक्टर के खास सिपाही ने लोगों को बरगलाना शुरू कर दिया।
आरोप है, सिपाही ने भूसा मंडी के अपने मुखबिरों से कहा कि वह सदर थाना प्रभारी पर आग लगवाने का आरोप लगाए और पूर्व इंस्पेक्टर को दोबारा चार्ज देने की मांग की जाए। लोगों ने भी वैसा ही किया। पुलिस के प्रति आक्रोश फूट गया। काफी हंगामा हुआ, परंतु सिपाही व इंस्पेक्टर के मंसूबों पर मोबाइल वीडियो ने पानी फेर दिया। गिरफ्त में आए आरोपितों ने राजफाश कर दिया कि आग मुख्य आरोपित काली व उसके पुत्रों ने लगाई थी, जो अभी तक फरार हैं।
इंस्पेक्टर के पीछे गया सिपाही
सदर थाने में पूर्व में तैनात रहे इंस्पेक्टर और सिपाही की जुगलबंदी इतनी मजबूत है कि जहां भी जाते हैं साथ जाते हैं। सदर से तबादले के बाद सिपाही ने भी अपना स्थानांतरण इंस्पेक्टर के थाने में ही करा लिया। दोनों की यह जुगलबंदी अधिकारी भी भांप गए हैं और मामले की जांच शुरू करा दी है। बेहद गोपनीय रूप से सिपाही की जांच कराई जा रही है। यदि निष्पक्ष जांच होती है तो सिपाही पर कार्रवाई तय है।
चरस माफिया से कनेक्शन भी आया सामने
सूत्रों के मुताबिक, भूसा मंडी के एक जिम्मेदार व्यक्ति ने पूर्व कोतवाल की एक चरस माफिया से सेटिंग कराई थी। उक्त सेटिंग भी सिपाही के जरिए हुई थी, जिसमें करीब साढ़े चार लाख रुपये का लेन-देन बताया जा रहा है। इस सेटिंग के कुछ दिनों बाद ही कोतवाल का ट्रांसफर हो गया। यह बात सिपाही और चरस माफिया से सेटिंग कराने वाले जिम्मेदार व्यक्ति को हजम नहीं हुई।
ये है मामला
छह मार्च को सदर बाजार की भूसा मंडी में अवैध निर्माण ढहाने गई कैंट बोर्ड व पुलिस की टीम पर स्थानीय लोगों ने पथराव कर दिया था। एक पुलिसकर्मी से वायरलेस सेट व कैंट बोर्ड कर्मचारी से मोबाइल भी लूट लिया गया था। लाठीचार्ज कर पुलिस चार लोगों को हिरासत में लेकर आ गई थी। इसके आधा घंटे बाद ही असामाजिक तत्वों ने डेढ़ सौ से अधिक झुग्गियों में आगजनी कर दी। इसके बाद बवालियों ने दिल्ली रोड पर 22 वाहनों में तोड़फोड़ व लूटपाट की थी। पुलिस अब तक 80 संदिग्ध व 30 बवाली चिह्नित कर चुकी है।
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ये पकड़े गए आरोपित
सदर थाना प्रभारी विजय कुमार गुप्ता ने बताया कि सभी पर आरोपितों पर 25-25 हजार रुपये का इनाम है। अभी तक 10 आरोपित गिरफ्तार किए जा चुके हैं। मुख्य आरोपित काली व उसके पुत्र फरार हैं। उनकी गिरफ्तारी के लिए दबिश दी जा रही है।
मामले की जांच कराई जा रही है। जो भी दोषी होगा उसे बख्शा नहीं जाएगा। फरार चल रहे आरोपित भी शीघ्र गिरफ्तार कर लिए जाएंगे।
- डा. अखिलेश नारायण सिंह, एसपी सिटी।

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